Friday, June 12, 2020
Wednesday, June 10, 2020
Tuesday, June 9, 2020
Monday, June 8, 2020
Sunday, June 7, 2020
Saturday, June 6, 2020
Friday, June 5, 2020
Thursday, June 4, 2020
Wednesday, June 3, 2020
Tuesday, June 2, 2020
Monday, June 1, 2020
Sunday, May 31, 2020
Saturday, May 30, 2020
Friday, May 29, 2020
Thursday, May 28, 2020
Wednesday, May 27, 2020
Tuesday, May 26, 2020
Monday, May 25, 2020
Sunday, May 24, 2020
Saturday, May 23, 2020
Thursday, May 21, 2020
Wednesday, May 20, 2020
Tuesday, May 19, 2020
Monday, May 18, 2020
Sunday, May 17, 2020
Saturday, May 16, 2020
Friday, May 15, 2020
Thursday, May 14, 2020
Wednesday, May 13, 2020
Tuesday, May 12, 2020
Monday, May 11, 2020
Sunday, May 10, 2020
Saturday, May 9, 2020
Friday, May 8, 2020
Thursday, May 7, 2020
Wednesday, May 6, 2020
Monday, May 4, 2020
Sunday, May 3, 2020
Saturday, May 2, 2020
Friday, May 1, 2020
Thursday, April 30, 2020
Wednesday, April 29, 2020
Tuesday, April 28, 2020
Monday, April 27, 2020
Sunday, April 26, 2020
Saturday, April 25, 2020
Friday, April 24, 2020
Thursday, April 23, 2020
Sunday, April 19, 2020
Friday, April 17, 2020
Thursday, April 16, 2020
Wednesday, April 15, 2020
Tuesday, April 14, 2020
Monday, April 13, 2020
Sunday, April 12, 2020
Friday, April 10, 2020
Thursday, April 9, 2020
Tuesday, April 7, 2020
Monday, April 6, 2020
Sunday, April 5, 2020
Tuesday, March 31, 2020
Monday, March 30, 2020
Sunday, March 29, 2020
Saturday, March 28, 2020
Friday, March 27, 2020
Thursday, March 26, 2020
Wednesday, March 25, 2020
Sunday, March 22, 2020
Saturday, March 21, 2020
Friday, March 20, 2020
Thursday, March 19, 2020
Wednesday, March 18, 2020
Tuesday, March 17, 2020
Monday, March 16, 2020
Sunday, March 15, 2020
Saturday, March 14, 2020
Friday, March 13, 2020
Wednesday, March 11, 2020
Tuesday, March 10, 2020
Monday, March 9, 2020
Saturday, March 7, 2020
Thursday, March 5, 2020
Wednesday, March 4, 2020
Monday, March 2, 2020
Saturday, February 29, 2020
Friday, February 28, 2020
Thursday, February 27, 2020
Sunday, February 23, 2020
Saturday, February 22, 2020
Wednesday, February 19, 2020
ज्योतिष सूत्र, किसी जातक की कुंडली में दूसरी शादी के योग को कैसे देखा जाता है इसका सरल सूत्र बताने का प्रयत्न करेंगे अगर आपकी कुंडली में सातवें भाव का स्वामी और शुक्र ग्रह दोनों अगर दो स्वभाव राशि में बैठे हैं तो जातक का दूसरा विवाह की संभावना बढ़ जाती है उपरोक्त कुंडली में आप देख सकते हैं यह सप्तम भाव का स्वामी बुध और शुक्र दोनों दो स्वभाव की राशि मीन राशि जो कि दि स्वभाव राशि मैं बैठे हैं तो जातक की दूसरी शादी होती है। धन्यवाद।contact 9893234239,8319942286,
Tuesday, February 18, 2020
ज्योतिष सूत्र,कुंडली में मंगल ग्रह को भूमि का कारक होता है. जन्म कुंडली में चतुर्थ भाव मकान वाहन भूमि का होता है जब चतुर्थ भाव या चतुर्थेश का मंगल का संबंध बनने पर व्यक्ति का अपना घर होता है. उदाहरण कुंडली वृश्चिक लग्न की है चौथे भाव का स्वामी शनि मंगल के साथ में बैठा है तो व्यक्ति का अपना घर है आप भी अपनी कुंडली में इस तरह से विचार कर सकता है धन्यवाद
