कुंडली से जाने :शिक्षा ठीक होगी या खराब होगी
शिक्षा के लिए कुंडली मे इन सब का प्रभाव रहते है।इनका आकलन करके शिक्षा ठीक होगी या खराब होगी का विचार किया जाता है।
जन्मकुंडली में पंचम भाव, पंचमेश, द्वितीय भाव, द्वितीयेश, चतुर्थेश, गुरु व बुध
नीच, अस्तगत, शत्रुगत या पापकर्तरीगत है।
शनि का लग्नेश पर या लग्न पर प्रभाव हो व राहु की भी लग्न या लग्नेश पर दृष्टि हो ,जातक आलसी होते हैं।
सुबह उठकर पढ़ना अच्छा नहीं लगता।
बुध एवं गुरु ये महत्वपूर्ण होते हैं।
शिक्षा के योग :कुंडली मे दुसरा भाव प्राइमरी शिक्षा का होता हैं।
चौथा भाव ओर पांचवां भाव माध्यमिक और स्नातक शिक्षा का होता हैं।
नौवें भाव उच्च शिक्षा का होता हैं।डी -24 (गठन, लर्निंग) चार्ट भी देखे।
अगर इन भावो पर पापी गृहऔ का प्रभाव होता हैं या चौथा भाव ओर पांचवां भाव के स्वामी का
6th ,8th , 12th भावो मैं जाते हैं तो शिक्षा मैं बाधा के योग बनते हैं :
शनि या राहु की अंतर्दशा चल रही हो , अनुकूल नहीं हो,
शुक्र, मंगल की युति, राहु मंगल का संबंध लग्न अथवा पंचम भाव में हो.
अनैतिक गतिविधियों में अधिक रहते हैं। इंटरनेट पर गलत साइट्स सर्च करते है।
साढ़ेसाती अथवा ढैया चल रही हो,
राहु-मंगल या शुक्र मंगल की युति लग्न, पंचम या ग्यारहवें भाव में हो,
कुसंगति में पड़कर अध्ययन पर ध्यान नहीं देते।
जन्मकुंडली में गुरु यदि नीच राशिगत हो, निर्बल हो या पाप प्रभाव में हो एवं लग्नेश की भी ऐसी ही स्थिति हो.
शुक्र और चंद्रमा यदि त्रिक भावगत हों, नीच राशिगत हों या पाप प्रभाव मे हो।
कृपया अपनी कुंडली का विवेचन ज्योतिषी से करवाये शिक्षा के लिए कुंडली मे इन सब का प्रभाव रहते है।इनका आकलन करके शिक्षा ठीक होगी या खराब होगी का विचार किया जाता है।
जन्मकुंडली में पंचम भाव, पंचमेश, द्वितीय भाव, द्वितीयेश, चतुर्थेश, गुरु व बुध
नीच, अस्तगत, शत्रुगत या पापकर्तरीगत है।
शनि का लग्नेश पर या लग्न पर प्रभाव हो व राहु की भी लग्न या लग्नेश पर दृष्टि हो ,जातक आलसी होते हैं।
सुबह उठकर पढ़ना अच्छा नहीं लगता।
बुध एवं गुरु ये महत्वपूर्ण होते हैं।
शिक्षा के योग :कुंडली मे दुसरा भाव प्राइमरी शिक्षा का होता हैं।
चौथा भाव ओर पांचवां भाव माध्यमिक और स्नातक शिक्षा का होता हैं।
नौवें भाव उच्च शिक्षा का होता हैं।डी -24 (गठन, लर्निंग) चार्ट भी देखे।
अगर इन भावो पर पापी गृहऔ का प्रभाव होता हैं या चौथा भाव ओर पांचवां भाव के स्वामी का
6th ,8th , 12th भावो मैं जाते हैं तो शिक्षा मैं बाधा के योग बनते हैं :
शनि या राहु की अंतर्दशा चल रही हो , अनुकूल नहीं हो,
शुक्र, मंगल की युति, राहु मंगल का संबंध लग्न अथवा पंचम भाव में हो.
अनैतिक गतिविधियों में अधिक रहते हैं। इंटरनेट पर गलत साइट्स सर्च करते है।
साढ़ेसाती अथवा ढैया चल रही हो,
राहु-मंगल या शुक्र मंगल की युति लग्न, पंचम या ग्यारहवें भाव में हो,
कुसंगति में पड़कर अध्ययन पर ध्यान नहीं देते।
जन्मकुंडली में गुरु यदि नीच राशिगत हो, निर्बल हो या पाप प्रभाव में हो एवं लग्नेश की भी ऐसी ही स्थिति हो.
शुक्र और चंद्रमा यदि त्रिक भावगत हों, नीच राशिगत हों या पाप प्रभाव मे हो।
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