Friday, April 19, 2013

वास्तु ज्ञान --बाथरूम में नमक रखने से नेगेटिविटी दूर होगी:Keep some Salt in the Bathroom to Kill Negative Energy



 बाथरूम में नमक रखने से नेगेटिविटी दूर होगी:Keep some Salt in the Bathroom to Kill Negative Energy

हमारे घर का मुंह पूरब की तरफ है। इसके बावजूद मेरे जीवन में कोई शांति नहीं है। हमने जबसे इस मकान में शिफ्ट किया है, तभी से मैं इमोशनली, मेंटली और फाइनेंशली समस्याएं झेल रहा हूं। कृपया कोई उपाय बताइए।
आपके घर का नक्शा देखा। इसमें बहुत कम बदलाव करने की जरूरत है, लेकिन आपने सारी चीजों को मिसमैनेज किया हुआ है। इससे आपका घर वास्तु के नियमों के विपरीत हो गया है। यह पॉजिटिव एनर्जी को बर्बाद करने की तरह है। अगर आपने इनका ध्यान रखा होता है, तो पॉजिटिव एनर्जी आपके घर में रहकर आपको लाभ दे सकती थीं। आपके घर का मुंह पूरब की तरफ है, जो बहुत शुभ होता है। इसके अलावा उत्तर दिशा में खुली जगह का होना भी वास्तु के अनुसार काफी शुभ है। पूरब मुंहाना होते हुए भी आपको वास्तु का लाभ इसलिए नहीं मिल रहा है, क्योंकि घर के एकदम बाहर बड़े-बड़े पेड़ पॉजिटिव एनर्जी का रास्ता रोक रहे हैं। घर में दो कमरे पेंटागन आकार के हैं। ये वास्तु के नियमों के विपरीत हैं। आपने घर में बोरिंग भी फायर जोन यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में कराई है, जो गलत है। मंदिर को भी गलत जगह पर रखा गया है।


सबसे पहले बोरिंग को उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा में शिफ्ट करने की कोशिश करें। इससे घर के आर्थिक हालात सुधरेंगे। घर में समृद्धि लाने के लिए आप इस हिस्से में अंडरग्राउंड वॉटर टैंक भी बनवा सकते हैं। आपके घर में पूजा घर और टॉयलेट्स बराबर में बने हुए हैं। यह वास्तु के हिसाब से बिल्कुल गलत है। आपको घर के मंदिर में ऊर्जावान 91 ग्रिड पिरामिड रखना चाहिए। इसके अलावा मंदिर में मूर्ति का मुंह दक्षिण या पश्चिम की तरफ रखें, जबकि पूजा करते समय आपका मुंह पूर्व की तरफ होना चाहिए। बाथरूम में नमक का कटोरा रखें। इससे घर की नेगेटिव एनर्जी को बैलेंस करने में मदद मिलेगी। किचन की दीवार पर पूरब दिशा में एक बड़ा शीशा टांगने से घर में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होंगी। घर की बाहरी दीवार पर अष्टकोणीय शीशा इस तरह टांगें कि इसमें पेड़ों का अक्स दिखाई दे। इससे द्वार वेध दोष दूर होगा। 


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Tuesday, April 16, 2013

ज्योतिष :शीघ्र विवाह एवं विवाह में रुकावट दूर करने के उपाय / टोटके :Astrology ;:Remedy for early marriage