Monday, February 17, 2020
ज्योतिष सूत्र सूर्य और शनि युति सूर्य पिता है और शनि पुत्र है सूर्य प्रकाश है तो प्रकाश है और शनि पुत्र है सूर्य प्रकाश है तो प्रकाश पुत्र है सूर्य प्रकाश है तो शनि अंधकार है पिता-पुत्र होने कारण दोनों में भी परस्पर शत्रुता रहती हैं। सूर्य-शनि युति यह समसप्तक प्रतियुति जीवन को संघर्षमय बनाते हैं। आपकी कुंडली में सूर्य कारक है या शनि कारक कारक है उसके अनुसार प्रभाव में अंतर आ सकता है परंतु जीवन संघर्ष में जरूर रहता है और जिस बाहों में से संबंध रहते हैं उस भाव भाव रहते हैं उस भाव भाव पर अपना प्रभाव जरूर देते हैं अगर यह प्रभाव कुंडली के चौथे और दसवें भाव भाव से बन रहा है तो उस भाव से संबंधित परेशानियां अवश्य आपको प्राप्त होगी यह योग जीवन में विलंब लाता है। मेहनत करवाता, देर से सफलता प्राप्त होती है। पिता-पुत्र में अनबन और मतभेद बना रहता है दशा-अंतर्दशा यह फल देखने को मिलता है है है देखने को मिलता है है है।
ऐसी स्थिति में होने पर मतभेद को टाले साथ साथ में परिश्रम करें और सूर्य और शनि की आराधना करना चाहिए जिससे यह प्रभाव कमजोर हो सके।contact 9893234239 ,8319942286,
ऐसी स्थिति में होने पर मतभेद को टाले साथ साथ में परिश्रम करें और सूर्य और शनि की आराधना करना चाहिए जिससे यह प्रभाव कमजोर हो सके।contact 9893234239 ,8319942286,
Saturday, February 15, 2020
ज्योतिष सूत्र :मंगल और शनि योग : मंगल शनि का योग, जिस भाव में बनता और उसभाव से उथल-पुथल कर देता है अगर यह मांगलिक दोष वाले भाव में बैठकर मंगल शनि की युति होती है तो शादी से परेशानियां उत्पन्न करता है ऐसे अगर एक कैरियर भावमें बन रहा होगा तो कैरियर में उथल-पुथल रहेगी जातक का तकनीकी क्षेत्र में अपना कार्यक्षेत्र रहेगा साथ साथ में यह हो सकता है कि मंगल अगर योगकारक है तो मंगल का प्रभाव होगा, कुंडली में शनि योगकारक है तो शनि का प्रभाव रहेगा तो आप भी अपनी कुंडली मैं देख सकते है वृश्चिक लग्न की कुंडली है और जातक की कुंडली में दशम भाव में शनि मंगल की युति
है तो यहां पर मंगल का प्रभाव है जातक इंजीनियरिंग में आया तथा कार्यक्षेत्र में उथल-पुथल रहती है । शनि ग्रह मंगल का योग करियर के लिए संघर्ष पूर्ण रहता है ।दे
करियर की स्थिरता आने में में बहुत समय लगता है और व्यक्ति को बहुत अधिक कार्य करना पड़ता है तब जाकर सफलता मिलती है। शनि मंगल का योग व्यक्ति को तकनीकी कार्यों जैसे इंजीनियरिंग आदि में प्रगति कराता है। यह योग कुंडली के शुभ भावों में होने पर व्यक्ति संघर्ष से अपनी तकनीकी प्रतिभाओं के द्वारा सफलता देर से प्राप्त करता है है । शनि मंगल का योग यदि कुंडली के छठे या आठवे भाव में हो तो पुष्पा से संबंधित स्वास्थ्य की परेशानियां होती है तथा कष्ट उत्पन्न करता है शनि मंगल का योग पाचनतंत्र और एक्सीडेंट की समस्याएं देता है। कुंडली में बलवान शनि सुखकारी तथा निर्बल या पीड़ित शनि कष्टकारक और दुखदायी होता है। विपरीत स्वभाव ग्रह है।
----------------------------
शनि मंगल यह योग लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में होने पर मंगल दोषबनाता को अधिक अमंगलकारी बनाता
