Monday, December 30, 2019


ज्योतिष और कैरियर अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली के अनुसार आपका केरियर क्या हो सकता है तो संचित में हम में जान सकते हैं कि अगर मंगल राहु शनि टेक्निकल प्लेनेट का प्रभाव हो तो जातक टेक्निकल लाइन में जाता है अगर सुपरों का प्रभाव है जैसे कि शुक्र चंद्र बुध गुरु तो जातक टेक्निकल लाइन में नहीं जाता है और कुंडली में लग्न बलवान हो और लग्न का स्वामी उपचय भाव में होता है तो जातक चुनौतियों को स्वीकार करता है अगर वह मित्र राशि में होता है परंतु हुआ था सत्तू राशि में होगा चुनौतियों से परेशान रहता है और और दूर हो जाता है कार्य से ऊपर की कुंडली में आप देख सकते हैं व्हाट्सएप लग्न में दशम भाव में टेक्निकल लाइन में जा सकता है और साथ में मिथुन लग्न कुंडली में छठे भाव में शत्रु राशि में होने के कारण चुनौतियों को पूरा करने में लगा रहता है धन्यवाद

Wednesday, December 18, 2019

 कुंडली का कारक द्वारा भाव नाश:  संतान सुख में बांधा :आपकी कुंडली में कारक का भाव नाश कैसे कैसे कैसे भाव नाश कैसे कैसे नाश कैसे कैसे होता है तथा उससे संतान सुख में कमी कैसे आती है इसको जानने के लिए, कुंडली में पंचम भाव ,पंचम भाव का स्वामी और कारक गुरु अगर विच्छेद आत्मक ग्रहों से प्रभावित हो तो गुरु ग्रह के कारण जो  भाव का नाश करता है जो कि पंचम भाव में बैठा है इसके कारण आपको कुंडली में यह दिखाता है तो संतान सुख में बांधा आने के योग बना देता है इसको उदाहरण के लिए  जो यहां कुंडली देख रहे हैं इसमें संतान भाव में चार नंबर की राशि है उसका स्वामी नवम भाव में नीच का हो गया तथा कारक गुरु तथा पंचम भाव राहु की  दृष्टि से प्रभावित होकर उसने भाव का नाश कर दिया ,साथ-साथ में गुरु को भी पीड़ित कर दिया इसके कारण संतान सुख में बाधा के योग उत्पन्न हो गए हैं तो इस तरह से हम देख सकते हैं कि कुंडली में गुरु जो भाव का नाश करता है वह यहां पर प्रभावित होता है . अपनी कुंडली में इस तरह से देख सकते हैं कि गुरु भाव नाशक कब हो जाता है जाता है कब हो जाता है जाता है कब हो जाता है जाता है भाव नाशक कब हो जाता है जाता है कब हो जाता है जाता है हो जाता है जब किसी भाव को देखा जाता है कि वह अगर पीड़ित होता है तो उससे संबंधित फल हमें नहीं प्राप्त होते हैं इसलिए जब भी भाव, भाव का स्वामी और कारक पीड़ित होते हैं तो उस भाव से संबंधित फल प्राप्ति में बांधा होती है ।dhanyvad धन्यवाद।

