Wednesday, December 18, 2019

 कुंडली का कारक द्वारा भाव नाश:  संतान सुख में बांधा :आपकी कुंडली में कारक का भाव नाश कैसे कैसे कैसे भाव नाश कैसे कैसे नाश कैसे कैसे होता है तथा उससे संतान सुख में कमी कैसे आती है इसको जानने के लिए, कुंडली में पंचम भाव ,पंचम भाव का स्वामी और कारक गुरु अगर विच्छेद आत्मक ग्रहों से प्रभावित हो तो गुरु ग्रह के कारण जो  भाव का नाश करता है जो कि पंचम भाव में बैठा है इसके कारण आपको कुंडली में यह दिखाता है तो संतान सुख में बांधा आने के योग बना देता है इसको उदाहरण के लिए  जो यहां कुंडली देख रहे हैं इसमें संतान भाव में चार नंबर की राशि है उसका स्वामी नवम भाव में नीच का हो गया तथा कारक गुरु तथा पंचम भाव राहु की  दृष्टि से प्रभावित होकर उसने भाव का नाश कर दिया ,साथ-साथ में गुरु को भी पीड़ित कर दिया इसके कारण संतान सुख में बाधा के योग उत्पन्न हो गए हैं तो इस तरह से हम देख सकते हैं कि कुंडली में गुरु जो भाव का नाश करता है वह यहां पर प्रभावित होता है . अपनी कुंडली में इस तरह से देख सकते हैं कि गुरु भाव नाशक कब हो जाता है जाता है कब हो जाता है जाता है कब हो जाता है जाता है भाव नाशक कब हो जाता है जाता है कब हो जाता है जाता है हो जाता है जब किसी भाव को देखा जाता है कि वह अगर पीड़ित होता है तो उससे संबंधित फल हमें नहीं प्राप्त होते हैं इसलिए जब भी भाव, भाव का स्वामी और कारक पीड़ित होते हैं तो उस भाव से संबंधित फल प्राप्ति में बांधा होती है ।dhanyvad धन्यवाद।

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