जातक के जीवन में वैवाहिक जीवन में कठिनाइयां आती हैं। रिश्ते टूटते हैं, विवाह देर से होता है और विवाह के बाद भी जीवन हो शांत रहता है रहता है। विवाह विच्छेद की संभावनाओं को बढ़ाता है को बढ़ाता है
है तो यहां पर मंगल का प्रभाव है जातक इंजीनियरिंग में आया तथा कार्यक्षेत्र में उथल-पुथल रहती है । शनि ग्रह मंगल का योग करियर के लिए संघर्ष पूर्ण रहता है ।दे
करियर की स्थिरता आने में में बहुत समय लगता है और व्यक्ति को बहुत अधिक कार्य करना पड़ता है तब जाकर सफलता मिलती है। शनि मंगल का योग व्यक्ति को तकनीकी कार्यों जैसे इंजीनियरिंग आदि में प्रगति कराता है। यह योग कुंडली के शुभ भावों में होने पर व्यक्ति संघर्ष से अपनी तकनीकी प्रतिभाओं के द्वारा सफलता देर से प्राप्त करता है है । शनि मंगल का योग यदि कुंडली के छठे या आठवे भाव में हो तो पुष्पा से संबंधित स्वास्थ्य की परेशानियां होती है तथा कष्ट उत्पन्न करता है शनि मंगल का योग पाचनतंत्र और एक्सीडेंट की समस्याएं देता है। कुंडली में बलवान शनि सुखकारी तथा निर्बल या पीड़ित शनि कष्टकारक और दुखदायी होता है। विपरीत स्वभाव ग्रह है।
----------------------------
शनि मंगल यह योग लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में होने पर मंगल दोषबनाता को अधिक अमंगलकारी बनाता
जातक के जीवन में वैवाहिक जीवन में कठिनाइयां आती हैं। रिश्ते टूटते हैं, विवाह देर से होता है और विवाह के बाद भी जीवन हो शांत रहता है रहता है। विवाह विच्छेद की संभावनाओं को बढ़ाता है को बढ़ाता है
Friday, February 14, 2020
ज्योतिष और स्वयं की की स्वयं की की बनाई हुई संपत्ति कुंडली का चतुर्थ भाव प्रॉपर्टी को देखा जाता है. चतुर्थ भाव से जातक की स्वयं के द्वारा बनाई हुई सम्पत्ति को देखा जाता है. कुंडली के चतुर्थ भाव पर शुभ ग्रह गुरु शुक्र बुध चंद्र का प्रभाव अधिक है तब व्यक्ति स्वयं की संपत्ति बनाता है. उदाहरण कुंडली में आप देख रहे हैं कि मेष लगना का जातक है इसके चौथे भाव में कर्क राशि में चंद्रमा बैठा है जो खुद की राशि है और उस शुभ ग्रह बुध और शुक्र सातवीं दृष्टि से उसे देख रहे हैं यह दर्शाता है कि जातक के पास अपने खुद की अर्जित संपत्ति है अपनी कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर देख सकते हैं कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर अपनी कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर अपनी कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर है आपकी अपनी कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर अपनी कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर अपनी कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर संपत्ति है आपकी अपनी कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर अपनी कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर कर में यह सूत्रों को लगा कर कर अपनी कुंडली में यह सूत्रों को लगा कर देख सकते हैं । धन्यवाद।
Sunday, February 9, 2020
ज्योतिष सूत्र :आज हम चर्चा कर रहे हैं कि जब सूर्य ग्रह शनि के प्रभाव में आता है तो व्यक्ति के मान प्रतिष्ठा और जो भी सूर्य के कार तत्व है उसमें कमी लाता है तो आप भी अपनी कुंडली में इसे देख सकते हैं यहां उदाहरण के लिए हमें सिंह लग्न कुंडली बता रहे हैं जिसमें शनि की तीसरी दृष्टि से सूर्य को देख रहा है तो जातक के मान सम्मान प्रतिष्ठा में कमी लाता है आप भी अपनी कुंडली में से देख सकते हैं.
