Thursday, January 29, 2015

ज्योतिष :सलाह :टिप :नाम, शोहरत, धन और समृद्धि के लिये :Astrology :Advice :Tips:name, fame, money and prosperity


धन के हाउस 1, 2, 5, 9 , 10 और 11 हाउस  और उनके लॉर्ड्स,
हानि के हाउस 8 और 12 या उनके लॉर्ड्स से प्रभावित हैं ,तो आपके नाम, शोहरत, धन और समृद्धि का नुकसान होना संभव है  ,तब  यह निष्कर्ष भी निकाल सकते हैं की जब 8 हाउस ,12 हाउस या उनके लॉर्ड्स की दशा मे नाम, शोहरत, धन और समृद्धि (व्यापार) मे नुकसान होता है  . हमे  जब  मालूम है   की इन हाउस की दशा चल रही तब इस  अवधि के दौरान नई योजनाओं के लिए निर्णय लेने से बचना चाहीए   .  
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Saturday, January 24, 2015

ज्योतिष :सिग्निफिकैटर : ग्रहों के कारक : ग्रहों के गुण :ग्रहों की जाति:Astrology :Significator : planetary factors: properties of planets:


हस्तियोंCelebrities: सूर्य, चंद्रमा
हानिकर ग्रह: सूर्य, शनि, मंगल, ढलते चाँद (राहु, केतु, पीड़ित
बुध )
बेनीफिक Benefic ग्रह: बृहस्पति, शुक्र, वैक्सिंग चंद्रमा, वेल एसोसिएटेड बुध (ढलते चाँद और बुध एक साथ हैं, दोनों benefic हो जाते हैं)
सुपीरियर ग्रह: मंगल, बृहस्पति, शनि
Inferior  इन्फीरियर  ग्रह: बुध, शुक्र
ग्रहों की सेक्स:
सूर्य, मंगल, बृहस्पति: मेल male
चंद्रमा, शुक्र: Femalesफ़ेमलेस
बुध, शनि: Neutralsनूट्रल्स
ग्रहों की जाति:
बृहस्पति, शुक्र: ब्राह्मणों
सूर्य, मंगल: क्षत्रिय
बुध, चंद्रमा: वैश्य
शनि: Shoodraशूद्र
ग्रहों के गुण
सूर्य, चंद्रमा, बृहस्पति: Satwik सात्विक
शुक्र, बुध: Rajsikराजसिक
मंगल, शनि: Tamasikतामसिक
ग्रहों की दिशा:
सूर्य: पूर्व
चंद्रमा: उत्तर पश्चिम
मंगल ग्रह: दक्षिण
बुध: उत्तर
बृहस्पति: उत्तर-पूर्व
शुक्र: दक्षिण पूर्व
शनि: पश्चिम
राहु / केतु: दक्षिण-पश्चिम
ग्रहों की निवास स्थानabodes:
सूर्य: मंदिर
चंद्रमा: Watery Placeपानी का स्थान
मंगल ग्रह:
आग का स्थान
बुध: खेल का मैदान
बृहस्पति: खजाना घरTreasure house
शुक्र: बिस्तर कक्षBed Room
शनि: गंदे का  स्थान
ग्रहों के मौसम:Seasons of Planets :
शुक्र: वसंत
सूर्य, मंगल: Grishmaग्रीष्म
चंद्रमा: वर्षा
बुध: सरद
बृहस्पति: हेमंत
शनि: शिशिर
ग्रहों के स्वभाव:
सूर्य, मंगल: पित्त या पित्त
शनि: वात या हवा
बृहस्पति, चंद्रमा, शुक्र: कफ 

बुध: सभी का मिश्रण
ग्रहों के स्वाद:
सूर्य: तीखे
चंद्रमा: खारा
मंगल ग्रह: कड़वे
बुध: मिश्रित
बृहस्पति: मीठा
शुक्र: खट्टे
शनि: कसैलेAstringent
ग्रहों के तत्वों:
बुध: पृथ्वी
चंद्रमा, शुक्र: जल
सूर्य, मंगल: अग्नि
शनि: वायु
बृहस्पति: आकाश
ग्रहों का रंग:
मंगल और सूर्य: Blood- लाल
चंद्रमा: गहरे पीले के रंग
बुध: हरा
बृहस्पति: गहरे पीले के रंग
शुक्र: तरह तरह
विचित्रVariegated
शनि: डार्क
ग्रहों की शारीरिक घटक:Physical constituents of Planets :
सूर्य: हड्डियों
चंद्रमा: रक्त
मंगल ग्रह: मज्जा
बुध: त्वचा
बृहस्पति: फैट
शुक्र: वीर्य
शनि: स्नायु
ग्रहों की कैबिनेट:
सूर्य और चंद्रमा: शाही जोड़े
मंगल ग्रह: कमांडर-इन-चीफ
बुध: राजकुमार
बृहस्पति और शुक्र: मंत्रियों
शनि: नौकर
ग्रहों के होश:Senses of planets :
सूर्य और मंगल: विजन
चंद्रमा, शुक्र: स्वाद
बुध: गंध
बृहस्पति: सुनवाई
शनि: टच
ग्रहों की अवधि:
सूर्य: छह महीने
चंद्रमा: 48 मिनट
मंगल ग्रह: एक दिन (दिन और रात से मिलकर)
बुध: दो महीने
बृहस्पति: एक महीना
शुक्र: एक पखवाड़े
शनि: एक साल
ग्रहों के रत्न:
सूर्य: रूबी
चंद्रमा: पर्ल
मंगल ग्रह: कोरल
बुध: पन्ना
बृहस्पति: पीला नीलम या पुखराज
शुक्र: हीरा
शनि: नीला नीलम
राहु: Gomed
केतु  Cat’s eye
ग्रहों की धातु:
मंगल ग्रह और सूर्य: कॉपर
चंद्रमा और शुक्र: रजत
बुध: बेल का धातु
बृहस्पति: गोल्ड
शनि: लौह
राहु और केतु: लीड
ग्रहों के पेड़:
सूर्य: मोटा चड्डी के साथ पेड़Tree with stout trunks
चंद्रमा: दूधिया पेड़ (उदा रबर पौधों से बेदखल)
(नींबू के पौधों की तरह) कड़वे पेड़: मंगल ग्रह
बुध: निरर्थक पेड़ों
बृहस्पति: उपयोगी वृक्षों
शुक्र: पुष्प पौधे
शनि: बेकार के पेड़

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Wednesday, January 21, 2015

ज्योतिष और शिक्षा :विषय के प्रकार :सिग्निफिकैटर,कारक :Astrology :Types of Subject :


 विषय के प्रकार -मुख्य significator ग्रह :Types of Subject -Main Significator Planets
1Engineering के मुख्य ग्रह (शनि और मंगल) ग्रहों विषयों


2. इलेक्ट्रोनिक और कॉम इंजी , बुध , गुरु , मंगल और 3हाउस

3. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग  बुध , मंगल, गुरु

4. मैक् इंजीनियरिंग बुध , मंगल , शनि

5. केमिकल इंजीनियरिंग शुक्र , चंद्रमा

6. खनन इंजीनियरिंग, शनि , बुध , मंगल

7. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग शुक्र, मंगल

8. एयर कंडीशन इंजी ,शनि , मंगल

9. स्टील इंजी, शनि , मंगल

10 पेट्रो केमिकल ,चंद्रमा , शनि, मंगल, सूर्य

11. विमानन इंजी,शुक्र,
मंगल ,बुध , और (3,7,11h )

