ज्योतिष और कैरियर अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली के अनुसार आपका केरियर क्या हो सकता है तो संचित में हम में जान सकते हैं कि अगर मंगल राहु शनि टेक्निकल प्लेनेट का प्रभाव हो तो जातक टेक्निकल लाइन में जाता है अगर सुपरों का प्रभाव है जैसे कि शुक्र चंद्र बुध गुरु तो जातक टेक्निकल लाइन में नहीं जाता है और कुंडली में लग्न बलवान हो और लग्न का स्वामी उपचय भाव में होता है तो जातक चुनौतियों को स्वीकार करता है अगर वह मित्र राशि में होता है परंतु हुआ था सत्तू राशि में होगा चुनौतियों से परेशान रहता है और और दूर हो जाता है कार्य से ऊपर की कुंडली में आप देख सकते हैं व्हाट्सएप लग्न में दशम भाव में टेक्निकल लाइन में जा सकता है और साथ में मिथुन लग्न कुंडली में छठे भाव में शत्रु राशि में होने के कारण चुनौतियों को पूरा करने में लगा रहता है धन्यवाद
Monday, December 30, 2019
Wednesday, December 18, 2019
कुंडली का कारक द्वारा भाव नाश: संतान सुख में बांधा :आपकी कुंडली में कारक का भाव नाश कैसे कैसे कैसे भाव नाश कैसे कैसे नाश कैसे कैसे होता है तथा उससे संतान सुख में कमी कैसे आती है इसको जानने के लिए, कुंडली में पंचम भाव ,पंचम भाव का स्वामी और कारक गुरु अगर विच्छेद आत्मक ग्रहों से प्रभावित हो तो गुरु ग्रह के कारण जो भाव का नाश करता है जो कि पंचम भाव में बैठा है इसके कारण आपको कुंडली में यह दिखाता है तो संतान सुख में बांधा आने के योग बना देता है इसको उदाहरण के लिए जो यहां कुंडली देख रहे हैं इसमें संतान भाव में चार नंबर की राशि है उसका स्वामी नवम भाव में नीच का हो गया तथा कारक गुरु तथा पंचम भाव राहु की दृष्टि से प्रभावित होकर उसने भाव का नाश कर दिया ,साथ-साथ में गुरु को भी पीड़ित कर दिया इसके कारण संतान सुख में बाधा के योग उत्पन्न हो गए हैं तो इस तरह से हम देख सकते हैं कि कुंडली में गुरु जो भाव का नाश करता है वह यहां पर प्रभावित होता है . अपनी कुंडली में इस तरह से देख सकते हैं कि गुरु भाव नाशक कब हो जाता है जाता है कब हो जाता है जाता है कब हो जाता है जाता है भाव नाशक कब हो जाता है जाता है कब हो जाता है जाता है हो जाता है जब किसी भाव को देखा जाता है कि वह अगर पीड़ित होता है तो उससे संबंधित फल हमें नहीं प्राप्त होते हैं इसलिए जब भी भाव, भाव का स्वामी और कारक पीड़ित होते हैं तो उस भाव से संबंधित फल प्राप्ति में बांधा होती है ।dhanyvad धन्यवाद।
Tuesday, December 17, 2019
ज्योतिष और हीलिंग :कुंडली के द्वारा हम जान सकते हैं कि हमें कौन से रोग होने की संभावना बनती है क्योंकि हर एक एक भाव जो कुंडली का होता है वह हमारे शरीर के अंगों को दर्शाता है और वह अगर वह भाव, भाव का स्वामी और कारक पीड़ित होता है तो हमें उस भाव से संबंधित उस राशि से संबंधित रोग होने की संभावनाएं बन जाती है तो आज हम जो बात कर रहे हैं हीलिंगके बारे में बात कर रहे हैं .हमें हमेशा हमारे ब्रह्मांड की जो हीलिंग इनर्जी है उसे प्राप्त करना चाहिए इसे प्राप्त करने के लिए आपको क्या करना है कि आप कोई से भी अच्छे ,सुख आसन लगाकर बैठ जाइए और आप अपने मन को , ध्यान को आप हैं ब्रह्मांड जो है उसमें लगाएं कि ब्रह्मांड की जो आकाश की और सूर्य आदि की एनर्जी है हमारे शरीर के सभी अंग महसुस कीजए सिर से लगाकर पैर तक जो है वहां पर वह हिलिंग इनर्जी हमें प्राप्त हो रही है और वही हीलिंग
