Thursday, February 12, 2015

ज्योतिष :सुदर्शन कुंडली : सुदर्शन चक्र :Astrology: Sudarshan Horoscope: Sudarshan kundali:


कुंडली का विवेचन और सुदर्शन कुंडली।
कुंडली का विवेचन करने के लिए : लग्न कुण्डली, चंद्र कुण्डली व सूर्य कुण्डली। इन तीनों को जब एक साथ मिलाकर देखा जाता है तो सुदर्शन चक्र  होता है।
लग्न  :लग्न ,चन्द्र लग्न ,सूर्य लग्न ,इन तीनो लग्नो का  विवेचन करना चाहिए।
इन तीनो लग्नो  से सुदर्शन चक्र का बनता है।
लग्न: शरीर ,लक्षण, स्वभाव ,स्वास्थ्य का प्रभाव। 
चन्द्र लग्न :मन  का प्रभाव । 
सूर्य लग्न:आत्मा ऊर्जा का प्रभाव ।
इन तीनो लग्नो का बल देख कर  विवेचन करना चाहिए।यह जानकारी सुदर्शन कुंडली   से प्राप्त होती  है। 
फलादेश  :कुंडली का विवेचन  करते समय दशा विचाऱ के समय तीन लग्नो को आधार मानकर फलादेश करना चाहिए ।
विद्वान एवं जानकार ज्योतिषी से परामर्श लेना  चाहिए। 
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