मेडिकल मुख्य कारक significator विषय ग्रह

1. हार्ट विशेषज्ञ ,रवि

2. सर्जन ,सूर्य, मंगल

3. ईएनटी विशेषज्ञ ,सूर्य , बुध

4. बच्चों विशेषज्ञ,
सूर्य , गुरु , बुध

5. कैंसर विशेषज्ञ ,
सूर्य , गुरु 

6. स्त्री रोग विशेषज्ञ ,
सूर्य , शुक्र

7. नेत्र विशेषज्ञ ,
सूर्य , शुक्र

8. प्लास्टिक सर्जन ,
सूर्य , शुक्र

9. पाप विशेषज्ञ सूर्य, शनि

10 आयुर्वेद स्पेशल सूर्य, केतु

11. हिस्टीरिया स्पेशल ,सूर्य, राह

12. डेंटिस्ट ,सूर्य, मंगल ,
शुक्र 7h

13. फार्मेसिस्ट सूर्य

14. नर्स, सूर्य, चंद्रमा , बुध

बायो विषय :ग्रह

1. बायोटेक ,सूर्य , गुरु , बुध

2. माइक्रोबायोलॉजी ,गुरु , बुध , मंगल

3. बॉटनी ,सूर्य , गुरु , बुध

4. जूलॉजी ,शनि, गुरु

वाणिज्य विषय गुरु = फाइनेंस ।, बुध = वाणिज्य ग्रहों ,विषय ग्रह 


1. वित्तीय सलाहकार, सूर्य , बुध , गुरु , मंगल और 12 वीं h

2. चार्टर्ड लेखा ,
सूर्य , बुध , गुरु , मंगल और 3rd h

3. राजस्व सलाहकार ,गुरु , बुध , मंगल, 2 & 11हाउस

4. सांख्यिकी ,शनि, बुध , गुरू

5. बीमा सलाहकार ,शनि, बुध , और 8 th हाउस 


6. होटल  ,मंगल ,
शुक्र , चंद्रमा , 4th हाउस

7. बैंकर ,गुरु , बुध

8. एमबीए, सूर्य , गुरु , मंगल, बुध

9. रियल स्टेट एक्सपर्ट, मंगल ग्रह , गुरु ,
शुक्र , बुध

10 हाइपर स्टोर, मंगल ग्रह ,
गुरू , शुक्र , 2 nd  हाउस

कला वि:षयों :मुख्य significator
शुक्र ग्रह ;

1. अधिवक्ता (कानून): बुध , गुरु , मंगल , शनी  और 3rd हाउस

2. शिक्षा (बी.एड.): गुरु , बुध , सूर्य और 4 th  हाउस

3. मीडिया : गुरु , बुध ,
शुक्र और 3th हाउस

4. विज्ञापन :गुरु , बुध ,7, 3 हाउस

5. समाज कल्याण :(एनजीओ) चंद्रमा ,
शुक्र , गुरु और 11 वीं हाउस

6. निजी सचिव: बुध , मंगल, गुरु और 3 rd हाउस

7. फ्रंट एंड मैनेजमेंट: बुध , गुरु और 3rd  हाउस

8. फोटोग्राफर:
सूर्य , शुक्र , चंद्रमा

9. फिल्म और संगीत
कैरियर:शुक्र , बुध ,गुरु व 5 th हाउस

10 डेयरी उत्पादन एवं मैनेजमेंट:
शुक्र , चंद्रमा , मंगल और 6 th हाउस

11.Textile डिजाइनिंग :
शुक्र , बुध , चंद्रमा 5th  हाउस

12. उद्यमिता
Entrepreneurshipएवं मैनेजमेंट :गुरु , बुध , मंगल, 7th  हाउस

13. पर्यटन और एयरलाइन मैनेजमेंट :
शुक्र , बुध , 9 एवं (3,7,11) हाउस

14. खाद्य विज्ञान एवं गुणवत्ता :गुरु , मंगल

15. परिधान प्रोड और एक्सपोर्ट :
शुक्र , बुध , मंगल 9 वीं और 7 वीं हाउस

16. विदेशी भाषा :केतु , बुध , गुरु

17. कर्रिएर  इन  स्पोर्ट्स :मंगल  ,गुरु ,सुर्य ,शुक्र और 5th  हाउस

18. राजनीति शास्त्र :गुरु
,शुक्र

19. गहने डिजाइन :,
शुक्र , बुध ,गुरु ,मंगल 5 th हाउस 

20. निजी खुफिया
कैरियर:शनि , बुध 
नौकरी कौन सी होगी  वह 10th हाउस पर निर्भर करती है:  

10 वीं हाउस के मुख्य significator:कारक :
10 वीं हाउस मै बैठे  ग्रह का  प्रभाव :

विषय के प्रकार :मुख्य significator ग्रह:

1Engineering मुख्य ग्रह (शनि और मंगल)

2. इलेक्ट्रोनिक इंजी :सूर्य , बुध गुरु , मंगल और3rd  हाउस

3. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: बुध , मंगल, गुरु

4. मैक् इंजीनियरिंग: बुध , मंगल , शनि

5. केमिकल इंजीनियरिंग: शुक्र , चंद्रमा

6. खनन इंजीनियरिंग : शनि , बुध , मंगल

7. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग:
शुक्र , मंगल

8. एयर -कंडीशन इंजी :शनि , मंगल

9. स्टील इंजी: शनि , मंगल

10 पेट्रो केमिकल :चंद्रमा , शनि, मंगल, सूर्य

11. एविएशन इंजी :
शुक्र , मंगल , बुध और सूर्य , (3,7,11) हाउस

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Sunday, January 18, 2015

ज्योतिष: ग्रह और रोग :Astrology: Planets and disease:

ग्रह  और रोग
प्रत्येक ग्रह हमारे शरीर पर प्रभाव डालते है। जिससे की हमे बीमारियों का सामना करना पड़ता है।नीचे  हम बता रहे है कि कौनसा  ग्रह  कौनसा रोग.
दे सकता  है। 
सूर्य और रोग:
विवेक  : विवेक खोना ।
दिमाग : दिमाग और शरीर का दायां भाग सूर्य से प्रभावित होकर रोग देता है।
अकड़न :सूर्य के कारण खराब होने पर शरीर में अकड़न आ सकती है।
थूक का आना :मुंह में थूक आते रहता है।
दिल का रोग :दिल के रोग का होना।   

धड़कन :धड़कन का कम-ज्यादा होते रहना ।
दांतों  : दांतों में तकलीफ का होना।
बेहोशी और सिरदर्द  :का रोग होना ।
चंद्र ग्रह और रोग :
दिल और बायां भाग  : दिल और बायां भाग मे चंद्र ग्रह का प्रभाव होने से रोग देता है।
रोग : सर्दी-जुकाम ,मिर्गी ,पागलपन, बेहोशी ,मासिक धर्म ,फेफड़े संबंधी रोगो का होना।

मासिक धर्म :मासिक धर्म ठीक से न होना।
स्मरण शक्ति कमजोर होना, मानसिक तनाव और मन में घबराहट होना, शंका और अनिश्चित भय का होना ।
आत्महत्या : मन में आत्महत्या करने के विचार  आते रहते हैं।
मंगल और रोग :


रोग :नेत्र रोग,उच्च रक्तचाप ,वात रोग, गठिया रोग ,फोड़े-फुंसी ,जख्मी या चोट। ।
बुखार : बार-बार बुखार का आना ।
रोग :शरीर में कंपन ,गुर्दे में पथरी,शारीरिक ताकत मे कमी ,।
शरीर के जोड़  :शरीर के जोड़ मे समस्या का होना ।
रक्त : मंगल से रक्त संबंधी बीमारी हो सकती है  । 

बच्चे पैदा होने मे समस्या हो सकती ।
बुध ग्रह और रोग :
तुतलाहट : तुतलाहट का होना।
सूंघने  : सूंघने की शक्ति क्षीण होना ।
दांतों :  दांतों का खराब होना।
मित्र : मित्र से संबंध ख़राब होना ।
बहन, बुआ और मौसी  : बहन, बुआ और मौसी पर मुसीबत आना।
नौकरी या व्यापार : नौकरी या व्यापार में हानि होना।
बदनामी  :बदनामी होती है।
गुरु ग्रह और रोग : 
रोग :  पेचिश, रीढ़ की हड्डी में दर्द, कब्ज, रक्त विकार, कानदर्द, पेट फूलना, जिगर में खराबी ,अस्थमा, दमा, श्वास आदि के रोग, गर्दन, नाक या सिर में दर्द , वायु विकार, फेफड़ों में दर्द ।
शुक्र ग्रह और रोग : 
रोग :  गाल, ठुड्डी और नसों पर प्रभाव ,अंतड़ियों के रोग ,गुर्दे का दर्द , पांव में तकलीफ ।
वीर्य : वीर्य की कमी होना,  यौन रोग का होना , कामेच्छा का समाप्त होना ।
अंगूठे : अंगूठे में दर्द का रहना ।
त्वचा :  त्वचा संबंधी रोग का होना ।
शनि ग्रह और रोग :  :
रोग :  दृष्टि, बाल, भवें और कनपटी पर रहता है।
 आंखें कमजोर होना। भवों के बाल झड़ना ।
कनपटी की नसों में दर्द का होना ।
सिर के बाल का झड़ना ।
फेफड़े की  तकलीफ होती है।
हड्डियां का कमजोर होना। जोड़ों का दर्द होना ।
रक्त की कमी होना ।
पेट का फूलना।
सिर की नसों में तनाव।
चिंता और घबराहट का होना ।
राहु के रोग  :