इनर्जी को हम रोजाना प्राप्त करते हुए सुबह शाम हर अंग के द्वारा उसको ले जाते हुए और यह बताएं कि वह अंग ठीक हो रहा है वह रोग ठीक हो रहा है इस तरह से वह हमारे सर से पैर तक जाएगा और खराब एनर्जी और रोग पृथ्वी में समा जाएगी ऐसा हम महसूस करें जो ।इस तरह से जो अंग ज्यादा पीड़ित हैं वहां पर आपको हीलिंग को ज्यादा समय के लिए आप महसूस कीजिए और इस तरह उस अंग की पीड़ा की पीड़ा कम होगी और ठीक होता जाएगा। जैसा कि हम ऊपर की कुंडली में दिखा रहे हैं इसमें जो सप्तम भाव है वह किडनी का भाव है उसका स्वामी शुक्र बनता है वह 12वें भाव में बैठा हुआ है और उस पर राहु की दृष्टि और साथ-साथ में शनि से पीड़ित है शनि की दृष्टि पड़ रही है तो वहां हम कह सकते हैं कि इसका जो का सप्तम भाव, सप्तम भाव का कारक शुक्र, शनि और राहु से पीड़ित होने से किडनी संबंधी रोग होने की संभावना होगी तो हमें प्रतिदिन हमारी हीलिंग है उसे पूरे शरीर पर देना है हमको बोल कर देना है वह ठीक हो रहा है और साथ-साथ में किडनी पर ज्यादा जोर देंगे वहां पर हमारी हीलिंग को ज्यादा समय के लिए आप दीजिए और महसूस कीजिए कि वह हमारा रोग ठीक होता जा रहा है इससे आप ज्योतिष के माध्यम से जो रोग है उसको हीलिंग कर सकते हैं साथ साथ में आप जो ग्रह है शुक्र है और राहु और शनि जो प्रभावित कर रहे हैं तो उनके मंत्रों के जाप करना चाहिए ,प्रतिदिन करना चाहिए इस तरह से आप हीलिंग के द्वारा अपने आप को ठीक कर सकते हैं । धन्यवाद।
इनर्जी को हम रोजाना प्राप्त करते हुए सुबह शाम हर अंग के द्वारा उसको ले जाते हुए और यह बताएं कि वह अंग ठीक हो रहा है वह रोग ठीक हो रहा है इस तरह से वह हमारे सर से पैर तक जाएगा और खराब एनर्जी और रोग पृथ्वी में समा जाएगी ऐसा हम महसूस करें जो ।इस तरह से जो अंग ज्यादा पीड़ित हैं वहां पर आपको हीलिंग को ज्यादा समय के लिए आप महसूस कीजिए और इस तरह उस अंग की पीड़ा की पीड़ा कम होगी और ठीक होता जाएगा। जैसा कि हम ऊपर की कुंडली में दिखा रहे हैं इसमें जो सप्तम भाव है वह किडनी का भाव है उसका स्वामी शुक्र बनता है वह 12वें भाव में बैठा हुआ है और उस पर राहु की दृष्टि और साथ-साथ में शनि से पीड़ित है शनि की दृष्टि पड़ रही है तो वहां हम कह सकते हैं कि इसका जो का सप्तम भाव, सप्तम भाव का कारक शुक्र, शनि और राहु से पीड़ित होने से किडनी संबंधी रोग होने की संभावना होगी तो हमें प्रतिदिन हमारी हीलिंग है उसे पूरे शरीर पर देना है हमको बोल कर देना है वह ठीक हो रहा है और साथ-साथ में किडनी पर ज्यादा जोर देंगे वहां पर हमारी हीलिंग को ज्यादा समय के लिए आप दीजिए और महसूस कीजिए कि वह हमारा रोग ठीक होता जा रहा है इससे आप ज्योतिष के माध्यम से जो रोग है उसको हीलिंग कर सकते हैं साथ साथ में आप जो ग्रह है शुक्र है और राहु और शनि जो प्रभावित कर रहे हैं तो उनके मंत्रों के जाप करना चाहिए ,प्रतिदिन करना चाहिए इस तरह से आप हीलिंग के द्वारा अपने आप को ठीक कर सकते हैं । धन्यवाद।
