शनि के उपाय :मंत्रों के जाप से शनि ग्रह की पीड़ा शांत करना।
ज्योतिष के अनुसार शनिवार के दिन शनि की पूजा आराधना करनी चाहिए।
शनि देव:शनि देव की अशुभता को दूर करने के लिए उनसे संबंधित मंत्रों के जाप करने से प्रसन्न होते हैं।मंत्र जाप से ग्रह की शुभता एवं बल में
वृद्धि होती है और शनि की पीड़ा शांत हो जाती है।
भगवान्
आराधना : भगवान् शिव, सूर्य, हनुमान जी की
आराधना मंत्रों से करनी चाहिए।
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शिव मंत्र : भगवान् शिव के मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप
करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र:महामृत्युंजय मंत्र- 'ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं
पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्' का जप करना
चाहिए।
सूर्य मंत्र : सूर्य मंत्र 'ॐ घृणिं सूर्याय नमः' का जाप।
'आदित्य हृदय स्तोत्र' का पाठ करना चाहिए।
हनुमानजी का मंत्र:‘ॐ हनुमते नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए।
'हनुमान चालीसा' व
'सुंदरकांड' का पाठ भी करना चाहिए।
इन मंत्रों के जाप से शनि ग्रह की पीड़ा शांत होती हैं ।
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गणेश जी को कृपा प्राप्त करने के शास्त्रों के अनुसार आसान उपाय:
बुधवार को गणेश जी की पूजा के उपाय
बुधवार
सुबह या शाम को स्नान कर ऋद्धि-सिद्धी सहित भगवान गणेश जी की मूर्ति के जल
स्नान के बाद, लाभ-क्षेम स्वरूप दो स्वस्तिक बनाएं, गणेश जी को केसरिया
चंदन, सिंदूर, अक्षत व दूर्वा अर्पित करें।
इस मंत्र का करें उचारण
श्रीगणेश - ऊं गं गणपतये नम:।
ऋद्धि - ऊं हेमवर्णायै ऋद्धये नम:।
सिद्धि - ऊं सर्वज्ञानभूषितायै नम:।
लाभ - ऊं सौभाग्य प्रदाय धन-धान्ययुक्ताय लाभाय नम:।
शुभ - ऊं पूर्णाय पूर्णमदाय शुभाय नम:।
इस
मंत्र के उच्चारण के बाद भगवान गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं, इसके बाद
धूप व घी के दीप जलाकर गणेश की आरती करें।
दुर्वा:हर दिन चढ़ाएं पांच दुर्वा हरी घास मस्तक पर अर्पित करें।मंत्र बोलें ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’ ।
चावल :पवित्र चावल उसे
कहा जाता है जो टूटा हुआ नहीं हो को अर्पित करें।मंत्र बोलें‘इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र बोलते हुए
तीन बार गणेश जी को चावल गीला करके अर्पित करें।
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सिंदूर :गणेश जी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं।मंत्र बोलें ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं
सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः’
तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक
लगाएं।
मोदक:गणेश जी को भाए मोदक
मोदक :गणेश जी को मोदक बहुत ही प्रिय है,मोदक का भोग देवे .
इन उपायो को करने से गणेश जी को कृपा प्राप्त हो सकती है।
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सरकारी नौकरी के लिए तीन मुख्य ग्रह होते हैं .
ग्रह : सूर्य, गुरू और शनि।
ग्रह अनुकूलता के लिए उपाय:मंत्रो का जाप,रत्न ,आदि के द्यारा।
सूर्य ग्रह : सूर्य की अनुकूल करने के लिए प्रतिदिन आदित्यह्रदयस्त्रोत का पाठ करें तथा सूर्य को जल अर्पण करें।
आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करे.
