Saturday, March 9, 2013

ज्योतिषा और वास्तु के अनुसार परीक्षा में सफलता कैसे प्राप्त करे : शिक्षा प्राप्ति के लिए सरल उपाय :How to get success in the exam the simple formula:

 ज्योतिष और वास्तु के अनुसार परीक्षा में सफलता कैसे प्राप्त करे।
ज्योतिषानुसार शनि की साढ़ेसाती और ढैया भी पढ़ने में अरुचि होती है।  विद्यार्थी की कुंडली को पढ़वाकर उसके उपाय करना होता है।
 इसके लिए सरसों के तेल का छाया दान।
शनि की वस्तुओं का दान । 

शनि के मंत्रों का जप।  
शनि मंदिर का दर्सन मन को एकाग्रचित्त करता  हैं।
मन को एकाग्रचित्त करने के लिए प्राणायाम ।
 शरीर में शक्ति व स्फूर्ति पैदा होती है, मन एकाग्र हो जाता है। 
 प्राणायाम कर लेना लाभदायक होता है।
 सरस्वती यंत्र की स्थापना करना होता  है  और सरस्वती मंत्र का जप  लाभप्रद है।
 ।। ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नमः ।।
 देवि सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता ।

 नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
 गायत्री मंत्र का जप रुद्राक्ष और स्फटिक मिश्रित माला पर कीजये । 
ओम  भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम । भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
 सरस्वती मंत्र सहित सरस्वती लाॅकेट बुधवार को धारण करें।
 बुधवार को गणेष जी  अराधना करे ।
 पढ़ाई के कमरे में मां सरस्वती का चित्र रखें। 
पढ़ते समय अपना मुख पूर्व या ईशान की ओर रखें। 
 मन एकाग्र रहेगा। 
सोते समय अपने  सिर दक्षिण दिशा में रखें।
 प्रातः काल ताजा व ऊर्जावान महसूस करेंगे।
परीक्षा में सफलता के उपाय:
विद्यार्थियों को अध्ययन करते समय अपना मुंह पूर्व ,उत्तर की हो ।
ब्रम्हा मुहूर्त में उठकर अध्ययन करीये ।
पाठच्य पुस्तकों में गुरुवार के दिन मोरपंख रखें।
ब्राम्ही का सेवन करे ।
परीक्षा में अपने पास कपूर और फिटकरी रखनी चाहिए ,यह नकारात्मक ऊर्जा को हटाते हैं।
गणेशजी का स्मरण करें
भगवान गणेशजी को हर बुधवार के दिन दूर्वा चढ़ाने से बच्चों में कुशाग्र बुद्धि आती  है।
मां सरस्वती का याद करें।
अपनी जिह्वा को तालु में लगाकर मां सरस्वती के बीज मंत्र ‘ऐं’ मंत्र का जाप करे। 

परीक्षा में जाने से पूर्व मीठे दही पर तुलसी के पत्ते रखकर सेवन करके घर से निकलें।
बुधवार या पंचमी  को बच्चे  जीभ पर चांदी की शलाका मधु में डुबाकर उससे 'ऐं' मंत्र लिख देने से बच्चा विद्वान होता है।
वृष या कुंभ लग्न के जातक , पन्ना बुधवार को कनिष्ठिका में धारण करना चाहिए।
 गणेश जी को 'ॐ गं गणेशाय नमः' पढ़ते हुए 108 बार बारी-बारी से दुर्वा चढ़ाएं।
गणपति जी के श्लोक का पाठ कर गणेश जी का ध्यान करके अध्ययन करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी को गणेश जी की पूजा करके 'ॐ गं गणेशाय नमः' या 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप  करना चाहिए।
अध्धयन कक्ष में कभी भी कोई कॉपी किताबें पेन पेंसिल को खुला न रखें
अध्धयन कक्ष में कॉपी किताबों को हमेशा उनकी नियत स्थान , बैग या अलमारी में ही सलीके से रखें।

 पड़ाई की मेज, कुर्सी टूटी न हो। 
 कापी, किताबें फटी न हो. धूल मिटटी की  साफ सफाई होती रहे ।
पड़ने की मेज पर खाना नहीं खाना चाहिए ,  पड़ाई की टेबिल पर कॉपी किताबें बंद करके , बनाये गए स्थान पर ही खाना चाहिए ।
पड़ाई करते समय अपने इष्ट देव का ध्यान   करना चाहिए।
सरस्वती यंत्र को गले में धारण  करना चाहिए।

तुलसी के पत्तों को मिश्री के साथ पीसकर उसका रस विधार्थी को पिलाने से उसकी स्मरण शक्ति का बडती  है ।   
गणेश चालीसा का पाठ करें।
 कमरे की ईशान की दीवार पर माँ सरस्वती की तस्वीर लगायें। 
 अपने माता पिता, घर के अन्य बडे् बुजुर्ग के रोज चरण स्पर्श करें। गुरुजनों को पूर्ण सम्मान दें। 
परीक्षा देने जाते समय यदि छात्र कोई भी मीठा खाकर जाये। 
रोज नियम से उगते हुए सूर्य देव को फूल ,लाल चंदन, चावल आदि डालकर जल चडाने  चाहिए।
कमरे में यथासंभव हरे रंग के परदे लगवाने चाहिए।
परीक्षा में जाने से पूर्व मीठे दही पर तुलसी के पत्ते रखकर ग्रहण करे।
दोनों कानों के नीचे के भाग को अंगूठे और अंगुलियों से दबाकर नीचे की ओर खीचें। पूरे कान को ऊपर से नीचे करते हुए मरोड़ें।
कान के नीचे के भाग को खींचे। 

परीक्षा के लिए घर से निकलते समय पहले दायाँ पैर घर से बाहर निकाले और परीक्षा कक्ष में भी पहले दायाँ पैर ही अन्दर करना।
बादाम और सौंफ को मिलाकर बारीक़ कूट लें । इसको प्रतिदिनरात में सोते समय पानी के साथ ले लें

1 comment:

dharmik sotry said...

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