कुंडली में क्षमा याचना और दूसरा भाव: अगर आपकी कुंडली में दूसरे भाव पर क्रूर, पाप ग्रहों का प्रभाव होने पर आपकी वाणी में दोष उत्पन्न होता है जिससे कि आपकी वाणीख़राब हो जाती है और व्यवहारिक जीवन में उसके कारण हमारे संबंध खराब होने लगते हैं अच्छा उपाय के स्वरूप में आपको क्षमा याचना करना चाहिए, दिल से क्षमा मागना चाहिए तथा जो ग्रह आपको प्रॉब्लम दे रहा है उसके मंत्रों के जाप करना चाहिए जैसे कि ऊपर की कुंडली में आप देख सकते हैं कि मैं मीन लग्न की कुंडली है और शनि ग्रह जो है दूसरे भाव में बैठा हुआ है और साथ-साथ में मंगल की भी दृष्टि पड़ रही है जिससे के जातक जब भी बात करता है तो उसकी वाणी इन ग्रहों के कारण खराब हो जाती है तो जब भी किसी से बात करनी है तो सोच समझ कर करनी है। अन्यथा उसके कारण आपके संबंध खराब होते हैं अतः आपको क्षमा याचना करना चाहिए , क्षमा मांगना चाहिए तथा यहां पर शनि और मंगल ग्रह के जाप करना चाहिए धन्यवाद।
Monday, December 16, 2019
कुंडली और भाग्य: कुंडली में भाग्य के लिए देखते हैं नवम भाव , 9भाव के स्वामी
और कारक गुरु ग्रह। अगर आपकी कुंडली में नवम भाव और नवम भाव का स्वामी की स्थिति अच्छी नहीं है तो आपको भाग्य के लिए गुरु ग्रह को देखना है। गुरु ग्रह से अगर नवम भाव की जो राशि बनती है उसका स्वामी अगर अच्छी स्थिति में है तो वह भी आपको भाग्य उदय में सहायता करेगा जैसे कि आप यहां कुंडली देख रहे हैं, यहां पर कर्क लग्न की कुंडली में है और गुरु ग्रह नवम भाव का स्वामी होकर केतु के साथ में अच्छी स्थिति में नहीं है तो हमें क्या देखना है कि गुरु ग्रह से आपको नवम भाव देखना है तो गुरु ग्रह से नवम भाव कि जो राशि बनेगी तुला राशि बनेगा उसका स्वामी , शुक्र को देखना है उसकी अगर अच्छी स्थिति है तो आपको शुक्र आपको भाग्य उदय में सहायता करेगा। यहां देख रहे हैं किस शुक्र ग्रह उच्च का होकर बैठा है। आप जो भी लग्न के जातक हो आप इस तरह की स्थिति को देखकर आप जान सकते हैं कि आपका भाग्य उदय मैं किस तरह से गुरु से नवम भाव के स्वामी की स्थिति आपको भाग्योदय में सहायक हो सकती हैं ।धन्यवाद
और कारक गुरु ग्रह। अगर आपकी कुंडली में नवम भाव और नवम भाव का स्वामी की स्थिति अच्छी नहीं है तो आपको भाग्य के लिए गुरु ग्रह को देखना है। गुरु ग्रह से अगर नवम भाव की जो राशि बनती है उसका स्वामी अगर अच्छी स्थिति में है तो वह भी आपको भाग्य उदय में सहायता करेगा जैसे कि आप यहां कुंडली देख रहे हैं, यहां पर कर्क लग्न की कुंडली में है और गुरु ग्रह नवम भाव का स्वामी होकर केतु के साथ में अच्छी स्थिति में नहीं है तो हमें क्या देखना है कि गुरु ग्रह से आपको नवम भाव देखना है तो गुरु ग्रह से नवम भाव कि जो राशि बनेगी तुला राशि बनेगा उसका स्वामी , शुक्र को देखना है उसकी अगर अच्छी स्थिति है तो आपको शुक्र आपको भाग्य उदय में सहायता करेगा। यहां देख रहे हैं किस शुक्र ग्रह उच्च का होकर बैठा है। आप जो भी लग्न के जातक हो आप इस तरह की स्थिति को देखकर आप जान सकते हैं कि आपका भाग्य उदय मैं किस तरह से गुरु से नवम भाव के स्वामी की स्थिति आपको भाग्योदय में सहायक हो सकती हैं ।धन्यवाद
