सूर्य के अशुभ होने संकेत:
घर की पूर्व दिशा ठीक न होना ।
पिता का सम्मान नही होता है ।
सुबह देर से उठना।
न्याय का उल्लंघन होना ।
सूर्य ग्रह की बीमारी :
बोलते समय थूक उछलता है।
शरीर के कुछ अंग आंशिक या पूर्ण रूप से खराब होने लगते हैं।
सूर्य अशुभ और खराब होने पर :
व्यक्ति अपना विवेक खो देता है।
दिमाग और शरीर का दायां भाग सूर्य से प्रभावमे होता है।
सूर्य के अशुभ होने पर शरीर में अकड़न आती है।
मुंह में थूक बनाता है।
दिल का रोग हो जाते है ,धड़कन का कम-ज्यादा होना।
मुंह और दांतों में तकलीफ होती है।
बेहोशी के रोग होते है
सिरदर्द होता है।
गुरु, देवता और पिता के साथ मे कमीं कर देता हैं।
राज्य की ओर से दंड मिल सकता है
नौकरी जा सकती है।
सोना खो सकता है। चोरी हो सकती है।
लाल गाय खो जाती है या मर जाती है।
पिता को कष्ट।
सूर्य शुभ है तो : कांतिमय चेहरे होता है।
आंखों ठीक होतीं है।
राजनीतिज्ञ होता है।
सरकारी नौकरी मे बड़ा अधिकारी होता है ।
न्यायप्रिय होता है।
सूर्य नवम और दशम भाव में उत्तम होते हैं।सूर्य के उपाय :
घर की पूर्व दिशा वास्तुशास्त्र अनुसार ठीक करें।
भगवान विष्णु की आराधना करे ।
बंदर, गाय को भोजन कराएं।
सूर्य को अर्घ्य देना।
ताम्र पत्र में शुद्ध जल ,लाल पुष्प ,लाल चन्दन या कुषा डालकर सूर्य को "ॐ घ्रिणी सूर्याय नमः" से अर्घ्य दें .
लाल चन्दन या केशर का तिलक लगायें.
रविवार का व्रत रखना चाहिए ।
मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलना चाहिए ।
पिता का सम्मान करना चाहिए ।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ।
गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए ।
तांबा, गेहूं एवं गुड़ का दान करना चाहिए ।
कार्य पर जाने के समय मीठा खाकर कर जावे ।
ॐ घृणी सूर्याय नमः जाप करें।
गाय का दान करना चाहिए.।
गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए .
गाय की सेवा करनी चाहिए ।
सुबह उठकर सूर्य देवता को अध्र्य देना चाहिए .
गुड़, सोना, तांबा और गेहूं
सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान .
रविवार के दिन व्रत करना चाहिए.
किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने
पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए।
प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करना चाहिए
सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।
रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।
किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।
सूर्य रत्न माणिक रविवार के दिन शुक्ल पक्ष में ,दायें हाथ की अनामिका में धारण करें.
जड़ी बूट बेलपत्र की जड़,रविवार कोलाल धागे में दायें बाजू में बाँधें.
दान : गेहूं, लाल वस्त्र,लाल फल (अनार),लाल मिठाई (गुड़),सोना,गाय,तांबा, किसी ब्राह्मण को रविवार के दिन दान करें.
मंत्र ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः". सूर्य गायत्र ,ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात".
स्तोत्र,सूर्याष्टकम या आदित्यहृदय स्तोत्रं.
पुराण,हरिवंश पुराण का पाठ. व्रत,
कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व थोडा मीठा मुहँ में डाल कर पानी पी लें.