ॐ घृणी सूर्याय नमः का कम से कम 108 बार जप कर ले
गायत्री का जप कर ले
घर की पूर्व दिशा से रौशनी आयेगी तो अच्छा रहेगा ।
घर में तुलसी का पौधा जरूर लगा दे
पिता की सेवा
शराब और मांसाहार न खिलाये
शिवजी ,पीपल के उपाय।
कॅरियर में सफलता के लिए आदित्य हृदय स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करें।
लाल वस्त्र, लाल चन्दन, तांबे का बर्तन, केसर, गुड़, गेहूं का दान रविवार को करना शुभ फल प्रदान करता है।
रविवार काव्रत रखें, इस दिन नमक का प्रयोग न करें।
घर से बहार निकलने से पहले थोड़ा सा गुड़ खाएं।
माता पिता के पांव छुकर आशीर्वाद लें।
गुरू ग्रह :गुरू ग्रह को अनुकूल करने के लिए पीली वस्तुओं का दान तथा , भगवान विष्णु या कृष्ण की पूजा आराधना करनी चाहिए।
शनि ग्रह :शनि ग्रह को अनुकूल करने के लिए ,शनिवार को दान करना चाहिए।
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कुछ सरल उपाय:उपाय आस्था के साथ करना चाहिए ।
- तांबे के लोटे से सुबह-सुबह सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए ।
- हनुमान जी के दर्शन करें।
-पक्षियों को जो ,बाजरा खिलाना चाहिए। हो
सके तो सात प्रकार के अनाजों को एकसाथ मिलाकर पक्षियों को खिलाएं।
गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, चावल, दालें आदि हो सकती हैं। सुबह-सुबह यह
उपाय करें।
-गाय को आटा और
गुड़ खिला देवे ।
-इसलिए बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते रहना चाहिए।
- हनुमान जी तस्वीर रखें और उनकी पूजा
करें। हर मंगलवार को जाकर बजरंग बाण का पाठ करें।
-हनुमान चालीसा का पाठ करें। -
-सुबह स्नान करते समय पानी में थोड़ी पिसी
हल्दी मिलाकर स्नान करते हैं।
- गणेश जी का कोई ऐसा चित्र या मूर्ति घर
में रखें या लगाएं, जिसमें उनकी सूंड़ दाईं ओर मुड़ी हो। गणेश जी की आराधना
करें।
- शनिवार को शनि देव की पूजा करके आगे लिखे मंत्र का 108 बार जप करें।
ॐ शं शनैश्चराय नम:सूर्य के उपाय
-आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करे 3 बार सूर्य के सामने
- ॐ घृणी सूर्याय नमः का कम से कम 108 बार जप कर ले
- गायत्री का जप कर ले
- घर की पूर्व दिशा से रौशनी आयेगी तो अच्छा रहेगा ।
-पूर्व दिशा मै सोने से असुंध विचार सुंध होते हैं।
-घर में तुलसी का पौधा जरूर लगा दे.
-पिता की सेवा।
-शराब और मांसाहार न खिलाये
-शिवजी ,पीपल के उपाय।
इन उपाय को करने से ग्रहो की अनुकूलता होती है और सरकारी नौकरी का मार्ग खुलते है।
नोट :अपनी कुंडली अच्छे ज्योतिषी को दिखाइए और ग्रहों
को जानकर उनकी दशा, अंतर्दशा तथा प्रत्यंतर में उपाय करे ।
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कुंडली से जाने सरकारी नौकरी के योग :
ज्योतिषीय विश्लेषण के लिए हमारे शास्त्रों मे कई सूत्र दिए हैं।
भाव:कुंडली के पहले, दसवें तथा ग्यारहवें भाव और उनके स्वामी से सरकारी नौकरी के बारे मैं जान सकते हैं।
सूर्य. चंद्रमा व बृहस्पति सरकारी नौकरी मै उच्च पदाधिकारी बनाता है।
भाव :द्वितीय, षष्ठ एवं दशम् भाव को अर्थ-त्रिकोण सूर्य की प्रधानता होने पर सरकारी नौकरी प्राप्त करता है।
नौकरी के कारक ग्रहों का संबंध सूर्य व चन्द्र से हो तो जातक सरकारी नौकरी पाता है।
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कुंडली के अनुसार सरकारी नौकरी के लिए योग :
(1) दसवें भावमें शुभ ग्रह होना चाहिए।
(2) दसवें भाव में सूर्य तथा मंगल एक साथ होना चाहिए।
(3)पहले, नवें तथा दसवें घर में शुभ ग्रहों को होना चाहिए।