रोग :गैस प्रॉब्लम, बाल झड़ना , उदर रोग,बवासीर, पागलपन।
मानसिक तनाव  : मानसिक तनाव का रहना ।
नाखून :नाखून का  टूटते रहना ।
मस्तिष्क : मस्तिष्क में पीड़ा और दर्द का बने रहना  ।
पागलखाने, दवाखाने या जेलखाने जा  सकता है।
राहु अचानक से कोई बड़ी बीमारी पैदा हो सकती  है। 

केतु का रोग  :
पेशाब :पेशाब का रोग ,कान, रीढ़ ,घुटने, लिंग, जोड़ की समस्या ।
संतान : संतान उत्पति में कठिनाई ।
बाल  : सिर के बाल झड़ते हैं।
नसों :शरीर की नसों में कमजोरी का होना ।
चर्म रोग :  चर्म रोग होता है।
कान :सुनने की क्षमता कमजोर होना ।
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Saturday, January 17, 2015

ज्योतिष :वाणी दोष कैसे बनता है ? :उपाय:वाणी दोष निवारण के लिए: Upay :

कुंडली  मे वाणी दोष कैसे बनता है ?
कुंडली मे हमे यह देखना होता है। 
  • भाव:दूसरा भाव वाणी का होता  है।
  • बुध ग्रह :बुध ग्रह वाणी का कारक ग्रह कहलाता है। 
  • दूसरे भाव का स्वामी :दूसरे भाव का स्वामी ग्रह को  देखे ।
  •  चन्द्र लग्न।
दूसरा भाव वाणी , दूसरे भाव का स्वामी एवं कारक ग्रह बुध यदि पाप ग्रह (राहु/केतु शनि ,मंगल,केतु ,), दृष्ट या अशुभ भाव (६,८ १२ ) में स्थित हो तो वाणी दोष कहलाता है। 
 वाणी दोष निवारण के लिए:
बुध के उपाय:
हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान उत्तम कहा जाता है. विष्णु सहस्रनाम का जाप .
तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए।
हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए।
गणेशजी को लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें। 
बुध यंत्र: कुंडली में बुध कमजोर होने के कारण स्मरण शक्ति कमजोर हो, वाणी दोष  :वाणी दोष हो,  बुध यंत्र लाॅकेट चांदी में शुद्धीकरण आदि करके हरे धागे में बुधवार को सुबह धारण करना चाहिए।
पाप ग्रह राहु ,केतु शनि ,मंगल, का उपाय  करना चाहिए ।
वास्तुशास्त्र  :खिड़की, दरवाजे और मुख्य रूप से मेन-गेट पर काला पेंट हो तो परिवार के सदस्यों के व्यवहार में अशिष्टता, गुस्सा, बदजुबानी आदि बढ़ जाते हैं। जन्मपत्रिका में वाणी दोष ( ग्रह शनि, राहु मंगल और केतु ) हों, तो  प्रभाव विशेष रूप से पता लगता है । मंगल व केतु का प्रभाव हो तो लाल पेंट कुतर्क, अधिक बहस, झगड़ालू और व्यंगात्मक भाषा इस्तेमाल होती है। ऐसे हालात में सफेद रंग का प्रयोग लाभदायक होता है।
   नोट -ज्योतिषि को अपनी कुंडली दिखाइए।
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ज्योतिष :उपाय :भाग्य .ज्ञान,पद प्रतिष्ठा को बलवान करने के उपाय :विवाह बाधा भी दूर करने के उपाय: Upay :for Luck : for obstacle of marriage:

भाग्य को  बलवान  करने  के उपाय :
विवाह बाधा भी दूर करने के उपाय:
सूर्य और गुरु को बलवान करने के लिए नीचे बताये उपाय करने से  भाग्य बलवान  होता  है  और ज्ञान, सामर्थ तथा पद प्रतिष्ठा प्राप्त होगी 

गायत्री मंत्र :गायत्री मंत्र का जाप कीजिए। 
सूर्य को जल दें।

प्रात:काल :माता-पिता का  आशीर्वाद लें।

अहंकार :कभी भी अहंकार न करें।

बददुआ :किसी भी निर्बल व असहाय व्यक्ति की बददुआ न ले।

वद्धाश्रम और कमजोर वर्ग की तन, मन और धन से मदद करें।

मंदिर,  जाकर ईश्वर से शुभ मंगल की प्रार्थना करें। 
मंदिर निर्माण :लोहा, सीमेंट, सरिया इत्यादि का दान देकर मंदिर निर्माण में मदद करें।

रुद्र अभिषेक :का पाठ करने से  अवरोध दूर होते है।


‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’,मंत्र का जाप करना चाहिए।

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Thursday, January 15, 2015

ज्योतिष : जन्मकुंडल‍ी‍ न हो तो क्या करें :Astrology: What to do if not having janm patrika :

 जन्मकुंडल‍ी‍ न हो तो क्या करें :अगर आप अपने जन्म की दिनांक या समय आदि ठीक से नहीं मालूम हो तो  हमारा हाथ हमारी सहायता करता है।  कुंडली‍ में एक मुख्य ग्रह होता है. मुख्य ग्रह कमजोर होगा तो ज़िंदगी संघर्षों से भरी रहती है और यदि आप का मुख्य ग्रह मजबूत होगा तो वह विपरीत स्थितियों में भी रास्ता बना लेता है. कैसे पता करें अपना  मुख्य ग्रहउस ग्रह के अनुसार ही मनुष्‍य का जीवन प्रभावित होता है। मुख्य ग्रह का पता लगाकर मजबूत किया जाए तो जीवन की दिशा बदली जा सकती है। 
मुख्य ग्रह  को हस्त रेखा से जान सकते है।  अपने हाथ को गौर से देखें। पाँचों ऊँगलियों के  पर्वतो को देखे । तर्जनी से अँगूठे तक ये क्रमश: गुरु, शनि, सूर्य, बुध और शुक्र पर्वत होते  है । हाथ के बी‍च में : मंगल, राहु और केतु के पर्वत होते हैं। प्रत्येक पर्वत को दबा दबा कर देखें। जो पर्वत उभरा हुआ होता  है, और जिस पर कोई कटी-फटी रेखाएँ ,दाग-धब्बे-तिल आदि नहीं होते  है, तो  वह पर्वत आपका  मजबूत ग्रह होगा । अगर पर्वत  दबे हुए, कटी-फटी रेखाओं वाले हो तो   नीच ग्रह कहलायेगे। रेखाएँ  आड़ी या एक-दूसरे को काटने वाली रेखाएँ शुभ नहीं हो‍ती। उभरे पर्वतों को देखेंगे। इसमे सबसे मजबूत और साफ-सुथरा पर्वत चुनेंगे। यह आपका मुख्य ग्रहहोगा जिसको मजबूत करने से, आपको लाभ मिलेगा। अब दबे हुए पर्वतों को देखें। ये वो ग्रह है जो आपको परेशानी दे सकते हैं। 
 मुख्य ग्रह को अनुकूल करने   के लिये  उसका उपाय  करना चाहिए।
यदि मुख्य ग्रह सूर्य को प्रबल करना है तो निम्न उपाय करें। 
  • मुख्य ग्रह सूर्य:
यदि सूर्य मुख्य ग्रह होकर अच्छा फल देने में असमर्थ हो तो निम्न उपाय करने चाहिए।
घर की पूर्व दिशा वास्तुशास्त्र अनुसार ठीक करें।
भगवान विष्णु की आराधना करे ।
बंदर, गाय  को भोजन कराएं।
सूर्य को अर्घ्य देना।

ताम्र पत्र में शुद्ध जल ,लाल पुष्प ,लाल चन्दन या कुषा डालकर सूर्य को "ॐ घ्रिणी सूर्याय नमः" से अर्घ्य दें . 
लाल चन्दन या केशर का तिलक लगायें.
रविवार का व्रत रखना चाहिए ।
मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलना चाहिए ।
पिता का सम्मान करना चाहिए । 

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ।
गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए ।
तांबा, गेहूं एवं गुड़ का दान करना चाहिए ।
कार्य पर जाने के समय  मीठा खाकर कर जावे ।

ॐ घृणी सूर्याय नमः  जाप करें।
गाय का दान करना चाहिए.।
गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए .
गाय की सेवा करनी चाहिए ।
सुबह उठकर सूर्य देवता को अध्र्य देना चाहिए .
गुड़, सोना, तांबा और गेहूं
सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान .
रविवार के दिन व्रत करना चाहिए. 

किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने 
पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए।
प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करना  चाहिए
सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।
रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।

किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।
सूर्य रत्न माणिक रविवार के दिन शुक्ल पक्ष में ,दायें हाथ की अनामिका में धारण करें.
जड़ी बूट बेलपत्र की जड़,रविवार कोलाल धागे में दायें बाजू में बाँधें.
दान : गेहूं, लाल वस्त्र,लाल फल (अनार),लाल मिठाई (गुड़),सोना,गाय,तांबा, किसी ब्राह्मण को रविवार के दिन दान करें.
मंत्र ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः". सूर्य गायत्र ,ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात".
स्तोत्र,सूर्याष्टकम या आदित्यहृदय स्तोत्रं. 

पुराण,हरिवंश पुराण का पाठ. व्रत, 
कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व थोडा मीठा मुहँ में डाल कर पानी पी लें. 

  • मुख्य ग्रह मंगल  :
मुख्य ग्रह मंगल को अनुकूल करने के लिए निम्न उपाय करें। 
लाल रंग का बैल दान करना चाहिए. लाल रंग का वस्त्र, सोना, तांबा, मसूर दाल, बताशा, मीठी रोटी का दान देना चाहिए. मंगल से सम्बन्धित रत्न दान देने से भी पीड़ित मंगल के दुष्प्रभाव में कमी आती है.  मंगलवार के दिन व्रत करना चाहिए और ब्राह्मण अथवा किसी गरीब व्यक्ति को भर पेट भोजन कराना चाहिए. प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ध्यान करना उत्तम रहता है.  धैर्य बनाये रखने का अभ्यास करना चाहिए एवं छोटे भाई बहनों का ख्याल रखना चाहिए.  लाल कपड़े में सौंफ बाँधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए।
अपना घर बनवाये तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए।    बन्धुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है।
लाल वस्त्र ले कर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बाँधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।
मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।
बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।
अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।

 मजदूरों को मंगलवार को मिठाई खिलाएं। लाल मसूर का दान करें। मंगलवार को सुंदर कांड का पाठ करें।
  • मुख्य ग्रह बुध :
यदि बुध मुख्य ग्रह होकर अच्छा फल देने में असमर्थ हो तो निम्न उपाय करने चाहिए। 
बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में बुध से संबंधित उपाय
बुधवार का उपवास करें|  
उबले हुए मूंग गरीब व्यक्ति को खिलाएं| 
गणेशजी की अभ्यर्थना दूर्वा से करें| 
हरे वस्त्र, मूंग की दाल का दान बुधवार। 
अपने वजन के बराबर हरी घांस गायों को खिलाएं| 
बहिन व बेटियों का  सम्मान करें|
गायों को  पालक खिलाने से रूका हुआ धन फिर से  प्राप्त होनी  लगता है।
 ऊँ बुं बुधाय नम: मंत्र का जप करें. 
बुधवार के दिन गणेश जी को बूंदी के लड्डू चढ़ायें. 
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें. कांसे का कड़ा पहनें. 
ऊँ गं गणपतये नम: का जप करें.
किन्नरों को हरे वस्त्र और हरी चूड़ीयां  का  दान । 
मन्दिर में कांसे का बर्र्तन का  दान। 
गणेश मन्दिर में कांसे का दीपक लगाए और का  दान। 
10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को भोजन कराए। 
मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
कच्ची मिट्टी की सौ गोलियां बनाकर एक गोली प्रतिदिन धर्म स्थल में पहुंचानी चाहिएं।
खांड से भरा मिट्टी का बर्तन भूमि में दबाना चाहिए। 

कान में स्वर्ण धारण करें।  
काला,सफेद कुत्ता पाले । 
शुध्द चांदी का छल्ला भी धारण करे  ।
गायत्री पाठ करें । 
हरे तोते पाले । 
अनिष्ट फल से छुटकारा  : 
चींटी, चिड़ियों, गिलहरियां, कबूतर, तोता, कौआ और अन्य पक्षियों के झुंड और गाय, कुत्तों को नियमित दाना-पानी देने से आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। 
अत: पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने से ग्रहों के । 
मूंग की दाल से बुध ग्रह से होने वाली परेशानियों से निजात पाई जा सकती है।
तांबे का कड़ा हाथ में धारण करें।   
  • शुक्र मुख्य ग्रह :
यदि शुक्र मुख्य ग्रह होकर फलदायक न हो तो निम्न उपाय करने चाहिए। 
माँ लक्ष्मी की सेवा आराधना करे |
श्री सूक्त का पाठ करे |
खोये के मिस्ठान व मिश्री का भोग  |
ब्रह्मण ब्रह्मणि की सेवा करे | 

कन्या भोजन कराये | 
ज्वार दान करें। 
गरीब बच्चो व विद्यार्थिओं में अध्यन सामग्री |
नि:सहाय, निराश्रय के पालन-पोषण का जिम्मा ले ।
अन्न का दान करे |
ॐ सुं शुक्राय नमः का १०८ बार नित्य जाप  |

दान ,शुक्रवार का दिन, शुक्र के नक्षत्र (भरणी, पूर्वा-फाल्गुनी, पुर्वाषाढ़ा) तथा शुक्र की होरा में अधिक शुभ होते हैं। 
शुक्र ग्रह के देवता की आराधना और उनके जाप, दान उनकी होरा, उनके नक्षत्र में  करना  |
श्वेत रत्न, चाँदी, चावल, दूध, सफेद कपड़ा, घी, सफेद फूल, धूप, अगरबत्ती, इत्र, सफेद चंदन दान रंगीन वस्त्र, रेशमी कपड़े,  सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, चंदन, कपूर का दानें।
सफेद वस्त्र का प्रयोग करें।
चांदी, चावल, दूध, दही, श्वेत चंदन, सफेद वस्त्र तथा सुगंधित पदार्थ किसी पुजारी की पत्नी को दान ।  

त्रिफला, दालचीनी, कमल गट्टे, मिश्री, मूली या सफेद शलजम का उपयोग आहार में करना । 
सफेद फूल, चंदन या कपूर की सुगंध शुभ । 
चंदन के तेल में कपूर डालकर उपयोग करना  ।
काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए। 
किसी कन्या के विवाह में कन्यादान अवसर करना चाहिए।
किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान ।  

शुक्रवार के दिन व्रत रखें. मिठाईयां एवं खीर कौओं और गरीबों को दें. ब्राह्मणों एवं गरीबों को घी भात खिलाएं.छोटी इलायची का सेवन ।
घर में तुलसी का पौधा लगाएं।
श्वेत चंदन का तिलक ।
पानी में चंदन मिलाकर स्नान ।
शुक्रवार के दिन गाय/गौशाला में हरा चारा ।
सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल ।

शुक्रवार का व्रत रखना चाहिए। 
खटाई नही  खाना चाहिए।
स्त्री का सम्मान करना चाहिए, पत्नी को खुश रखना चाहिए। 

पराई स्त्री से संबंध नही रखना चाहिए।
गृह कलह छोड़कर परिवार के सदस्यों के साथ प्यार से रहना चाहिए।
घर को वास्तु अनुसार ठीक करना चाहिए।
सफेद वस्त्र दान करना चाहिए।
भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को देना चाहिए।
स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखना चाहिए। 

हमेशा साफ कपड़े पहना चाहिए  । 
नित्य नहाना चाहिए। 
शरीर को गंदा नही  रखना चाहिए।
सुगंधित इत्र या सेंट का उपयोग करना चाहिए।
सुहागिनों के समय-समय पर सुहाग की वस्तुएं देना चाहिए।

मां लक्ष्मी की उपासनाकरें , खीर का दान करें।
सरपोंखा की जड़ को चमकीले धागे में बांधकर धारण करना । 
गूलर की समिधा को शुक्र शांति के यज्ञ में इस्‍तेमाल करना । 
स्फटिक की माला से क्क शुं शुक्राय नमः की एक माला का जप करें। शुक्रवार को चावल का दान करें। लक्ष्मी जी की उपासना करें।
  •  मुख्य ग्रह चंद्र :
 मुख्य ग्रह चंद्र को अनुकूल करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें। 
 प्रतिदिन माता का आशीर्वाद लेना।
शिव की भक्ति। सोमवार का व्रत।
दान :सोमवार को सफेद वस्तु जैसे दही, चीनी, चावल, सफेद वस्त्र,1 जोड़ा जनेऊ, दक्षिणा के साथ दान करना। 