सूर्य की आराधना रविवार को कैसे करें:
रविवार के दिन सुबह तांबे के लोटे से सूर्य देव को गायत्री मंत्र बोलते हुए जल चढ़ाना । लोटे से नीचे गिरते पानी से सूर्य के दर्शन करना । आदित्य ह्रदयस्त्रोत का पाठ करना । गायत्री मंत्र की एक माला जाप करना । -
घर की पूर्व दिशा ठीक न होना ।
पिता का सम्मान नही होता है ।
सुबह देर से उठना।
न्याय का उल्लंघन होना ।
सूर्य ग्रह की बीमारी :
बोलते समय थूक उछलता है।
शरीर के कुछ अंग आंशिक या पूर्ण रूप से खराब होने लगते हैं।
सूर्य अशुभ और खराब होने पर :
व्यक्ति अपना विवेक खो देता है।
दिमाग और शरीर का दायां भाग सूर्य से प्रभावमे होता है।
सूर्य के अशुभ होने पर शरीर में अकड़न आती है।
मुंह में थूक बनाता है।
दिल का रोग हो जाते है ,धड़कन का कम-ज्यादा होना।
मुंह और दांतों में तकलीफ होती है।
बेहोशी के रोग होते है
सिरदर्द होता है।
गुरु, देवता और पिता के साथ मे कमीं कर देता हैं।
राज्य की ओर से दंड मिल सकता है
नौकरी जा सकती है।
सोना खो सकता है। चोरी हो सकती है।
लाल गाय खो जाती है या मर जाती है।
पिता को कष्ट।
सूर्य शुभ है तो : कांतिमय चेहरे होता है।
आंखों ठीक होतीं है।
राजनीतिज्ञ होता है।
सरकारी नौकरी मे बड़ा अधिकारी होता है ।
न्यायप्रिय होता है।
सूर्य नवम और दशम भाव में उत्तम होते हैं।सूर्य के उपाय :
घर की पूर्व दिशा वास्तुशास्त्र अनुसार ठीक करें।
भगवान विष्णु की आराधना करे ।
बंदर, गाय को भोजन कराएं।
सूर्य को अर्घ्य देना।
ताम्र पत्र में शुद्ध जल ,लाल पुष्प ,लाल चन्दन या कुषा डालकर सूर्य को "ॐ घ्रिणी सूर्याय नमः" से अर्घ्य दें .
लाल चन्दन या केशर का तिलक लगायें.
रविवार का व्रत रखना चाहिए ।
मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलना चाहिए ।
पिता का सम्मान करना चाहिए ।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ।
गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए ।
तांबा, गेहूं एवं गुड़ का दान करना चाहिए ।
कार्य पर जाने के समय मीठा खाकर कर जावे ।
ॐ घृणी सूर्याय नमः जाप करें।
गाय का दान करना चाहिए.।
गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए .
गाय की सेवा करनी चाहिए ।
सुबह उठकर सूर्य देवता को अध्र्य देना चाहिए .
गुड़, सोना, तांबा और गेहूं
सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान .
रविवार के दिन व्रत करना चाहिए.
किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने
पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए।
प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करना चाहिए
सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।
रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।
किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।
सूर्य रत्न माणिक रविवार के दिन शुक्ल पक्ष में ,दायें हाथ की अनामिका में धारण करें.
जड़ी बूट बेलपत्र की जड़,रविवार कोलाल धागे में दायें बाजू में बाँधें.
दान : गेहूं, लाल वस्त्र,लाल फल (अनार),लाल मिठाई (गुड़),सोना,गाय,तांबा, किसी ब्राह्मण को रविवार के दिन दान करें.
मंत्र ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः". सूर्य गायत्र ,ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात".
स्तोत्र,सूर्याष्टकम या आदित्यहृदय स्तोत्रं.
पुराण,हरिवंश पुराण का पाठ. व्रत,
कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व थोडा मीठा मुहँ में डाल कर पानी पी लें.
सूर्य की आराधना रविवार को कैसे करें:
रविवार के दिन सुबह तांबे के लोटे से सूर्य देव को गायत्री मंत्र बोलते हुए जल चढ़ाना । लोटे से नीचे गिरते पानी से सूर्य के दर्शन करना । आदित्य ह्रदयस्त्रोत का पाठ करना । गायत्री मंत्र की एक माला जाप करना । -
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