इन भाव पर कोई शुभ ग्रह बैठा हुआ है या किसी शुभ ग्रह की दृष्टि इन भाव पर पड़ रही है तो सरकारी नौकरी के योग बन पाते है।
यदि इन भाव पर कोई अशुभ ग्रह बैठा हुआ है या किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि इन भाव पर पड़ रही है तो सरकारी नौकरी के योग नहीं बन पाते है।
ज्योतिष के साधारण से उपाय से ग्रह आपके अनुकूल हो सकते हैं और सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। सूर्य. चंद्रमा व बृहस्पति सरकारी नौकरी मै उच्च पदाधिकारी बनाता है।
द्वितीय, षष्ठ एवं दशम् भाव को अर्थ-त्रिकोण सूर्य की प्रधानता होने पर सरकारी नौकरी करता है। केंद्र में गुरु स्थित होने पर सरकारी नौकरी मे उच्च पदाधिकारी का पद प्राप्त होता है।
डी 9 ,डी १० चार्ट मे भी देखना है।
कुंडली से जाने नौकरी प्राप्ति का समय नियम:
प्रथम, दूसरा भाव, छठे भाव,दशम भाव एवं एकादश भाव का संबंध या इसके स्वामी से होगा तो नौकरी के योग बनते है ।
लग्न के स्वामी की दशा और अंतर्दशा में
नवमेश की दशा या अंतर्दशा में
षष्ठेश की दशा या, अंतर्दशा में
प्रथम,दूसरा , षष्ठम, नवम और दशम भावों में स्थित ग्रहों की दशा या अंतर्दशा में
दशमेश की दशा या अंतर्दशा में
द्वितीयेश और एकादशेश की दशा या अंतर्दशा में
नौकरी मिलने के समय जिस ग्रह की दशा और अंतर्दशा चल रही है उसका संबंध किसी तरह दशम भाव या दशमेश से ।
द्वितीयेश और एकादशेश की दशा या अंतर्दशा में भी नौकरी मिल सकती है।
छठा भाव :छठा भाव नौकरी का एवं सेवा का है।
छठे भाव का कारक भाव शनि है।
दशम भाव या दशमेश का संबंध छठे भाव से हो तो जातक नौकरी करता है।
राहु और केतु की दशा, या अंतर्दशा में :
जीवन की कोई भी शुभ या अशुभ घटना राहु और केतु की दशा या अंतर्दशा में हो सकती है।
गोचर: गुरु गोचर में दशम या दशमेश से नौकरी मिलने के समय केंद्र या त्रिकोण में ।गोचर : शनि और गुरु एक-दूसरे से केंद्र, या त्रिकोण में हों, तो नौकरी मिल सकती है,
गोचर : नौकरी मिलने के समय शनि या गुरु का या दोनों का दशम भाव और दशमेश दोनों से या किसी एक से संबंध होता है।सरकारी नौकरी:यह जान लें कि दशम भाव बली हो तो नौकरी .
कामयाबी योग :
कुंडली का पहला, दूसरा, चौथा, सातवा, नौवा, दसवा, ग्यारहवा घर तथा इन घरों
के स्वामी अपनी दशा और अंतर्दशा में जातक को कामयाबी प्रदान करते है। पंच महापुरूष योग: जीवन में सफलता एवं
उसके कार्य क्षेत्र के निर्धारण में महत्वपूर्ण समझे जाते हैं।पंचमहापुरूष
योग कुंडली में मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र एवं शनि अपनी स्वराशि अथवा
उच्च राशि का होकर केंद्र में स्थित होने पर महापुरुष योग बनता है।
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फलादेश कैसे करते है ----
- जो ग्रह अपनी उच्च, अपनी या अपने मित्र ग्रह की राशि में हो - शुभ फलदायक होगा।
- इसके विपरीत नीच राशि में या अपने शत्रु की राशि में ग्रह अशुभफल दायक होगा।
- जो ग्रह अपनी राशि पर दृष्टि डालता है, वह शुभ फल देता है।
-त्रिकोण के स्वामी सदा शुभ फल देते हैं।
- क्रूर भावों (3, 6, 11) के स्वामी सदा अशुभ फल देते हैं।
- दुष्ट स्थानों (6, 8, 12) में ग्रह अशुभ फल देते हैं।
- शुभ ग्रह केन्द्र (1, 4, 7, 10) में शुभफल देते हैं, पाप ग्रह केन्द्र में अशुभ फल देते हैं।
-बुध, राहु और केतु जिस ग्रह के साथ होते हैं, वैसा ही फल देते हैं।
- सूर्य के निकट ग्रह अस्त हो जाते हैं और अशुभ फल देते हैं।
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सरकारी नौकरी के लिए तीन मुख्य ग्रह होते हैं .