Sunday, December 15, 2019
चंद्रमा और अशुभ योग :अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा अशुभ योग बना रहा है अर्थात अगर वह केमद्रुम योग बना रहा है शकट योग बना रहा है जैसा आपको कुंडली में हम दिखा रहे हैं उसकी चर्चा करेंगे अगर ऐसे योग बन रहे हैं तो जातक को अपने जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है आर्थिक और मानसिक स्थिति से भी तो आपको उपाय के लिए रुद्राक्ष की माला पहनना चाहिए शिव जी की आराधना करना चाहिए चद्रमा के मंत्रों के जाप करना चाहिए तो आपको बता रहे हैं कि ऊपर की कुंडली में देख सकते हैं कि चंद्रमा जो है वह सप्तम भाव में है और उसके आगे पीछे वाले भाव में कोई ग्रह ना होने से केमद्रुम बन गया है और गुरु और चंद्रमा भी छठे आठवें का संबंध बना रहे हैं जिससे शकट योग बन रहा है तो आपको जो उपाय बताएं वह करना चाहिए आपकी कुंडली में इसको देख सकते हैं.
Tuesday, December 3, 2019
कुंडली में आप देख सकते हैं कि आपको आपको घर कब प्राप्त होगा क्या वह आपको अपनी जिंदगी के पहले हाफ में मिलेगा या दूसरे हाफ में मिलेगा अर्थात घर का सुख हमें कब प्राप्त होता है इसके लिए कहा गया है कि अगर पहले भाव से सातवें भाव तक सब ग्रह हो तो आपको अपनी जिंदगी के पहले हाफ में घर का सुख प्राप्त हो जाएगा अगर सातवें भाव से 12 भाव में सब ग्रह आ जाते हैं तो आपको मकान का शुभ सुख, घर का सुख जो है वह जिंदगी के दूसरे हाफ में प्राप्त होगा ऐसा शास्त्रों में बताया गया है कृपया अपने कुंडलियों में में इसको देख सकते हैं उदाहरण के लिए हमने ऊपर जो बताई कुंडली है उसमें बताया गया है कि सब ग्रह सातवें भाव से 12 भाव तक बैठे हैं अतः ऐसे जातक को जो है मकान का जो उस सुख है, घर का जो सुख है वह अपनी जिंदगी के दूसरे हाफ में प्राप्त होगा।
क्या आप अपने फ्लैट में रह रहे हैं तो यह दिखाने के लिए अगर आप अपनी कुंडली को देखेंगे तो आप पाएंगे कि आपका चौथे भाव में जो राशि है वह आकाश तत्त्व कि राशि होगी 3,7,11 राशि हो सकती है अर्थात मिथुन राशि, तुला राशि या कुंभ राशि हो सकती है और गुरु ग्रह जो आकाश तत्व का स्वामित्व रखता है उसकी संबंध चौथे भाव या चौथे भाव के स्वामी से हो सकता है तो आप जरूर फ्लैट में रहते होंगे ऐसा हम अपनी कुंडली के द्वारा जान सकते हैं ऊपर बताइए कुंडली में आप देख सकते हैं कि चौथे भाव में सात नंबर की तुला राशि है और गुरु ग्रह अपनी पांचवी पांचवी दृष्टि से चौथे भाव को देख रहा है तो यह संभावनाएं ज्यादा होती कि जातक अपने फ्लैट में रहता है।
Monday, December 2, 2019
शादी में रुचि नहीं दिखाना: अगर कन्या की कुंडली में चौथे भाव में मंगल बैठा हो और सप्तम भाव में शनि बैठा हो कोई भी लग्न लहो तो जातिका को शादी करने में रुचि नहीं रहती है । जैसा कि उपरोक्त कुंडली में दिखा रहे हैं कर्क लग्न की कुंडली है इसमें चौथे भाव में मंगल बैठा है तथा सप्तम भाव में शनि बैठा है इस जातिका को शादी में रुचि नहीं है यह आप अपने कुंडलियों में भी देख सकते हैं.