शंख, वंशपात्र, सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, ,बैल, दही ।
मोती धारण करे ।
'ॐ सोम सोमाय नमः' का 108 बार जाप करना ।

बुजुर्गो का आशीर्वाद लें ,माता की सेवा करे,  घर के बुजुगों ,साधु और ब्राह्मणों का  आशीर्वाद लेना । 
रात में सिराहने के नीचे पानी रखकर सुबह उसे पौधों में डालना ।  
उत्तरी पश्चिमी कोना चंद्रमा का होता है, यहां पौधे लगाए जाएं ।
जल से होने वाले पेट संबंधित रोग का होना .  
मातृप्रेम में कमी का होना।  
खिरनी की जड़ को सफेद कपड़े में बांधकर पूर्णमाशी को सायंकाल गले में धारण करना ।
देर रात्रि तक नहीं जागना चाहिए।  
चन्द्रमा की रोशनी  मैं सोना चाहिए।
घर में दूषित जल का संग्रह नहीं होना चाहिए।
वर्षा का पानी काँच की बोतल में भरकर रखे।
पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए।
सफेद सुगंधित पुष्प वाले पौधे घर में लगावे। 

खिरनी की जड़ को सफेद डोरे में बांधकर पहनने से लाभ होता है।  
हवन में पलाश की लकड़ी का समिधा की तरह उपयोग करना चाहिए।
’ऊं श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:’’ का पाठ करे ।

माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट नही देना चाहिए।
ऊँ सों सोमाय नमः मंत्र का जप करें। 
ऊँ नमः शिवाय का जप करें।  
चांदी का कड़ा या छल्ला पहनना चाहिए।   
चंदन का तिलक लगाना चाहिए। 
शिवलिंग पर दूध चढ़ाना चाहिए ।
पलंग के नीचे चांदी के बर्तन में जल रखें या चांदी के आभूषण धारण करना चाहिए ।  
गन्ना, सफेद गुड़, शक्कर, दूध या दूध से बने पदार्थ या सफेद रंग की मिठाई का सेवन करना चाहिए । 
चमेली तथा रातरानी का परफ्यूम या इत्र का उपयोग करता चाहिए ।
क्क श्रां: श्रीं: श्रौं: सः चंद्रमसे नमः का जप करें। 
चांदी के गिलास में जल पिएं। 
शिव जी की उपासना करें।
  •  मुख्य ग्रह गुरु:
 मुख्य ग्रह गुरु को अनुकूल करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें।
केले की जड़ को पीले कपड़े में बांधकर पीले धागे में गुरुवार को धारण करना चाहिए । 
यज्ञ में पीपल को समिधा के रूप में काम में लिया जाता है। 
‘’ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’’  पाठ करने से लाभ होता है।: 
ऊँ बृं बृहस्पते नमः मंत्र का जप करना । 
हल्दी की गांठ गले में पहनना  । 
गाय को बेसन के लड्डू खिलाना । 
ब्राह्मणों की सेवा करना ।  
अनुशासन, ईमानदार एवं कर्त्तव्यनिष्ठ होना ।  
ब्रह्माजी की पूजा करना । 
केले के वृक्ष की पूजा करना , पीपल की करना । 
पीली वस्तुओं (बूंदी के लडडू, पीले वस्त्र, हल्दी, चने की दाल, पीले फल) का दान करना ।  
पुखराज सोने की अंगूठी में धारण करना। 
केले की जड़ या हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में गले में धारण करे ।   

पीला वस्त्र धारण करना चाहिए।
बेसन की सब्जी, मिठाई, चना दाल, पपीता, आम, केला का सेवन करना चाहिए।
मंदिर के पुजारी या शिक्षक को पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तक या पीले खाद्य पदार्थ दान करना चाहिए।
गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ में बृहस्पति  मंत्र जपते हुए जल अर्पण करना चाहिए।
केसर या हल्दी का तिलक लगाना चाहिए।
घर में पीले पुष्प गमलों में लगाना चाहिए।
विष्णु की पूजा आराधना करना चाहिए।
शिक्षक, ब्राह्मण, साधु, विद्वान, पति, संतान का दिल नही  दु:खाना चाहिए।
बृहस्पतिवार के दिन फलाहार वृक्ष लगाएं और फलों का दान करें।
11.हल्दी की गांठ या केला-जड़ को पीले कपड़े में बांह पर बांधें।
 बेसन की सब्जी, मिठाई, चना दाल, पपीता, आम, केला का सेवन  करना चाहिए।

मकान का द्वार, खिड़की और रोशनदान सही दिशा में रखना चाहिए। 
नाक, कान और दांत हमेशा साफ-सुथरे रखना चाहिए ।
पीपल का वृक्ष लगाना चाहिए।

सच बोलने का कोशिश करें।
पीपल में जल चढ़ाना चाहिए। 
आचरण को शुद्ध रखना चाहिए। 
पिता, दादा और गुरु का आदर करना चाहिए। 
गुरु बनाना चाहिए। 
घर में धूप-दीप देना चाहिए।
केसर या चंदन का तिलक लगाएं चाहिए । 
सात्विक भोजन करना चाहिए। 
काले, कत्थई, लाल, मेहरून, हरे और भूरे रंग का उपयोग  करने से बचें। पीले, गुलाबी, नीले और सफेद रंग का इस्तेमाल   अधिक करें।
हर गुरुवार चने की दाल का दान करना चाहिए ।

विष्णु जी की आराधना करें। 
 गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान करें। 
  • मुख्य ग्रह शनि :
मुख्य ग्रह शनि को मजबूत करने के लिए निम्न उपाय करें। 
सूर्यास्त के बाद हनुमानजी की  पूजा  सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, इस तेल का दीपक एवं नीले रंग के फूल से करनी चाहिए। 
शनि यंत्र की स्थापना व पूजन करनी और सरसों के तेल का दीप जलाना चाहिए ।
शमी वृक्ष की जड़ को  काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें।
बंदरों और  कुत्तों को बूंदी के लड्डू खिलाना  चाहिए ।  
काले घोड़े की नाल या नाव में लगी कील से बना छल्ला धारण करना चाहिए।
शाम के समय बड़ (बरगद) और पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और दूध एवं धूप आदि अर्पित करें।
मांस, मदिरा का सेवन न करें।
लाल चंदन की माला को अभिमंत्रित कर  पहनना चाहिए।
मंत्र का  जाप करना चाहिए:
वैदिक मंत्र- ऊं शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
लघु मंत्र- ऊं ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
भैरवजी की उपासना करें और काले तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए 
काले धागे में बिच्छू घास की जड़ को  धारण करना चाहिए।
शनि ग्रह कि शांति :ग़रीब और वृद्ध को ,काला कपड़ा, साबुत उड़द, लोहा, यथा संभव दक्षिणा, तेल, काला पुष्प, काले तिल, चमड़ा, काला वस्त्र,  काला तिल, चमड़े का जूता, नमक, सरसों तेल, काले कंबल का दान करना चाहिए। 
लोहे के बर्तन में दही चावल और नमक मिलाकर भिखारियों और कौओं को देना चाहिए. रोटी पर नमक और सरसों तेल लगाकर कौआ को देना चाहिए.
हनुमान चालीसा का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का जाप एवं शनिस्तोत्रम का पाठ करना चाहिए। 
गरीब, वृद्ध एवं कर्मचारियो के प्रति अच्छा व्यवहार रखना , मोर पंख धारण करना। 
शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल्ली के तेल का दीपक जलाएँ और लोहे, चमड़े, लकड़ी की वस्तुएँ एवं किसी भी प्रकार का तेल नहीं खरीदना चाहिए।
बाल एवं दाढ़ी-मूँछ नही कटवाने चाहिए।
भिखारी को उड़द की दाल की कचोरी खिलानी चाहिए। 
दुःखी व्यक्ति के आँसू अपने हाथों से पोंछने चाहिए।
शनिवार का दिन, शनि के नक्षत्र (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा-भाद्रपद) तथा शनि की होरा में दान करना चाहिए। 
गरीबों, वृद्धों एवं नौकरों के प्रति अपमान जनक व्यवहार नहीं करना चाहिए।  