ग्रह : सूर्य, गुरू और शनि।
ग्रह अनुकूलता के लिए उपाय:मंत्रो का जाप,रत्न ,आदि के द्यारा।
सूर्य ग्रह : सूर्य की अनुकूल करने के लिए प्रतिदिन आदित्यह्रदयस्त्रोत का पाठ करें तथा सूर्य को जल अर्पण करें।
आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करे.
ॐ घृणी सूर्याय नमः का कम से कम 108 बार जप कर ले
गायत्री का जप कर ले
घर की पूर्व दिशा से रौशनी आयेगी तो अच्छा रहेगा ।
घर में तुलसी का पौधा जरूर लगा दे
पिता की सेवा
शराब और मांसाहार न खिलाये
शिवजी ,पीपल के उपाय।
कॅरियर में सफलता के लिए आदित्य हृदय स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करें।
लाल वस्त्र, लाल चन्दन, तांबे का बर्तन, केसर, गुड़, गेहूं का दान रविवार को करना शुभ फल प्रदान करता है।
रविवार काव्रत रखें, इस दिन नमक का प्रयोग न करें।
घर से बहार निकलने से पहले थोड़ा सा गुड़ खाएं।
माता पिता के पांव छुकर आशीर्वाद लें।
गुरू ग्रह :गुरू ग्रह को अनुकूल करने के लिए पीली वस्तुओं का दान तथा , भगवान विष्णु या कृष्ण की पूजा आराधना करनी चाहिए।
शनि ग्रह :शनि ग्रह को अनुकूल करने के लिए ,शनिवार को दान करना चाहिए।
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कुछ सरल उपाय:उपाय आस्था के साथ करना चाहिए ।
- तांबे के लोटे से सुबह-सुबह सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए ।
- हनुमान जी के दर्शन करें।
-पक्षियों को जो ,बाजरा खिलाना चाहिए। हो
सके तो सात प्रकार के अनाजों को एकसाथ मिलाकर पक्षियों को खिलाएं।
गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, चावल, दालें आदि हो सकती हैं। सुबह-सुबह यह
उपाय करें।
-गाय को आटा और
गुड़ खिला देवे ।
-इसलिए बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते रहना चाहिए।
- हनुमान जी तस्वीर रखें और उनकी पूजा
करें। हर मंगलवार को जाकर बजरंग बाण का पाठ करें।
-हनुमान चालीसा का पाठ करें। -
-सुबह स्नान करते समय पानी में थोड़ी पिसी
हल्दी मिलाकर स्नान करते हैं।
- गणेश जी का कोई ऐसा चित्र या मूर्ति घर
में रखें या लगाएं, जिसमें उनकी सूंड़ दाईं ओर मुड़ी हो। गणेश जी की आराधना
करें।
- शनिवार को शनि देव की पूजा करके आगे लिखे मंत्र का 108 बार जप करें।
ॐ शं शनैश्चराय नम:सूर्य के उपाय
-आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करे 3 बार सूर्य के सामने
- ॐ घृणी सूर्याय नमः का कम से कम 108 बार जप कर ले
- गायत्री का जप कर ले
- घर की पूर्व दिशा से रौशनी आयेगी तो अच्छा रहेगा ।
-पूर्व दिशा मै सोने से असुंध विचार सुंध होते हैं।
-घर में तुलसी का पौधा जरूर लगा दे.
-पिता की सेवा।
-शराब और मांसाहार न खिलाये
-शिवजी ,पीपल के उपाय।
इन उपाय को करने से ग्रहो की अनुकूलता होती है और सरकारी नौकरी का मार्ग खुलते है।
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जन्म कुण्डली से जाने मारकेश:
लग्न :विभिन्न लग्नों के भिन्न भिन्न मारकेश होते हैं। सूर्य व चंद्रमा को मारकेश का दोष नहीं लगता है
भाव : मारकेशके लिए दूसरे भाव, सातवें भाव, बारहवें भाव, अष्टम भाव का विचार किया जाता है.