शीघ्र विवाह एवं विवाह में रुकावट दूर करने के उपाय / टोटके
  •  गुरूवार :को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए|
  • केसर: टीका लगाना चाहिए|  
  • बजुर्ग व्यक्तियों: सम्मानकरें|
  •  शीघ्र विवाह: सोमवार को  चने की दाल ,कच्चा दूध दान करें|
  •  बुध :रूकावट दे रहा हो को हरी घास उपाय करे |
  • गुरूवार :को पीपल,केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर |
  •  बृहस्पति देव:प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि  गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए। 
  •  गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए। 
  •   ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रों स: मंत्र का माला प्रति गुरुवार जप करें।
      शिव-पार्वती का पूजन करना 
    चाहिए।  
  •  शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें।
  •  जल्दी शादी  उपाय: 
  • किसी ग्रह बाधा उपाय करें।
     सूर्य:प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाएं और
    मंत्र: ऊँ सूर्याय: नम:  का जप करें।
      मंगल :विलंब होने पर चांदी का चौकोर टुकड़ा सदैव अपने पास रखें।  
  • सूर्य : विवाह प्रस्ताव के जाते समय थोड़ा गुड़ खाकर और पानी पीकर जाना चाहिए।
 जन्म कुण्डली से  जाने: विवाह ,शादी  का समय :ग्रहों की दशा- अन्तर्दशा में विवाह हो सकता है |  विवाह में सहायक ग्रह, उसकी दशांतर्दशा एवं गोचर पर निर्भर करता है।
२ ,५ ,७ ,९ ,११ भाव ,और उनके लॉर्ड्स को भी देखना होता है।
 सप्तम या सप्तम से सम्बन्ध रखने वाले ग्रह की महादशा या अन्तर्दशा में विवाह होता है।
कन्या की कुन्डली में शुक्र से सप्तम और पुरुष की कुन्डली में गुरु से सप्तम की दशा में या अन्तर्दशा में विवाह होता है।
सप्तमेश की महादशा में, पुरुष के कुंडली मैं ,शुक्र या चन्द्र की अन्तर्दशा में और स्त्री के कुंडली मैं गुरु या मंगल की अन्तर्दशा में विवाह होता है।
सप्तमेश जिस राशि में हो,उस राशि के स्वामी के त्रिकोण में गुरु के आने पर विवाह होता है।
गुरु गोचर से सप्तम में या लगन में या चन्द्र राशि में या चन्द्र राशि के सप्तम में आये तो विवाह होता है।
सप्तमेश जब गोचर से शुक्र की राशि में आये और गुरु से सम्बन्ध बना ले तो विवाह सम्बन्ध बनता है।
 इसलिए सप्तम भाव के स्वामी, स्प्तम भाव के कारक अर्थात विवाह के कारक (स्त्री के लिए गुरु और पुरुष क लिए शुक्र), सप्तम भाव म बैठ ग्रह, सप्तम भाव पर दृष्टि रखने वाले ग्रह,
 दशाओं में सप्तमेश ,लग्नेश ,गुरु एवम विवाह कारक शुक्र का गोचर जब लग्न ,सप्तम भाव या इनसे त्रिकोण में होता है उस समय विवाह का योग 

बनता है |
  चंद्र, गुरु अथवा शुक्र की दशाओं में भी विवाह हो सकता है।

राहु की दशा में विवाह हो सकता है। 
सप्तमेश जिस राशि में बैठा हो उसके स्वामी ग्रह की दशा में विवाह हो सकता है।
 द्वितीयेश की दशा में अथवा द्वितीयेश जिस राशि में स्थित हो उसके स्वामी की दशा में विवाह होता है।
 सप्तमेश राहु या केतु से युत हो तो इनकी दशा भुक्ति में विवाह होता है। नवमेश और दशमेश की दशा में विवाह होता है।
 सप्तमेश में नवमेश की दशा- अन्तर्द्शा में विवाह हो सकता है।
 सप्तमेश की दशा- अन्तर्दशा में विवाह   हो सकता है।
सप्तमेश  नवमेश पंचमेश  आपस से भी संबन्ध बनाते हों तो इस ग्रह दशा में प्रेम विवाह हो   सकता है|
सप्तम भाव में स्थित ग्रहों की दशा– अन्तर्दशा में विवाह  हो सकता है।  शुक्र, सप्तम भाव में स्थित ग्रह या सप्तमेश जब शुभ ग्रह होकर अशुभ भाव या अशुभ ग्रह की राशि में स्थित होने पर अपनी दशा- अन्तर्दशा के  में विवाह की संभावनाएं हो सकती है|
इसके अतिरिक्त जब अशुभ ग्रह बली होकर सप्तम भाव में स्थित हों या स्वयं सप्तमेश हों तो इस ग्रह की दशा के  अन्तिम भाग में विवाह
जब विवाह कारक ग्रह शुक्र  गोचर में शनि, गुरु से संबन्ध बनाने पर अपनी दशा- अन्तर्दशा में विवाह हो  सकता   है|
सप्तमेश के मित्रों की ग्रह दशा में विवाह होने के योग बनते है|
सप्तम व सप्तमेश से दृ्ष्ट ग्रहों की दशा में विवाह होने के योग बनते है|
लग्नेश की दशा में सप्तमेश की अन्तर्दशा में भी विवाह होने की संभावनाएं बनती है|
शुक्र शुभ ग्रह की राशि तथा शुभ भाव (केन्द्र, त्रिकोण) में स्थित हों, तो शुक्र कि अन्तर्दशा या प्रत्यन्तर दशा से आने पर विवाह हो सकता है.
शुक्र से युति करने वाले ग्रहों की दशा- अन्तर्दशा में विवाह होने की संभावनाएं बनती है|

