Sunday, July 16, 2017

ज्योतिषी सलाह :विदेश में आप का निवास होगा या नहीं? Astrologer Advice: Did you become a resident abroad or not?

ज्योतिषी सलाह :विदेश में आप का निवास होगा या नहीं?
 Astrologer Advice: Did you become a resident abroad or not?
Astrologer Housi lal chourey:
ग्रह-तारे: click the blog. 09893234239, 08319942286,08861209966:housi.chourey@gmail.com:
http://hchourey.blogspot.in/ :
ज्योतिषी सलाह :विदेश में आप का निवास हो गया या नहीं? Astrologer Advice: Did you become a resident abroad or not?
कुंडली विश्लेषण में आज हम चर्चा कर रहे हैं जातक विदेश तो चला जाता है और अगर वहां रहने की इच्छा प्रकट करता है तो उसके लिए जातक की कुंडली में हमें क्या-क्या देखना होता है ।जब हम विदेश के बारे में जानकारी लेते हैं तो विदेश यात्रा के लिए हमें जो भाव देखना है वह है तीसरा भाव छोटी यात्रा के लिए, नवा भाव लंबी यात्रा के लिए, बारवा भाव में सेटल होने के लिए, तथा चौथे भाव पर राहु आदि का प्रभाव देखना होता है। तभी हमारी विदेश यात्रा होती है विदेश यात्रा के लिए जो कारण ग्रहण है चंद्रमा बृहस्पति शुक्र शनि और राहु  का प्रभाव पर चौथे भाव और उनके स्वामी ग्रहो से होता है तब विदेश यात्रा होती है ।अब यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर विदेश यात्रा कर ली है तो  वाह निवास हो सकेंगे या नहीं? इसके लिए विदेश निवास का पता करने के लिए कुंडली का नवा  भाव, सातवें भाव के स्वामी का प्रभाव बारवा भाव के स्वामी का प्रभाव ,चौथे भाव पर हो या चौथे भाव से उसका संबंध हो तो जातक विदेश में निवास करता है इन सब पर राहु और शुक्र का प्रभाव भी देखा जाता है ।इस तरह जातक की कुंडली को देखकर आप जान सकते हैं कि जातक विदेश में सेटल हो सकता है या नहीं उसके साथ साथ में हम सातवां भाव ,  तीसरे भाव, चौथा भाव और  इन सब के स्वामियों की जब दशा अंतर्दशा प्रत्यंतर दशा चलती है और वह केंद्र में त्रिकोण में  होंगे तब जातक विदेश यात्रा करके वहां पर निवास करता है। इसमें कारक ग्रह की दशा का विचार करते हुए कारक ग्रह में चंद्रमा बृहस्पति शुक्र शनि और राहु यात्रा कारक ग्रह का संबंध और उनके उनके दशा अंतर्दशा चलती है तब जातक विदेश मैं निवास करता ह। धन्यवाद।