Sunday, December 1, 2019
सूर्य और शनि की युति का फल :अगर आपकी कुंडली में यह युति का फल जिस भाव में भी बन रहा होगा उस भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी उस भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी होगा उस भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी उस भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी भाव से संबंधित आपको परेशानियां उठानी से संबंधित आपको परेशानियां उठानी पड़ सकती है वह आर्थिक हो सकती है वह भावनात्मक हो सकती है मतभेद वाली हो सकती हैं जिस भाव में युति बनती है उस भाव से संबंधित आर्थिक , भावनात्मक वैचारिक मतभेद आदि सामने आते हैं उदाहरण के लिए उपरोक्त कुंडली में यह युति सप्तम भाव में बन रही है जो कि वह भी जीवन के लिए है वहां पर परेशानियां मतभेद उत्पन्न करेगा तथा व्यापार में भी यही है आपको नुकसानदायक हो सकती है, पार्टनरशिप अच्छी नहीं चलेगी जिस तरह से आप हर एक भाव के हिसाब से अपनी कुंडली में जान सकते हैं.
Saturday, November 30, 2019
वृद्धावस्था और आप :क्या आप अपना बुढ़ापा अच्छा रखना चाहते हैं तो अपने कोहली kundali कुंडली का विशेषण जरूर कीजिए या करवा लीजिए अगर आपकी आपकी कुंडली में लग्न में सी सिंह राशि है या मंगल की राशि है तो आप अपने जीवन में समझौता नहीं करते हैं इसके कारण आपको परेशानी आ रही है अगर आपके वहां पर ज्ञान की राशियां हैं जैसे कि गुरु की राशि है तो ऐसे जो जातक है इनको ज्ञान को देते रहने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है इससे अच्छा होगा कि आप अपना जो वह है वृद्धावस्था में जो कार्यक्षेत्र इस तरह का रखें जिससे कि आपको ज्ञान दूसरों में बांट सकें और आप उस में बिजी रहे या अपनी hobby व्यस्त रहें , अपनी कुंडली में इस तरह देख सकते हैं । या हम उदाहरण के लिए सिंह लग्न की कुंडली दर्शा रहे हैं जिसमें आप देख सकते हैं सप्तम भाव से सूर्य लग्न को देख रहा है और मंगल की भी चौथी दृष्टि है तो ऐसा व्यक्ति स्वाभिमानी होने के कारण अपनी बातों के कारण वृद्धावस्था में परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि वह अपनी बात मनवा के रहते हैं अतः आप अपना वृद्धावस्था अच्छी रखना चाहते हैं तो अपने hobby में व्यस्त रहेंगे तो आपकी वृद्धावस्था अच्छी निकल जाएगी.
चंद्रमा और मानसिक परेशानी :अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा छठे ,8,12 भाव में हैं,चंद्रमा छठे ,आठवें 12 भाव के स्वामी के साथ
से संबंध बना रहा हो तोआपको मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, साथ साथ साथ में बुध ग्रह , नर्वस सिस्टम दर्शाता है वह भी अगर कमजोर है तो यह परेशानियां और बढ़ा देता है आप ऊपर की कुंडली देख सकते हैं क्योंकि चंद्रमा जैसा बताया वैसे स्थिति में होने के कारण जातक को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है यहां बता दें कि मेष लग्न की कुंडली में चंद्रमा आठवें भाव में बैठा हुआ है जो कि बताता है कि जातक को मानसिक परेशानियों से परेशान रहता है क्योंकि जैसा हमने बताया चंद्रमा जो आठवें भाव में है और यही कारण मानसिक परेशानियों का कारण बना हुआ है.