Monday, April 15, 2013

उपाय :मंगल अशुभ प्रभाव कैसे हो दूर? :Astrology:Remedies :mangal bad effects?


मंगल के अमंगल प्रभाव कैसे हो दूर?

मंगल ग्रह :सेनापति,रक्त,जीवन और शरीर को प्रभावित
मंगल अशुभ प्रभाव  : रक्त संबंधी किसी बीमारी ।  
विवाह में देरी करता है।
व्यक्ति कुरुप, झूठा, झगड़ालु, व्यभिचारी, कपटी, गरीब जैसी अनेक बुराइयों। 
मंगल  ज्योतिषीय उपाय : 
  • हनुमानजी की पूजा अर्चना करना चाहिए ।
  • गुरु एवं शुक्र ,का उपाय और सूर्य एवं चंद्रमा की वस्तुओं का दान करना चाहिए
  • दूध तथा दूध से बनें खाद्य पदार्थ दान करना चाहिए
  • शनिदेव की विशेष आराधना  करें।
  • हनुमानजी को सिंदूर-तेल चढ़ाना चाहिए  ।
  • कन्याओं को दूध और  चांदी का दान चाहिए 
  • अमावस्या को धर्म स्थान में खीर व मीठा भोजन दान चाहिए  ।  झूठ ना बोलें औरचीज मुफ्त में ना ले
  • भाई और मित्रों की सहायता करें तथा भाई और साले  से कृपा प्राप्त  करें और ध्यान रखें।
  • रेवडिय़ां और बताशे नदी में प्रवाहित करना चाहिए  ।
  • बिजली का व्यवसाय  न करें।
  • मीठा अवश्य खाएं।
  • चांदी की अंगूठी , सबसे छोटी उंगली में पहने ।
  • सफेद रंग का उपयोग करें।  सफेद रंग का रुमाल साथ रखें।
  • सोना, चांदी, तांबा तीनों मिलाकर अंगूठी पहनना चाहिए     ।
  • विधवा स्त्रियों को  दान करें।
  • माता की सेवा  करना चाहिए। साधु-संतों तथा बंदरों को खाना खिलाना चाहिए
  • रात को सोते समय सिर के पास पानी का बर्तन भरकर रखें और सुबह पेड़-पौधों में वह पानी डालना  चाहिए
    धार्मिक कार्य करे ।
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                       Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra


Friday, April 12, 2013

सुख शांति उपाय:गुरु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ये उपाय करें-


सुख शांति उपाय

पारिवारीक शांति और सुखमय दाम्पत्य जीवन के लिए बृहस्पति यानी गुरु से संबंधित उपाय किए जाए तो निश्चत ही घर में सुख शांति बनी रहेगी और जीवनसाथी से सहयोग एवं प्रेम बना रहेगा।
भारतीय ज्योतिष में गुरु को समस्त देवताओं तथा ग्रहों का गुरू माना जाता है। गुरू के शुभ प्रभाव वाले जातक आम तौर पर दयालु, दूसरों का ध्यान रखने वाले तथा धार्मिक होते हैं।
अगर गुरु अशुभ प्रभाव देने वाला हो तो मधुमेह, पित्ताशय से संबधित बीमारियां, तथा पीलिया जैसी बीमारियां हो सकती है। जिसकी कुंडली में गुरु अशुभ होता है ऐसा जातक धर्म तथा आध्यात्मिकता के नाम पर लोगों को ठगने वाला कपटी भी हो सकता है।
गुरु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ये उपाय करें-
- 43 दिनों तक प्रतिदिन एक तांबे का सिक्का नदी में प्रवाहित करें। चमत्कारिक परिणाम प्राप्त होंगे।
- पीला रूमाल सदैव अपने पास रखें।
- प्रतिदिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें।
- घर में पीले रंग के फूल का पौधा लगाएं।
- प्रतिदिन शिव मंदिर जाएं और ब्राह्मण या अन्य किसी जरूरत मंद को धन का दान करें।
- गुरुवार का व्रत रखें।
- मांस-मदिरा का त्याग करें।
- घी, दही, आलू और कपूर का दान करें।
- किसी मन्दिर के पूजारी को भोजन कराएं।
- पीली गाय को घास खिलाएं।
- हल्दी एवं पीले चंदन से भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें।
- आज केसर का तिलक लगाएं।
- गुड़-चने की दाल का प्रसाद अर्पित करें।