आयु का विचार : आठवें भाव से आयु का विचार होता है.
दशा :मारकेश की दशा ,अंतर्दशा या प्रत्यत्तर का विचार किया जाता है.
छठे आठवें बारहवें भाव मे स्थित राहु केतु भी मारक ग्रह का काम करते है.
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लग्नों के मारकेश :
मेष लग्न मारकेश :शनि और शुक्र।
वृष लग्न :गुरु।
मिथुन लग्न :मंगल और गुरु।
कर्क लग्न : शुक्र।
सिंह लग्न : शनि और बुध.
कन्या लग्न :मंगल।
तुला लग्न : मंगल।
वृश्चिक लग्न : बुध.
धनु लग्न: शनि, शुक्र।
मकर लगन :मंगल।
कुंभ लग्न :गुरु, मंगल।
मीन लगन : मंगल, शनि।
मारक ग्रहों की दशा, अंतर्दशा या प्रत्यत्तर दशा में : मानसिक, शारीरिक , दुर्घटना, बीमारी, तनाव, अपयश जैसी परेशानी आ सकती हैं. मृत्यु तुल्य कष्ट हो सकता है
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मारक ग्रहों की दशा, अंतर्दशा या प्रत्यत्तर दशा में उपाय :
शिव आराधना से लाभ मिलना है.
मारक ग्रहों की दशा मे उनके उपाय करना चाहिए.
महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है:
ॐ हौं ॐ जूं ॐ स: भूर्भुव: स्वःत्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्।
उर्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतातॐ भूर्भुव: स्वः ॐ जूं स: हौं ॐ।।
नोट :अपनी कुंडली अच्छे ज्योतिषी को दिखाइए और मारक ग्रहों
को जानकर उनकी दशा, अंतर्दशा तथा प्रत्यंतर में उपाय करके अशुभ प्रभावों में कमी कर सकते हैं ।
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नौकरी मे उन्नति ,मनचाहा जॉब और धनवान होने के लिए सरल उपाय करना चाहिए जो इस प्रकार हैं :
तीसरी अंगुली अनामिका : अनामिका अंगुली में तांबे में बनी मूंगा की रिंग
पहनने से जॉब मिलने में सहायता करेगी।
मध्यमा अंगुली :लोहे
की रिंग मध्यमा अंगुली में पहनना चाहिए।
पर्स : पर्स में चांदी
का सिक्का रखिये ।
सौंफ :सौंफ को लाल कपड़े
में बांधकर तकिया के नीचे रखना चाहिए।
धागा :लाल या काले रंग का धागा आप अपने गले में बाधना चाहिए।
सरस्वती :पढ़ने वाली जगह पर मां सरस्वती की फोटो रखना चाहिए।लाल रंग :लाल रंग का रिबन अपने घर के मेन गेट पर बाधना चाहिए। मंगलवार :मंगलवार को आप चंदन का तिलक करना चाहिए।
पोंछा :घर में पोंछा लगायें , अनार का पेड़ घर मे लगायें।
आटा और चीनी : चीटीं को आटा और चीनी का
खाना खिलाना चाहिए। बजरंग बली : बजरंग बली की पूजा करनी चाहिए।
हनुमान चालीसा: हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
शनि देव:शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करनी चाहिए और मंत्र - ॐ शं शनैश्चराय नम:का 108 बार जाप करना चाहिए।
पक्षियों :सुबह पक्षियों को सात प्रकार के अनाजों को एकसाथ मिलाकर खिलाना चाहिए।
शिवलिंग :शिवलिंग पर जल चढ़ाकर अक्षत अर्पित करना चाहिए।
गाय :गाय को आटा-गुड़ खिलाना चाहिए।
गणेश जी की आराधना करना चाहिए ।
श्रीकृष्ण :श्रीकृष्ण का मूलमंत्र 'कृं कृष्णाय नमः' का जाप करना चाहिए।