Sunday, February 2, 2020
ज्योतिष सूत्र राजनीति में सफल होने के लिए राहु कुंडली में मजबूत होना चाहिए
राजनीति में जाने के लिए भी कुंडली में बुध गुरु और सूर्य का प्रभाव दशम भाव पर होने के साथ-साथ शनि की भी अच्छी स्थिति की भी अच्छी स्थिति होना चाहिए यदि इसका दशम भाव से संबंध हो या यह स्वयं दशम में हो तो जातक राजनीति करता है,राहु के कारण जातक चालाक होता है।
ग्रह गुरु- उच्च का होकर दशम से संबंध करें, या दशम को देखें, तो व्यक्ति बुद्धि के बल पर स्थान बनाता है,
बुध ग्रह के कारण जातक अच्छा वक्ता होता है। बुध गुरु के कारण भाषण कला लोकप्रिय होती है। राजनीति में सूर्य व्यक्ति को मान प्रतिष्ठा और उच्च पद देता है,सूर्य केंद्र में हो नवम या दशम में हो तो व्यक्ति उच्च पद पर होता है,
शनि का मजबूत होना जरूरी है। धर्म व न्याय का साथ देना चाहिएहै,
कितना ज्यादा प्रभावित घरों का कुंडली में होगा यह ग्रह अपनी मित्र राशि में 100 राशि राशि के उच्च राशि में केंद्र में त्रिकोण में होने से इसका प्रभाव अच्छा होता है समझने के लिए एक कुंडली दिखा रहा दिखा रहा है। कुंडली व्हाट्सएप लग्न की है और साथ में आप देख रहे हैं कि जो भागने ग्रह राजनीति के बताया राजनीति के बताया उनका संबंध दशम भाव से बन रहा है शनि की दृष्टि भी दशम भाव पर हैं गुरु की भी दृष्टि दशम भाव पर हैं और साथ-साथ में बुध भी दशम भाव में है तो इस तरह जातक का राजनीति के क्षेत्र में अच्छा कर रहा है आप भी अपनी कुंडली में इस तरह से देख सकते हैं धन्यवाद consultation 8319942286,9893234239.

Saturday, February 1, 2020
ज्योतिषी सूत्र :कुंडली में अगर लगन मजबूत नहीं है और कमजोर स्थिति में है तो हमें चंद्र कुंडली को देखना चाहिए अगर चंद्र कुंडली में शुभ ग्रहों का प्रभाव हो चंद्र कुंडली मजबूत हो बलवान हो तो आपको चंद्र कुंडली को लग्न मानकर बाकी मानकर बाकी भावों को देखकर आप उसका उसका आकलन कर सकते हैं जैसे चंद्र कुंडली से दशम भाव को देखकर आप आकलन कर सकते अपने रोजगार और कार्यक्षेत्र के बारे में इसके लिए हम एक कुंडली देख रहे हैं जो कि मेष लग्न लग्न की है जिसमें हम देख रहे हैं कि चंद्र कुंडली मजबूत है चंद्र कुंडली को सप्तम भाव से शुभ ग्रह देख रहे हैं तो और मजबूत कर रहे हैं कुंडली को इस तरह आप भी अपनी कुंडली में देख सकते हैं धन्यवादFor consultation contact 8319942286
Saturday, January 25, 2020
ज्योतिषीय सूत्र :आपके कुंडली में बताए गए गए योग होंगे तो आपको सरकारी नौकरी या प्राइवेट नौकरी या अपने क्षेत्र में उच्च पद प्राप्त होगा इसके लिए आप अपने कुंडली में देखें कि जो भी लग्न है , लग्न बलवान स्थिति में हो तथा उस पर योगकारक ग्रह या मित्र ग्रह की दृष्टि हो तो जातक को अपने जीवन में उच्च पद प्राप्त होता है उदाहरण के लिए जो हमने कुंडली दिखाइए हैं इसमें वृषभ लग्न में लग्नेश शुक्र लग्न में है तथा उसको शनि जो योगकारक है, मित्र ग्रह हैं वह