Thursday, April 11, 2013

उपाय :राशि के अनुसार सरल उपाय से सफलता प्राप्त करना :Remedy: Simple steps to achieving success:


मेष राशि-  
 हनुमान जी का प्रसाद चढ़ाएं । 
 मछलियों और पक्षियों को दाना देना । 
 लाल फूल का पौधा लगाएं। 
लाल रोली डाल कर सूर्य को जल चढ़ाएं। 
 केसर वाला मीठा चावल कन्याओं को खिलाएं  
वृषभ राशि-
 गणपति का पूजन करें। 
 गाय को हरा चारा खिलाएं। 
हनुमान जी के मंदिर में शुद्ध घी का दीया जलाएं।  

गरीब ब्राम्हण को भोजन कराएं।
 पीपल को जल चढ़ाएं और कौए को मीठी रोटी खिलाएं। 
अपाहिज व्यक्ति को दान दें।
 केसर का टीका माथे पर लगाएं।
  मिथुन राशि- 
 हरे रंग का रुमाल अपने पास रखें।  

 कन्या को भोजन कराएं और नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।  गरीब व्यक्ति को काला कंबल दान दें. 
फिटकरी डाल कर स्नान करें।
  कर्क राशि-  
शिव मंदिर में लाल चंदन दान दें। 
 मां की सेवा करें।  
पूजा के बाद चंदन का टीका लगाएं। 

 बुजुर्गों सम्मान करें,   पितरों को याद करें।  
लाल फूल की बेल लगाएं।  
सिंह राशि-
 सूर्य को अध्र्य दें।
 लाल चंदन का टीका लगाएं। 
 बुधवार को गणेश जी को किशमिश चढ़ाएं। 
शुक्रवार को इत्र लगाएं।  
कुत्ते को रोटी खिलाएं। घर में तुलसी का पौधा लगाएं।
 मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
 लाल रंग का रुमाल अपने पास रखें । 
 कन्या राशि- 
 पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं। 
घर में गंगाजल रखें। 
खाने के बाद सौंफ खाएं।
 छोटी उंगली में सोने में पन्ना पहनें।
 शिव पूजा करें।
 हरे रंग के कपड़े ज्यादा से ज्यादा पहनें। 
 तुलसी की माला पहनें।
 तुला राशि-
 मंगलवार को हुनमान चालीसा का पाठ करें। 
 मंदिर में भगवान के दर्शन करें।
 छोटे भाई-बहनों की मदद करें। 
 वृश्चिक राशि-  
केले के पेड़ की पूजा करें और जल चढ़ाएं।
  धनु राशि-
 स्नान के बाद माथे पर लाल चंदन या रोली का टीका लगाएं।  
तांबे के बरतन में पानी भर कर अपने कमरे में रखें और सुबह उसे पौधों में डाल दें। 
 तुलसी में जल डालें।  
हाथ में चांदी का कड़ा पहनें।

मकर राशि- 
 गाय की सेवा  करे ।
 गुरुवार को विष्णु मंदिर में पीले फूल चढ़ाएं।
 कुंभ राशि-
आपके यहां से कोई भूखा न जाए। 
तुलसी के पत्ते खाएं। 
गणपति व हनुमान जी की पूजा करें।

 मीन राशि-
 माथे पर चंदन लगाएं, बुजुर्गों को सम्मान करें।
 गले में तांबे का सूय्र पहनें। 
मंदिर या प्याऊ बनाने के लिए पैसा दान करें।

 पीपल के पेड़ की जड़ में पानी डालें ।