ज्योतिषी सलाह :क्या आपको मधुमेह रोग होगा? Astrologer Advice: Will you have diabetes?
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ज्योतिषी सलाह में हम जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जातक को मधुमेह रोग होगा या नहीं। इसके लिए जातक को कुंडली का प्रथम भाव छठा आठवा बारवा भाव तथा कारक ग्रह शुक्र गुरु तथा पाप ग्रह सूर्य मंगल शनि राहु केतु को देखना चाहिए।कुंडली में अगर शुक्र ग्रह नीच ,शत्रु राशि में हो और उस पर पाप ग्रहो ,सूर्य मंगल शनि राहु और केतु का प्रभाव हो तथा कुंडली के छठे भाव और इसके स्वामी का संबंध शुक्र से हो। उसके पश्चात देखें छठे भाव और छठे भाव के स्वामी का संबंध गुरु से हो तथा गुरु का छठे भाव से संबंध होने पर जातक को मधुमेह रोग की संभावना होती है ,मधुमेह रोग का विचार हम लोग छठे भाव आठवां भाव ,बारवा भाव , तथा इन भाव के स्वामियों को देखकर भी करते हैं । इसका का मेन कारक ग्रह शुक्र बृहस्पति और चंद्रमा है।इसके पश्चात हमे देखें कि गुरु शुक्र चंद्र पर पाप ग्रहों का प्रभाव , शनि मंगल राहु और केतु का हो तथा छठे भाव आठवें भाव 12 भाव के स्वामियों का संबंध ऊपर बताए हुए ग्रहो से होने पर या यह ग्रह छठे भाव में आठवें भाव में 12 भाव में स्थित हो तो यह रोग होता है ।अर्थात छठे भाव में आठवें भाव बारह भाव में गुरु शुक्र चंद्र की स्थिति हो और उन पर पाप ग्रह शनि मंगल राहु केतु का प्रभाव हो तो मधुमेह रोग की होने की संभावनाएं बढ़ जाती है ।तो वह जातक अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाकर यह जान सकता है कि उसे मैं मधुमेह रोग होने की संभावना है या नहीं। धन्यवाद।ज्योतिषी सलाह में हम जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जातक को मधुमेह रोग होगा या नहीं। इसके लिए जातक को कुंडली का प्रथम भाव छठा आठवा बारवा भाव तथा कारक ग्रह शुक्र गुरु तथा पाप ग्रह सूर्य मंगल शनि राहु केतु को देखना चाहिए।कुंडली में अगर शुक्र ग्रह नीच ,शत्रु राशि में हो और उस पर पाप ग्रहो ,सूर्य मंगल शनि राहु और केतु का प्रभाव हो तथा कुंडली के छठे भाव और इसके स्वामी का संबंध शुक्र से हो। उसके पश्चात देखें छठे भाव और छठे भाव के स्वामी का संबंध गुरु से हो तथा गुरु का छठे भाव से संबंध होने पर जातक को मधुमेह रोग की संभावना होती है ,मधुमेह रोग का विचार हम लोग छठे भाव आठवां भाव ,बारवा भाव , तथा इन भाव के स्वामियों को देखकर भी करते हैं । इसका का मेन कारक ग्रह शुक्र बृहस्पति और चंद्रमा है।इसके पश्चात हमे देखें कि गुरु शुक्र चंद्र पर पाप ग्रहों का प्रभाव , शनि मंगल राहु और केतु का हो तथा छठे भाव आठवें भाव 12 भाव के स्वामियों का संबंध ऊपर बताए हुए ग्रहो से होने पर या यह ग्रह छठे भाव में आठवें भाव में 12 भाव में स्थित हो तो यह रोग होता है ।अर्थात छठे भाव में आठवें भाव बारह भाव में गुरु शुक्र चंद्र की स्थिति हो और उन पर पाप ग्रह शनि मंगल राहु केतु का प्रभाव हो तो मधुमेह रोग की होने की संभावनाएं बढ़ जाती है ।तो वह जातक अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाकर यह जान सकता है कि उसे मैं मधुमेह रोग होने की संभावना है या नहीं। धन्यवाद।
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