आलस्य, , ढिलाई, सुस्ती, जिम्मेदारी से बचना दान॰उड़द, तिल, सभी तेल,लौह धातु, काला छाता,नीलम रत्न, काली गाय,काले वस्त्र, काले जूते,काली कम्बल, स्वर्ण,आदि का अनुदान !"शनि मन्त्र"ॐ ऐं ह्रीँ श्रीँ शनैश्चरायनम: ।जप संख्या 23000संध्याकाल !ॐ प्रां प्रीं प्रौँ स: शनये नम:ॐ शं शनैश्चराय नम: !
चांदी धारण करें।  घर को व्यस्थित रखें। मुस्कराकर स्वागत करें।  
साधू, संतों, विद्वानों के साथ बैठकर ज्ञान की चर्चा करें। 
बदजुबानी  पर लगाम  लगाएं। 
गरीबों की, असहायों की, गाय की सेवा करें। 
पति -पत्नी प्रेम से रहें। 
काले वस्त्रों तथा नीले वस्त्रों को यथा संभव न पहनें। 
शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दिया जलाएं। 
शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • साथ मै  कुछ अन्य उपाय भी करना चाहिए :-
गाय, कुत्ते , पक्षियों को खाना दें   .घर में किसी वजह से कलह न होने दे ।
ताम्बे का कलश रखकर उस पर नारियल रखें।  घर में दीपक  जलाएं।
पितृ दोष हो तो उपाय करें।
तुलसी का पत्ता मुँह में रखें।
गायत्री मन्त्र का जाप करें।  
पिता की सेवा करें। 
खूब पानी पियें, खेलें, चाँद कि रोशनी में बैठें, चांदी के गिलास में दूध पियें,  माँ की सेवा करें ।
हरी घास पर चलें, मध्यमा उंगली में ताम्बे का छल्ला पहनें, हरी सब्जियां खाए     
उड़द, चना, राजमा यानि बादी वाली चीजों से बचें। 
प्रातःकाल सूर्य दर्शन  करना चाहिए ।   
मछलियों को दाना डालना चाहिए   ।  
बजरंग बाण का पाठ करें ।  
मन निर्बल हो, हमेशा मन में एक अनजाना भय बना रहे तो "आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ करें आत्मविश्वास बढ़ेगा और मनोबल ऊँचा होगा ।  
 घर में गूगल कि धूनी लगाएं, नमक डालकर पौंछा लगाएं , फटे जूते, कपडे न पहने, घर व्यस्थित रखें  ।   
 कभी- कभी घर में हवन करें  ।  
ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए-:लिंक को क्लिक  करें 
           Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra.

Wednesday, January 14, 2015

ज्योतिष :आपका मुख्य ग्रह कोनसा है ? : कैसे मुख्य ग्रह को मजबूत करे :उपाय :Astrology:know your Mukhya Graha(Main Planet): How to strengthen the Mukhya Graha: Upay:

कुंडली में कैसे मुख्य ग्रह को  मजबूत करे :उपाय  : 
क्या आपको पता है ,आपका मुख्य ग्रह कोनसा है ? 
मुख्य ग्रह जानना जरुरी होता है क्यूंकि यही ग्रह है जो की आपकी तन, मन और धन की आवश्यकता पूरी करता हैै।
यदि आपका मुख्य ग्रह कमजोर होगा तो ज़िंदगी संघर्षों से भरी रहती है और यदि आपका मुख्य ग्रह मजबूत होगा तो वह विपरीत स्थितियों में भी रास्ता बना लेता है. कैसे पता करें अपना का मुख्य ग्रह को ।
कुंडली में लग्न से मुख्य ग्रह का  पता लगता  है।
जन्म कुंडली का लग्नेश ही  मुख्य ग्रह होता है
  • लग्न मुख्य ग्रह  इष्ट देव :
मेष, वृश्चिक मंगल हनुमान जी, राम जी
वृषभ, तुला शुक्र दुर्गा जी
मिथुन, कन्या बुध गणेश जी, विष्णु
कर्क चंद्र शिव जी
सिंह सूर्य गायत्री, हनुमान जी
धनु, मीन गुरु विष्णु जी (सभी रूप), लक्ष्मी जी
मकर, कुंभ शनि हनुमान जी, शिव जी


मुख्य ग्रह अगर ठीक नही है तो उपाय  करने होगे : 
मुख्य ग्रह को अनुकूल करने   के लिये  उसका उपाय  करना चाहिए।
यदि मुख्य ग्रह सूर्य को प्रबल करना है तो निम्न उपाय करें। 
  • मुख्य ग्रह सूर्य:
यदि सूर्य मुख्य ग्रह होकर अच्छा फल देने में असमर्थ हो तो निम्न उपाय करने चाहिए।
घर की पूर्व दिशा वास्तुशास्त्र अनुसार ठीक करें।
भगवान विष्णु की आराधना करे ।
बंदर, गाय  को भोजन कराएं।
सूर्य को अर्घ्य देना।

ताम्र पत्र में शुद्ध जल ,लाल पुष्प ,लाल चन्दन या कुषा डालकर सूर्य को "ॐ घ्रिणी सूर्याय नमः" से अर्घ्य दें . 
लाल चन्दन या केशर का तिलक लगायें.
रविवार का व्रत रखना चाहिए ।
मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलना चाहिए ।
पिता का सम्मान करना चाहिए । 

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ।
गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए ।
तांबा, गेहूं एवं गुड़ का दान करना चाहिए ।
कार्य पर जाने के समय  मीठा खाकर कर जावे ।

ॐ घृणी सूर्याय नमः  जाप करें।
गाय का दान करना चाहिए.।
गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए .
गाय की सेवा करनी चाहिए ।
सुबह उठकर सूर्य देवता को अध्र्य देना चाहिए .
गुड़, सोना, तांबा और गेहूं
सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान .
रविवार के दिन व्रत करना चाहिए. 

किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने 
पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए।
प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करना  चाहिए
सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।
रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।

किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।
सूर्य रत्न माणिक रविवार के दिन शुक्ल पक्ष में ,दायें हाथ की अनामिका में धारण करें.
जड़ी बूट बेलपत्र की जड़,रविवार कोलाल धागे में दायें बाजू में बाँधें.
दान : गेहूं, लाल वस्त्र,लाल फल (अनार),लाल मिठाई (गुड़),सोना,गाय,तांबा, किसी ब्राह्मण को रविवार के दिन दान करें.
मंत्र ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः". सूर्य गायत्र ,ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात".
स्तोत्र,सूर्याष्टकम या आदित्यहृदय स्तोत्रं. 

पुराण,हरिवंश पुराण का पाठ. व्रत, 
कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व थोडा मीठा मुहँ में डाल कर पानी पी लें. 

  • मुख्य ग्रह मंगल  :
मुख्य ग्रह मंगल को अनुकूल करने के लिए निम्न उपाय करें। 
लाल रंग का बैल दान करना चाहिए. लाल रंग का वस्त्र, सोना, तांबा, मसूर दाल, बताशा, मीठी रोटी का दान देना चाहिए. मंगल से सम्बन्धित रत्न दान देने से भी पीड़ित मंगल के दुष्प्रभाव में कमी आती है.  मंगलवार के दिन व्रत करना चाहिए और ब्राह्मण अथवा किसी गरीब व्यक्ति को भर पेट भोजन कराना चाहिए. प्रतिदिन 10 से 15 मिनट ध्यान करना उत्तम रहता है.  धैर्य बनाये रखने का अभ्यास करना चाहिए एवं छोटे भाई बहनों का ख्याल रखना चाहिए.  लाल कपड़े में सौंफ बाँधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए।
अपना घर बनवाये तो उसे घर में लाल पत्थर अवश्य लगवाना चाहिए।    बन्धुजनों को मिष्ठान्न का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है।
लाल वस्त्र ले कर उसमें दो मुठ्ठी मसूर की दाल बाँधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।
मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए।
बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए।
अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए।