Tuesday, December 17, 2019

 ज्योतिष और हीलिंग :कुंडली के द्वारा हम जान सकते हैं कि हमें कौन से रोग होने की संभावना बनती है क्योंकि हर एक एक भाव जो कुंडली का होता है वह हमारे शरीर के अंगों को दर्शाता है और वह अगर वह भाव, भाव का स्वामी और कारक पीड़ित होता है तो हमें उस भाव से संबंधित उस राशि से संबंधित रोग होने की संभावनाएं बन जाती है तो आज हम जो बात कर रहे हैं  हीलिंगके बारे में बात कर रहे हैं .हमें हमेशा हमारे ब्रह्मांड की जो  हीलिंग इनर्जी  है उसे प्राप्त करना चाहिए इसे प्राप्त करने के लिए आपको क्या करना है कि आप कोई से भी अच्छे ,सुख आसन लगाकर बैठ जाइए और आप अपने मन को , ध्यान को आप हैं ब्रह्मांड जो है उसमें लगाएं कि ब्रह्मांड की जो आकाश की और सूर्य आदि की एनर्जी  है हमारे शरीर  के सभी अंग महसुस कीजए सिर से लगाकर पैर तक जो है वहां पर वह हिलिंग इनर्जी हमें प्राप्त हो रही है और वही हीलिंग
इनर्जी को हम रोजाना प्राप्त करते हुए सुबह शाम हर  अंग के द्वारा उसको ले जाते हुए और यह बताएं कि वह अंग ठीक हो रहा है वह रोग ठीक हो रहा है इस तरह से वह हमारे सर से पैर तक जाएगा और खराब एनर्जी  और रोग पृथ्वी  में समा जाएगी  ऐसा  हम महसूस करें जो ।इस तरह से जो अंग ज्यादा पीड़ित हैं वहां पर आपको हीलिंग  को ज्यादा समय के लिए आप महसूस कीजिए और इस तरह उस अंग की पीड़ा की पीड़ा कम होगी और ठीक होता जाएगा। जैसा कि हम ऊपर की कुंडली में दिखा रहे हैं इसमें जो सप्तम भाव है वह किडनी का भाव है उसका स्वामी शुक्र बनता है वह 12वें भाव में बैठा हुआ है और उस पर राहु की दृष्टि  और साथ-साथ में शनि से पीड़ित है शनि की दृष्टि पड़ रही है तो वहां हम कह सकते हैं कि इसका जो का सप्तम भाव, सप्तम भाव का कारक शुक्र, शनि और राहु से पीड़ित होने से किडनी संबंधी रोग होने की संभावना होगी तो हमें प्रतिदिन हमारी हीलिंग  है उसे पूरे शरीर पर देना है हमको बोल कर देना है वह ठीक हो रहा है और साथ-साथ में किडनी पर ज्यादा जोर देंगे वहां पर हमारी  हीलिंग को ज्यादा समय के लिए आप दीजिए और महसूस कीजिए कि वह हमारा रोग  ठीक होता जा रहा है इससे आप ज्योतिष के माध्यम से  जो रोग है उसको हीलिंग कर सकते हैं साथ साथ में  आप जो ग्रह है शुक्र है और राहु और शनि जो  प्रभावित कर रहे हैं तो उनके मंत्रों के जाप करना चाहिए ,प्रतिदिन करना चाहिए इस तरह से आप  हीलिंग के द्वारा अपने आप को ठीक कर सकते हैं  । धन्यवाद।
 कुंडली में क्षमा याचना और दूसरा भाव:  अगर आपकी कुंडली में दूसरे भाव पर क्रूर, पाप ग्रहों का प्रभाव होने पर आपकी वाणी में दोष उत्पन्न होता है जिससे कि आपकी वाणीख़राब हो जाती है और व्यवहारिक जीवन में उसके कारण हमारे संबंध खराब होने लगते हैं अच्छा उपाय के  स्वरूप में आपको क्षमा याचना करना चाहिए, दिल से क्षमा मागना चाहिए तथा जो ग्रह आपको प्रॉब्लम दे रहा है उसके मंत्रों के जाप करना चाहिए जैसे कि ऊपर की कुंडली में आप देख सकते हैं कि मैं मीन लग्न की कुंडली है और शनि ग्रह जो है दूसरे भाव में बैठा हुआ है और साथ-साथ में मंगल की भी दृष्टि पड़ रही है जिससे के जातक  जब भी  बात करता है तो उसकी वाणी इन ग्रहों के कारण खराब हो जाती है तो जब भी किसी से बात करनी है तो सोच समझ कर करनी है। अन्यथा उसके कारण आपके संबंध खराब होते हैं अतः आपको क्षमा याचना करना चाहिए , क्षमा मांगना चाहिए तथा यहां पर शनि और मंगल ग्रह के  जाप करना चाहिए धन्यवाद।

Monday, December 16, 2019

 कुंडली और भाग्य: कुंडली में  भाग्य के लिए देखते हैं नवम भाव , 9भाव  के स्वामी
 और कारक गुरु ग्रह। अगर आपकी कुंडली में नवम भाव और नवम भाव का स्वामी की स्थिति अच्छी नहीं है तो आपको भाग्य के लिए गुरु ग्रह को देखना है। गुरु ग्रह से अगर नवम भाव की जो राशि बनती है उसका स्वामी अगर अच्छी स्थिति में है तो वह भी आपको भाग्य उदय में सहायता करेगा जैसे कि आप यहां कुंडली देख रहे हैं, यहां पर कर्क लग्न की कुंडली में है और गुरु ग्रह नवम भाव का स्वामी होकर केतु के साथ में अच्छी स्थिति में नहीं है तो हमें क्या देखना है कि गुरु ग्रह से आपको नवम भाव देखना है तो गुरु ग्रह से नवम भाव कि जो राशि बनेगी तुला राशि बनेगा उसका स्वामी , शुक्र को देखना है उसकी अगर अच्छी स्थिति है तो आपको शुक्र आपको  भाग्य उदय में सहायता करेगा। यहां देख रहे हैं किस शुक्र ग्रह उच्च का होकर बैठा है।  आप जो भी लग्न के जातक हो आप इस तरह की स्थिति को देखकर आप जान सकते हैं कि आपका भाग्य उदय मैं किस तरह से गुरु से नवम भाव के स्वामी की स्थिति आपको  भाग्योदय में सहायक हो सकती हैं ।धन्यवाद