से संबंध बना रहा हो तोआपको मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, साथ साथ साथ में बुध ग्रह , नर्वस सिस्टम दर्शाता है वह भी अगर कमजोर है तो यह परेशानियां और बढ़ा देता है आप ऊपर की कुंडली देख सकते हैं क्योंकि चंद्रमा जैसा बताया वैसे स्थिति में होने के कारण जातक को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है यहां बता दें कि मेष लग्न की कुंडली में चंद्रमा आठवें भाव में बैठा हुआ है जो कि बताता है कि जातक को मानसिक परेशानियों से परेशान रहता है क्योंकि जैसा हमने बताया चंद्रमा जो आठवें भाव में है और यही कारण मानसिक परेशानियों का कारण बना हुआ है.
Tuesday, November 26, 2019
द्वितीय भाव से बनने वाले योग: अगर आपकी कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी अपने घर में हो अर्थात स्वराशि जिसे कहते हैं का हो तो जातक को व्यापार मैं सफलता प्राप्त होती है . कहने का अर्थ यह है कि नौकरी की जगह व्यापार करें तो उसमें अच्छी सफलता प्राप्त होती है, उदाहरण के लिए आप जो कुंडली देख रहे हैं उसमें द्वितीय भाव में शुक्र अपनी राशि में बैठा है जो कि जातक या जातिका को या व्यापार में सफलता दिलाता है.
Monday, November 25, 2019
लग्न से बनने वाले योग: आपकी कुंडली में चारों केंद्र खाली हो तो आपको अपने जीवन में दरिद्रता का सामना करना पड़ता है |केंद्र अर्थात पहला भाव ,चौथा भाव, सातवां भाव और दसवें भाव जैसे कि ऊपर की कुंडली में आप देख सकते हैं केंद्र भाव में कोई ग्रह नहीं है तो ऐसे जातक और जातिका है उन्हें अपने जीवन में दरिद्रता का सामना करना पड़ता है|
Friday, November 22, 2019
विषकन्या योग :कुंडली में अगर विषकन्या योग बन रहा हो तो ऐसी कन्या से विवाह नहीं करना चाहिए जब तक कि उसका परिहार नहीं हो जाता है| विषकन्या योग बनता है अगर आपकी कुंडली में अश्लेषा नक्षत्र हो सप्तमी तिथि हो मंगलवार का दिन हो या शनिवार का दिन और द्वादशी तिथि हो और कृतिका नक्षत्र हो या रविवार का दिन हो द्वितीय तिथि हो शतभिषा नक्षत्र हो| ऐसे योग में उत्पन्न कन्या विष कन्या योग से पीड़ित होती है इसका परिहार यह है कि कुंडली के अंदर सप्तम भाव में शुभ ग्रह हो या स्वराशि के हो तो उसका परिहार हो जाता है जैसे कि आप ऊपर कुंडली देख रहे हैं इसमें सप्तम भाव में शुभ ग्रह चंद्र और बृहस्पति बैठे हैं या सप्तम भाव का स्वामी सप्तम भाव में हो तो भी परिहार हो जाता है तो यहां बृहस्पति स्वराशि का होकर सप्तम भाव में बैठा है तो ऐसी स्थिति में परिहार हो जाता है तभी शादी करना चाहिए |आपने कुंडली को किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य को दिखाइए कि उसका परिहार हो रहा है या नहीं अगर नहीं हो रहा है तो यह शादी आपके लिए अच्छी नहीं रहेगी धन्यवाद|
Saturday, November 16, 2019
लग्न से बनने वाले योग :आपकी कुंडली में लग्न के अंदर पाप ग्रह शनि राहु आदि ग्रह हो तो आपको अपने जीवन में दुखों का सामना करना पड़ता है जरूर अपनी कुंडली में देखें में देखें तथा उपाय करें जैसा कि ऊपर ऊपर कुंडली में दिखाया गया है लग्न में शनि हो या राहु हो तो हो तो आपको जीवन भर कष्टों का सामना करना पड़ेगा, दुख उठाना पड़ेगा अतः शनि और राहु के मंत्रों के जाप करना चाहिए प्रतिदिन करना चाहिए 108 बार करना चाहिए उसके प्रभाव में कमी हो सके.Housi lal chourey:Astrology Consultation: 09893234239, 08319942286: Jyotish visharad :Experts in Astrology, Numerology, Horoscope Compatibility, Vastu and Palmist etc. :housi.chourey@gmail.com: Subscribe to Astrology Simpliyfied to get updates: https://www.youtube.com/channel/UChJU... ग्रह-तारे: click the blog. http://hchourey.blogspot.in
Friday, November 15, 2019
लग्न भाव से बनने वाले योग: अगर आपकी कुंडली में पंचम भाव का स्वामी होकर लग्न में बैठता है तो जातक को संपत्ति प्राप्त होती है और उसका सुख भी भोक्ता है ऊपर बताए की कुंडली में आप देख सकते हैं कि पंचम भाव का स्वामी गुरु लग्न में बैठा हुआ है तो इस जातक को संपत्ति का अच्छा सुख भोगने के योग बना देता है.
