Saturday, January 17, 2015

ज्योतिष :वाणी दोष कैसे बनता है ? :उपाय:वाणी दोष निवारण के लिए: Upay :

कुंडली  मे वाणी दोष कैसे बनता है ?
कुंडली मे हमे यह देखना होता है। 
  • भाव:दूसरा भाव वाणी का होता  है।
  • बुध ग्रह :बुध ग्रह वाणी का कारक ग्रह कहलाता है। 
  • दूसरे भाव का स्वामी :दूसरे भाव का स्वामी ग्रह को  देखे ।
  •  चन्द्र लग्न।
दूसरा भाव वाणी , दूसरे भाव का स्वामी एवं कारक ग्रह बुध यदि पाप ग्रह (राहु/केतु शनि ,मंगल,केतु ,), दृष्ट या अशुभ भाव (६,८ १२ ) में स्थित हो तो वाणी दोष कहलाता है। 
 वाणी दोष निवारण के लिए:
बुध के उपाय:
हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान उत्तम कहा जाता है. विष्णु सहस्रनाम का जाप .
तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए।
हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए।
गणेशजी को लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें। 
बुध यंत्र: कुंडली में बुध कमजोर होने के कारण स्मरण शक्ति कमजोर हो, वाणी दोष  :वाणी दोष हो,  बुध यंत्र लाॅकेट चांदी में शुद्धीकरण आदि करके हरे धागे में बुधवार को सुबह धारण करना चाहिए।
पाप ग्रह राहु ,केतु शनि ,मंगल, का उपाय  करना चाहिए ।
वास्तुशास्त्र  :खिड़की, दरवाजे और मुख्य रूप से मेन-गेट पर काला पेंट हो तो परिवार के सदस्यों के व्यवहार में अशिष्टता, गुस्सा, बदजुबानी आदि बढ़ जाते हैं। जन्मपत्रिका में वाणी दोष ( ग्रह शनि, राहु मंगल और केतु ) हों, तो  प्रभाव विशेष रूप से पता लगता है । मंगल व केतु का प्रभाव हो तो लाल पेंट कुतर्क, अधिक बहस, झगड़ालू और व्यंगात्मक भाषा इस्तेमाल होती है। ऐसे हालात में सफेद रंग का प्रयोग लाभदायक होता है।
   नोट -ज्योतिषि को अपनी कुंडली दिखाइए।
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