Sunday, December 15, 2019

 चंद्रमा और अशुभ योग :अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा अशुभ योग बना रहा है अर्थात अगर वह केमद्रुम योग बना रहा है शकट योग बना रहा है जैसा  आपको कुंडली में हम दिखा रहे हैं उसकी चर्चा करेंगे अगर ऐसे योग बन रहे हैं तो जातक को अपने जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है आर्थिक और मानसिक  स्थिति से भी तो आपको उपाय के लिए रुद्राक्ष की माला पहनना चाहिए शिव जी की आराधना करना चाहिए चद्रमा के मंत्रों के जाप करना चाहिए तो आपको बता रहे हैं कि ऊपर की कुंडली में देख सकते हैं कि चंद्रमा जो है वह सप्तम भाव में है और उसके आगे पीछे वाले भाव में कोई ग्रह ना होने से केमद्रुम  बन गया है और गुरु और चंद्रमा भी छठे आठवें का संबंध बना रहे हैं जिससे शकट योग बन रहा है  तो आपको जो उपाय बताएं वह करना चाहिए आपकी कुंडली में इसको देख सकते हैं.

Tuesday, December 3, 2019

कुंडली में आप देख सकते हैं कि आपको आपको घर कब प्राप्त होगा क्या वह आपको अपनी जिंदगी के पहले हाफ में मिलेगा या दूसरे हाफ में मिलेगा अर्थात घर का सुख हमें कब प्राप्त होता है इसके लिए कहा गया है कि अगर पहले भाव से सातवें भाव तक सब ग्रह हो तो आपको अपनी जिंदगी के पहले हाफ में घर का सुख प्राप्त हो जाएगा अगर सातवें भाव से 12 भाव में सब ग्रह आ जाते हैं तो आपको मकान का शुभ सुख, घर का सुख जो है  वह जिंदगी के दूसरे हाफ में प्राप्त होगा ऐसा शास्त्रों में बताया गया है कृपया अपने कुंडलियों में में इसको देख सकते हैं उदाहरण के लिए हमने ऊपर जो बताई कुंडली है उसमें बताया गया है कि सब ग्रह सातवें भाव से 12 भाव तक बैठे  हैं अतः ऐसे जातक को जो है मकान का जो उस सुख है, घर का जो सुख है वह अपनी जिंदगी के दूसरे हाफ में प्राप्त होगा।
 क्या आप अपने फ्लैट में रह रहे हैं तो यह दिखाने के लिए अगर आप अपनी कुंडली को देखेंगे तो आप पाएंगे कि आपका चौथे भाव में जो राशि है वह आकाश तत्त्व कि राशि होगी 3,7,11 राशि हो सकती है अर्थात मिथुन राशि, तुला राशि या कुंभ राशि हो सकती है और गुरु ग्रह जो आकाश तत्व का स्वामित्व रखता  है उसकी संबंध चौथे भाव या चौथे भाव के स्वामी से हो सकता है तो आप जरूर फ्लैट में रहते होंगे ऐसा हम अपनी कुंडली के द्वारा जान सकते हैं ऊपर बताइए कुंडली में आप देख सकते हैं कि चौथे भाव में सात नंबर की तुला राशि है और गुरु ग्रह अपनी पांचवी पांचवी दृष्टि से चौथे भाव को देख रहा है तो यह संभावनाएं ज्यादा होती कि जातक  अपने फ्लैट में रहता है।

Monday, December 2, 2019

शादी में रुचि नहीं दिखाना:  अगर कन्या की कुंडली में चौथे भाव में मंगल बैठा हो और सप्तम भाव में शनि बैठा हो कोई भी लग्न लहो तो जातिका को शादी करने में रुचि नहीं रहती है । जैसा कि उपरोक्त कुंडली में दिखा रहे हैं कर्क लग्न की कुंडली है इसमें चौथे भाव में मंगल बैठा है तथा सप्तम भाव में शनि बैठा है इस जातिका को शादी में रुचि नहीं है यह आप अपने कुंडलियों में भी देख सकते हैं.

Sunday, December 1, 2019

 सूर्य और शनि की युति का फल :अगर आपकी कुंडली में यह युति का फल जिस भाव में भी बन रहा होगा उस भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी उस भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी होगा उस भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी उस भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी पड़ सकती है वह आर्थिक हो सकती है वह भावनात्मक हो सकती है मतभेद वाली हो सकती हैं जिस भाव में युति बनती है उस भाव से संबंधित आर्थिक , भावनात्मक वैचारिक मतभेद आदि सामने आते हैं उदाहरण के लिए उपरोक्त कुंडली में यह युति सप्तम भाव में बन रही है जो कि वह भी जीवन के लिए है वहां पर परेशानियां मतभेद उत्पन्न करेगा तथा व्यापार में भी यही है आपको नुकसानदायक हो सकती है, पार्टनरशिप अच्छी नहीं चलेगी जिस तरह से आप हर एक भाव के हिसाब से अपनी कुंडली में जान सकते हैं.