 मजदूरों को मंगलवार को मिठाई खिलाएं। लाल मसूर का दान करें। मंगलवार को सुंदर कांड का पाठ करें।
  • मुख्य ग्रह बुध :
यदि बुध मुख्य ग्रह होकर अच्छा फल देने में असमर्थ हो तो निम्न उपाय करने चाहिए। 
बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में बुध से संबंधित उपाय
बुधवार का उपवास करें|  
उबले हुए मूंग गरीब व्यक्ति को खिलाएं| 
गणेशजी की अभ्यर्थना दूर्वा से करें| 
हरे वस्त्र, मूंग की दाल का दान बुधवार। 
अपने वजन के बराबर हरी घांस गायों को खिलाएं| 
बहिन व बेटियों का  सम्मान करें|
गायों को  पालक खिलाने से रूका हुआ धन फिर से  प्राप्त होनी  लगता है।
 ऊँ बुं बुधाय नम: मंत्र का जप करें. 
बुधवार के दिन गणेश जी को बूंदी के लड्डू चढ़ायें. 
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें. कांसे का कड़ा पहनें. 
ऊँ गं गणपतये नम: का जप करें.
किन्नरों को हरे वस्त्र और हरी चूड़ीयां  का  दान । 
मन्दिर में कांसे का बर्र्तन का  दान। 
गणेश मन्दिर में कांसे का दीपक लगाए और का  दान। 
10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को भोजन कराए। 
मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
कच्ची मिट्टी की सौ गोलियां बनाकर एक गोली प्रतिदिन धर्म स्थल में पहुंचानी चाहिएं।
खांड से भरा मिट्टी का बर्तन भूमि में दबाना चाहिए। 

कान में स्वर्ण धारण करें।  
काला,सफेद कुत्ता पाले । 
शुध्द चांदी का छल्ला भी धारण करे  ।
गायत्री पाठ करें । 
हरे तोते पाले । 
अनिष्ट फल से छुटकारा  : 
चींटी, चिड़ियों, गिलहरियां, कबूतर, तोता, कौआ और अन्य पक्षियों के झुंड और गाय, कुत्तों को नियमित दाना-पानी देने से आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। 
अत: पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने से ग्रहों के । 
मूंग की दाल से बुध ग्रह से होने वाली परेशानियों से निजात पाई जा सकती है।
तांबे का कड़ा हाथ में धारण करें।   
  • शुक्र मुख्य ग्रह :
यदि शुक्र मुख्य ग्रह होकर फलदायक न हो तो निम्न उपाय करने चाहिए। 
माँ लक्ष्मी की सेवा आराधना करे |
श्री सूक्त का पाठ करे |
खोये के मिस्ठान व मिश्री का भोग  |
ब्रह्मण ब्रह्मणि की सेवा करे | 

कन्या भोजन कराये | 
ज्वार दान करें। 
गरीब बच्चो व विद्यार्थिओं में अध्यन सामग्री |
नि:सहाय, निराश्रय के पालन-पोषण का जिम्मा ले ।
अन्न का दान करे |
ॐ सुं शुक्राय नमः का १०८ बार नित्य जाप  |

दान ,शुक्रवार का दिन, शुक्र के नक्षत्र (भरणी, पूर्वा-फाल्गुनी, पुर्वाषाढ़ा) तथा शुक्र की होरा में अधिक शुभ होते हैं। 
शुक्र ग्रह के देवता की आराधना और उनके जाप, दान उनकी होरा, उनके नक्षत्र में  करना  |
श्वेत रत्न, चाँदी, चावल, दूध, सफेद कपड़ा, घी, सफेद फूल, धूप, अगरबत्ती, इत्र, सफेद चंदन दान रंगीन वस्त्र, रेशमी कपड़े,  सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, चंदन, कपूर का दानें।
सफेद वस्त्र का प्रयोग करें।
चांदी, चावल, दूध, दही, श्वेत चंदन, सफेद वस्त्र तथा सुगंधित पदार्थ किसी पुजारी की पत्नी को दान ।
 
त्रिफला, दालचीनी, कमल गट्टे, मिश्री, मूली या सफेद शलजम का उपयोग आहार में करना । 
सफेद फूल, चंदन या कपूर की सुगंध शुभ । 
चंदन के तेल में कपूर डालकर उपयोग करना  ।
काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए। 
किसी कन्या के विवाह में कन्यादान अवसर करना चाहिए।
किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान ।  

शुक्रवार के दिन व्रत रखें. मिठाईयां एवं खीर कौओं और गरीबों को दें. ब्राह्मणों एवं गरीबों को घी भात खिलाएं.छोटी इलायची का सेवन ।
घर में तुलसी का पौधा लगाएं।
श्वेत चंदन का तिलक ।
पानी में चंदन मिलाकर स्नान ।
शुक्रवार के दिन गाय/गौशाला में हरा चारा ।
सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल ।

शुक्रवार का व्रत रखना चाहिए। 
खटाई नही  खाना चाहिए
स्त्री का सम्मान
करना चाहिए, पत्नी को खुश रखना चाहिए। 
पराई स्त्री से संबंध नही रखना चाहिए
गृह कलह छोड़कर परिवार के सदस्यों के साथ प्यार
से रहना चाहिए
घर को वास्तु अनुसार ठीक
करना चाहिए
सफेद वस्त्र दान
करना चाहिए
भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को देना
चाहिए
स्वयं को और घर को साफ-सुथरा
रखना चाहिए 
हमेशा साफ कपड़े पहना चाहिए  । 
नित्य नहाना चाहिए। 
शरीर को गंदा नही  रखना चाहिए
सुगंधित इत्र या सेंट का उपयोग
करना चाहिए
सुहागिनों के समय-समय पर सुहाग की वस्तुएं देना 
चाहिए
मां लक्ष्मी की उपासनाकरें , खीर का दान करें।
सरपोंखा की जड़ को चमकीले धागे में बांधकर धारण करना । 
गूलर की समिधा को शुक्र शांति के यज्ञ में इस्‍तेमाल करना । 
स्फटिक की माला से क्क शुं शुक्राय नमः की एक माला का जप करें। शुक्रवार को चावल का दान करें। लक्ष्मी जी की उपासना करें।
  •  मुख्य ग्रह चंद्र :
 मुख्य ग्रह चंद्र को अनुकूल करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें। 
 प्रतिदिन माता का आशीर्वाद लेना।
शिव की भक्ति। सोमवार का व्रत।
दान :सोमवार को सफेद वस्तु जैसे दही, चीनी, चावल, सफेद वस्त्र,1 जोड़ा जनेऊ, दक्षिणा के साथ दान करना। 

शंख, वंशपात्र, सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, ,बैल, दही ।
मोती धारण करे ।
'ॐ सोम सोमाय नमः' का 108 बार जाप करना ।

बुजुर्गो का आशीर्वाद लें ,माता की सेवा करे,  घर के बुजुगों ,साधु और ब्राह्मणों का  आशीर्वाद लेना । 
रात में सिराहने के नीचे पानी रखकर सुबह उसे पौधों में डालना ।  
उत्तरी पश्चिमी कोना चंद्रमा का होता है, यहां पौधे लगाए जाएं ।
जल से होने वाले पेट संबंधित रोग का होना .  
मातृप्रेम में कमी का होना।  
खिरनी की जड़ को सफेद कपड़े में बांधकर पूर्णमाशी को सायंकाल गले में धारण करना ।
देर रात्रि तक नहीं जागना चाहिए।  
चन्द्रमा की रोशनी  मैं सोना चाहिए।
घर में दूषित जल का संग्रह नहीं होना चाहिए।
वर्षा का पानी काँच की बोतल में भरकर रखे।
पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए।
सफेद सुगंधित पुष्प वाले पौधे घर में लगावे। 

खिरनी की जड़ को सफेद डोरे में बांधकर पहनने से लाभ होता है।  
हवन में पलाश की लकड़ी का समिधा की तरह उपयोग करना चाहिए।
’ऊं श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:’’ का पाठ करे ।

माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट नही देना चाहिए।
ऊँ सों सोमाय नमः मंत्र का जप करें। 
ऊँ नमः शिवाय का जप करें।  
चांदी का कड़ा या छल्ला पहनना चाहिए।   
चंदन का तिलक लगाना चाहिए। 
शिवलिंग पर दूध चढ़ाना चाहिए ।
पलंग के नीचे चांदी के बर्तन में जल रखें या चांदी के आभूषण धारण करना चाहिए ।  
गन्ना, सफेद गुड़, शक्कर, दूध या दूध से बने पदार्थ या सफेद रंग की मिठाई का सेवन करना चाहिए । 
चमेली तथा रातरानी का परफ्यूम या इत्र का उपयोग करता चाहिए ।
क्क श्रां: श्रीं: श्रौं: सः चंद्रमसे नमः का जप करें। 
चांदी के गिलास में जल पिएं। 
शिव जी की उपासना करें।
  •  मुख्य ग्रह गुरु:
 मुख्य ग्रह गुरु को अनुकूल करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें।
केले की जड़ को पीले कपड़े में बांधकर पीले धागे में गुरुवार को धारण करना चाहिए । 
यज्ञ में पीपल को समिधा के रूप में काम में लिया जाता है। 
‘’ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’’  पाठ करने से लाभ होता है।: 
ऊँ बृं बृहस्पते नमः मंत्र का जप करना । 
हल्दी की गांठ गले में पहनना  । 
गाय को बेसन के लड्डू खिलाना । 
ब्राह्मणों की सेवा करना ।  
अनुशासन, ईमानदार एवं कर्त्तव्यनिष्ठ होना ।  
ब्रह्माजी की पूजा करना । 
केले के वृक्ष की पूजा करना , पीपल की करना । 
पीली वस्तुओं (बूंदी के लडडू, पीले वस्त्र, हल्दी, चने की दाल, पीले फल) का दान करना ।  
पुखराज सोने की अंगूठी में धारण करना। 
केले की जड़ या हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में गले में धारण करे ।   

पीला वस्त्र धारण करना चाहिए।
बेसन की सब्जी, मिठाई, चना दाल, पपीता, आम, केला का सेवन करना चाहिए।
मंदिर के पुजारी या शिक्षक को पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तक या पीले खाद्य पदार्थ दान करना चाहिए।
गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ में बृहस्पति  मंत्र जपते हुए जल अर्पण करना चाहिए।
केसर या हल्दी का तिलक लगाना चाहिए।
घर में पीले पुष्प गमलों में लगाना चाहिए।
विष्णु की पूजा आराधना करना चाहिए।
शिक्षक, ब्राह्मण, साधु, विद्वान, पति, संतान का दिल नही  दु:खाना चाहिए।
बृहस्पतिवार के दिन फलाहार वृक्ष लगाएं और फलों का दान करें।
11.हल्दी की गांठ या केला-जड़ को पीले कपड़े में बांह पर बांधें।
 बेसन की सब्जी, मिठाई, चना दाल, पपीता, आम, केला का सेवन  करना चाहिए।

मकान का द्वार, खिड़की और रोशनदान सही दिशा में रखना चाहिए। 
नाक, कान और दांत हमेशा साफ-सुथरे रखना चाहिए ।
पीपल का वृक्ष लगाना चाहिए।

सच बोलने का कोशिश करें।
पीपल में जल चढ़ाना चाहिए। 
आचरण को शुद्ध रखना चाहिए। 
पिता, दादा और गुरु का आदर करना चाहिए। 
गुरु बनाना चाहिए। 
घर में धूप-दीप देना चाहिए।
केसर या चंदन का तिलक लगाएं चाहिए । 
सात्विक भोजन करना चाहिए। 
काले, कत्थई, लाल, मेहरून, हरे और भूरे रंग का उपयोग  करने से बचें। पीले, गुलाबी, नीले और सफेद रंग का इस्तेमाल   अधिक करें।
हर गुरुवार चने की दाल का दान करना चाहिए ।

विष्णु जी की आराधना करें। 
 गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान करें। 
  • मुख्य ग्रह शनि :
मुख्य ग्रह शनि को मजबूत करने के लिए निम्न उपाय करें। 
सूर्यास्त के बाद हनुमानजी की  पूजा  सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, इस तेल का दीपक एवं नीले रंग के फूल से करनी चाहिए। 
शनि यंत्र की स्थापना व पूजन करनी और सरसों के तेल का दीप जलाना चाहिए ।
शमी वृक्ष की जड़ को  काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें।
बंदरों और  कुत्तों को बूंदी के लड्डू खिलाना  चाहिए ।  
काले घोड़े की नाल या नाव में लगी कील से बना छल्ला धारण करना चाहिए।
शाम के समय बड़ (बरगद) और पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और दूध एवं धूप आदि अर्पित करें।
मांस, मदिरा का सेवन न करें।
लाल चंदन की माला को अभिमंत्रित कर  पहनना चाहिए।
मंत्र का  जाप करना चाहिए:
वैदिक मंत्र- ऊं शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
लघु मंत्र- ऊं ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
भैरवजी की उपासना करें और काले तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए 
काले धागे में बिच्छू घास की जड़ को  धारण करना चाहिए।
शनि ग्रह कि शांति :ग़रीब और वृद्ध को ,काला कपड़ा, साबुत उड़द, लोहा, यथा संभव दक्षिणा, तेल, काला पुष्प, काले तिल, चमड़ा, काला वस्त्र,  काला तिल, चमड़े का जूता, नमक, सरसों तेल, काले कंबल का दान करना चाहिए। 
लोहे के बर्तन में दही चावल और नमक मिलाकर भिखारियों और कौओं को देना चाहिए. रोटी पर नमक और सरसों तेल लगाकर कौआ को देना चाहिए.
हनुमान चालीसा का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का जाप एवं शनिस्तोत्रम का पाठ करना चाहिए। 
गरीब, वृद्ध एवं कर्मचारियो के प्रति अच्छा व्यवहार रखना , मोर पंख धारण करना। 
शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल्ली के तेल का दीपक जलाएँ और लोहे, चमड़े, लकड़ी की वस्तुएँ एवं किसी भी प्रकार का तेल नहीं खरीदना चाहिए।
बाल एवं दाढ़ी-मूँछ नही कटवाने चाहिए।
भिखारी को उड़द की दाल की कचोरी खिलानी चाहिए। 
दुःखी व्यक्ति के आँसू अपने हाथों से पोंछने चाहिए।
शनिवार का दिन, शनि के नक्षत्र (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा-भाद्रपद) तथा शनि की होरा में दान करना चाहिए। 
गरीबों, वृद्धों एवं नौकरों के प्रति अपमान जनक व्यवहार नहीं करना चाहिए।
 
आलस्य, , ढिलाई, सुस्ती, जिम्मेदारी से बचना दान॰उड़द, तिल, सभी तेल,लौह धातु, काला छाता,नीलम रत्न, काली गाय,काले वस्त्र, काले जूते,काली कम्बल, स्वर्ण,आदि का अनुदान !"शनि मन्त्र"ॐ ऐं ह्रीँ श्रीँ शनैश्चरायनम: ।जप संख्या 23000संध्याकाल !ॐ प्रां प्रीं प्रौँ स: शनये नम:ॐ शं शनैश्चराय नम: !
चांदी धारण करें।  घर को व्यस्थित रखें। मुस्कराकर स्वागत करें।  
साधू, संतों, विद्वानों के साथ बैठकर ज्ञान की चर्चा करें। 
बदजुबानी  पर लगाम  लगाएं। 
गरीबों की, असहायों की, गाय की सेवा करें। 
पति -पत्नी प्रेम से रहें। 
काले वस्त्रों तथा नीले वस्त्रों को यथा संभव न पहनें। 
शनिवार को पीपल के वृक्ष के नीचे दिया जलाएं। 
शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • साथ मै  कुछ अन्य उपाय भी करना चाहिए :-
गाय, कुत्ते , पक्षियों को खाना दें   .घर में किसी वजह से कलह न होने दे ।
ताम्बे का कलश रखकर उस पर नारियल रखें।  घर में दीपक  जलाएं।
पितृ दोष हो तो उपाय करें।
तुलसी का पत्ता मुँह में रखें।
गायत्री मन्त्र का जाप करें।  
पिता की सेवा करें। 
खूब पानी पियें, खेलें, चाँद कि रोशनी में बैठें, चांदी के गिलास में दूध पियें,  माँ की सेवा करें
हरी घास पर चलें, मध्यमा उंगली में ताम्बे का छल्ला पहनें, हरी सब्जियां खाए     
उड़द, चना, राजमा यानि बादी वाली चीजों से बचें। 
प्रातःकाल सूर्य दर्शन  करना चाहिए ।   
मछलियों को दाना डालना चाहिए   ।  
बजरंग बाण का पाठ करें ।  
मन निर्बल हो, हमेशा मन में एक अनजाना भय बना रहे तो "आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ करें आत्मविश्वास बढ़ेगा और मनोबल ऊँचा होगा ।  
 घर में गूगल कि धूनी लगाएं, नमक डालकर पौंछा लगाएं , फटे जूते, कपडे न पहने, घर व्यस्थित रखें  ।   
 कभी- कभी घर में हवन करें  ।  
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           Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra.

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