तीसरी दृष्टि से देख रहा है और लग्न बलवान होने के कारण जातक को अपने जीवन में उच्च पद प्राप्त हुआ है , कुंडली में आप भी आकलन कर सकते हैं धन्यवाद।
तीसरी दृष्टि से देख रहा है और लग्न बलवान होने के कारण जातक को अपने जीवन में उच्च पद प्राप्त हुआ है , कुंडली में आप भी आकलन कर सकते हैं धन्यवाद।
Tuesday, January 21, 2020
ज्योतिषी सूत्र :नवम भाव में राहु अच्छा फल देता है अगर वह स्वराशि गुरु के साथ हो या केंद्र का मालिक वहां बैठा हो राहु के साथ में नवम भाव में तो राहु के जो फल है वह अच्छे हो जाते हैं कुंडली में आप देख रहे हैं कि कर्क लग्न की कुंडली है नवम भाव में राहु बैठा है उसके साथ में सप्तम भाव का स्वामी शनि भी बैठा हुआ है यहां पर जो है शनि और राहु जब दशा अंतर्दशा में अच्छे फल देंगे जातक का भाग्य साथ देगा और यह पार और यह जीवन और यह जीवन भी अच्छा रहेगा ऐसा मत कर सकते सकते कर सकते सकते हैं धन्यवाद
Sunday, January 19, 2020
कुंडली में सुदर्शन चक्र :का उपयोग किस तरह से अच्छा जीवन जीने के लिए उपयोग कर सकते हैं क्योंकि हमें मालूम है कि सुदर्शन चक्र में लगन जो कि हमारे फिजिकल बॉडी है जिसकी तो है तथा चंद्रमा से मन को देखा जाता है और सूर्य से हम आत्मा को देखते हैं तो इस तरह से अपनी कुंडली में जो लगन बलवान होगा उसके अनुसार अपना एक्टिव रहता है और जो लगना कमजोर है उनको मजबूत करके हम अपने जीवन का निर्वाह कर सकते हैं जैसे कि अगर आपका लगने पर क़ुर ग्रहों का प्रभाव आएगा और आप उसको ठीक करने के लिए फिजिकल एक्सरसाइज आदि करने से उसको ठीक कर सकते हैं इसके बाद में अगर मैन पर प्रभाव अपको डामाडोल रहती है आप चिंता करते रहेंगे और उसके कारण आपको अपने जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा,आपको चाहिए कि चंद्र लग्न में अगरक़ुर ग्रहो का प्रभाव है तो उसको मजबूत करने के लिए अपने मन में पॉजिटिव सकारात्मक विचार रखना चाहिए और नेगेटिव नहीं आने देना चाहिए इसी प्रकार अगर आपका सूर्य ग्रह कमजोर है तो आपको जो आत्मा है और आपकी लाइफ है वह आपको अच्छी नहीं रहेगी , आपने इसको ठीक करने के लिए अपनेspritual लाइफ को अच्छा करना चाहिए meditation करना चाहिए इस तरह से हम अपने कुंडली के द्वारा देख सकते हैं कि कौन सा लग्न है जिसे ठीक करना है और उन को बल देने के लिए फिजिकल एक्सरसाइज और मन को ठीक करने के लिए आपको सकारात्मक विचार और सूर्य को ठीक करने के लिए आपको spiritual में जाना चाहिए, इस तरह आपको बताने का प्रयत्न कर रहे हैं कि आप अपने kundali में देखिए इन तीनों का अगर आपका मजबूत रहेगा तो आपका जो है जीवन बहुत अच्छा रहेगा और आपका सकारात्मक विचारों से आप अपने जीवन को अच्छे से जीत सकते हैं आपको नेगेटिव थॉट्स का ध्यान नहीं देना है इस तरह से आपको एक कुंडली के माध्यम से बताना चाहेंगे कि किस तरह से आप अपनी कुंडली में जो लग्न प्रभावित हो रहे हैं उनको और ठीक करने के लिए जो हमने बताया वह करेंगे तो आपका जीवन शैली अच्छी होगी और आप अपने आप को सकारात्मक रख कर अपने जीवन को आगे बढ़ा सकते हैं कैसा के example वाले कुंडली में दिखा रहा है कि राहु से lagna प्रभावित है, सूर्य भी प्रभावित है और चंद लग्न भी , सुदर्शन चक्र तीनोंलग्न प्रभावित हो रहे हैं इसलिए जो उपाय मैंने बताया कि आपको करना होगा।