Housi lal chourey:Astrology Consultation: 09893234239, 08319942286: Jyotish visharad :Experts in Astrology, Numerology, Horoscope Compatibility, Vastu and Palmist etc. :housi.chourey@gmail.com: Subscribe to Astrology Simpliyfied to get updates: https://www.youtube.com/channel/UChJU... ग्रह-तारे: click the blog. http://hchourey.blogspot.in
Thursday, November 14, 2019
लग्न भाव योग :लग्नेश द्वितीय भाव में :अगर आपकी कुंडली में लग्न का स्वामी शुभ होकर द्वितीय भाव में बैठता है तो जातक को जीवन में अवश्य धन प्राप्त होता है और उसका वह सदुपयोग भी करता है जैसा कि ऊपर कुंडली में दिखाया गया है लग्न का स्वामी शुक्र शुभ ग्रह होकर द्वितीय भाव में बैठा है तो जातक को जैसा ऊपर बताया गया फल जरूर प्राप्त होगा.
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Wednesday, November 13, 2019
Tuesday, November 12, 2019
Monday, November 11, 2019
Monday, October 28, 2019
Monday, October 21, 2019
Sunday, October 20, 2019
Friday, October 4, 2019
Wednesday, September 25, 2019
Tuesday, September 24, 2019
Saturday, September 21, 2019
Thursday, September 19, 2019
Monday, September 16, 2019
Monday, June 24, 2019
Wednesday, June 5, 2019
Saturday, June 1, 2019
Friday, May 31, 2019
Wednesday, May 29, 2019
Sunday, May 26, 2019
Saturday, May 25, 2019
Friday, May 24, 2019
Thursday, May 23, 2019
Tuesday, May 21, 2019
Monday, May 20, 2019
Friday, May 17, 2019
Thursday, May 16, 2019
Wednesday, May 15, 2019
Monday, May 13, 2019
Sunday, May 12, 2019
Saturday, May 11, 2019
Friday, May 10, 2019
Thursday, May 9, 2019
Tuesday, May 7, 2019
Monday, May 6, 2019
Sunday, May 5, 2019
Saturday, May 4, 2019
Friday, May 3, 2019
Thursday, May 2, 2019
Sunday, April 28, 2019
Saturday, April 27, 2019
Friday, April 26, 2019
Thursday, April 25, 2019
Wednesday, April 24, 2019
Tuesday, April 23, 2019
Monday, April 22, 2019
Sunday, April 21, 2019
Saturday, April 20, 2019
Friday, April 19, 2019
Thursday, April 18, 2019
Tuesday, April 16, 2019
Tuesday, April 9, 2019
Monday, April 8, 2019
Sunday, April 7, 2019
Saturday, April 6, 2019
Sunday, March 31, 2019
Saturday, March 30, 2019
Friday, March 29, 2019
Tuesday, February 5, 2019
Friday, February 1, 2019
Thursday, January 31, 2019
Wednesday, January 30, 2019
Tuesday, January 29, 2019
Monday, January 28, 2019
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Wednesday, January 9, 2019
Sunday, January 6, 2019
Saturday, January 5, 2019
Friday, January 4, 2019
Thursday, January 3, 2019
Wednesday, January 2, 2019
Tuesday, January 1, 2019
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