Saturday, January 18, 2020
शनि की साढ़ेसाती और ढैया : कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या 24 जनवरी से 2020 में मिथुन राशि तुला राशि और कुंभ राशि इन पर चलेगी चलेगी अर्थात कुंभ राशि पर साढ़ेसाती और मिथुन तथा तुला ढैया चलेगी तो इसका क्या असर होगा यह संक्षिप्त जानकारी देने का प्रयत्न कर रहे हैं ,जैसा की आपको विदित है कि मिथुन राशि बुद्धि की राशि है तो आपको ढैया में जोकि ढाई साल तक चलेगा कर्म करते रहना चाहिए, शारीरिक कर्म करने से जैसे कि जिम और शारीरिक श्रम करने पर इसका असर कम होगा तथा साथ में तुला राशि को भी आराम छोड़कर जो बतायाहै कर्म करना चाहिए, कुंभ राशि इनकी हि राशि है इस समय में कर्मयोगी बनकर बनकर शारीरिक श्रम करते हुए अपने कार्य करना चाहिए इस तरह से इन तीनों राशियों के लिए अच्छा फल प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ा देगा अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अच्छी है और वह क़ुर ग्रहो के प्रभाव में नहीं है तो अच्छे फल आपको प्राप्त होंगे साथ साथ में आप हनुमान जी की आराधना कीजिए ,शनि के मंत्रों के जाप कीजिए, गणेश जी की आराधना कीजिए इसको समझने के लिए ऊपर कुंडली में बताने का कोशिश किगई है,धन्यवाद ।
Friday, January 17, 2020
दूसरी शादी दूसरी शादी :कुंडली में दूसरी शादी को देखना है तो आपको यह जानना होगा कि जो सप्तम भाव का स्वामी है और सप्तम भाव का कारक शुक्र अगर दोनों दो स्वभाव राशियों में कुंडली में उपलब्ध रहता है तो आपका दूसरे शादी होने की संभावनाएं हो सकती है इसके साथ-साथ को को चंद्र कुंडली और नवमांश कुंडली को भी देखा जाता है इस तरह से दूसरी शादी होने के योग बन जाता हैl इस योग को दिखाने के लिए हमने एक कुंडली बनाई है जो कि कि कि कन्या लग्न की है इसमें सप्तम भाव में गुरु की राशि मीन राशि है जिसका स्वामी की धनु राशि में बैठा है और कारक शुक्र भी तीन नंबर की राशि में बैठा है तो जो सूत्र बताया वह यहां फलीभूत होता है तो जातक के दूसरी शादी के योग बना दिए हैंl
Wednesday, January 1, 2020
ज्योतिष और शादी का सुख का सुख शादी का सुख :शादी का सुख को देखने के लिए सप्तम भाव, सप्तम भाव का स्वामी और कारक ग्रहों को, देखा जाता है जो कि ठीक भी है परंतु इससे यह नहीं कह सकते कि यह अच्छे होने के साथ में शादी का शुभ भी देंगे अगर आपके लग्न भाव ,दूसरा भाव ,कुटुम भाव ,पांचवा भाव, नवम भाव और 11 भाव आपकी कुंडली में अच्छे नहीं हैं तो आप शादी के सुख से वंचित रहते हैं परंतु सप्तम भाव पीड़ित होने के साथ-साथ में अगर यह जो भाव बताएं अगर आपकी कुंडली में अच्छे हैं तो आपको शादी का बाद में भी अच्छा सुख प्राप्त होगा तो आप अपनी कुंडली का का कुंडली का का सही तरह से आकलन कीजिए और शादी के सुख को इंजॉय कीजिए। धन्यवाद।