Tuesday, December 30, 2014

Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra

500 लाइक के लिए मित्रों आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद    .
ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए  ,
 Facebook में साइन अप करें.  
 Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra. 
 धन्यवाद.



Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra.
https://hi-in.facebook.com/
ShreeSiddhiVinyakJyotish...यह पेज फेसबुक  पर है.
 Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra. के साथ कनेक्ट होने के लिए, आज ही Facebook में साइन अप करें.

Thursday, December 25, 2014

ज्योतिष :ग्रहों की शान्ति के उपाय : शनि के अशुभ होने के संकेत:शनि के उपाय:Astrological Remedies for Sani:

शनि ग्रह के अशुभ ,खराब और बीमारी होने  के संकेत:

अशुभ शनि के  लक्षण ?

नशा करने का लत सट्टे/ जुए का आदत अनावश्यक झूठ बोलना  
अवैध एवं अनैतिक संबंध 
जमीन, प्लाट, मकान  में समस्या एवं विवाद। 
मांसाहार की ओर प्रवृत्ति।भाइयों में विवाद/ दुश्मनी। 
नौकरी-धंधे: व्यवधान, नौकरी छूटना, अनचाही जगह पर तबादला, पदोन्नति में बाधाएँ व्यापार-व्यवसाय में मंदी, घाटा, दिवाला, कर्ज
बीमारी :दुर्घटना में कोई हड्डी टूट जाए।चेहरे पर थकान, तनाव, बड़ी दाड़ी। जवानी में ही बुढ़ापे के रोग , जोड़ों में दर्द रहने लगे।आंखें कमजोर हो जाती है, कमर दर्द ।बाल झड़ना  : बाल संबंधी कोई बीमारी । 
विद्यार्थी : पढ़ाई में उसका मन नहीं लगता ।
विवाह : ससुराल पक्ष की आर्थिक हानि।
मकान : निर्माण  कोई अशुभ घटना हो जाए।मन : बुराई , कुसंगति, नशे , धन एवं शरीर का नाश ।
आलस्य :कार्य करने की इच्छा ना हो। 
जूते-चप्पल : बार-बार टूटना, गुम होना ।
व्यवसाय :आपका पार्टनर गबन , धोखा दे।घर: में कलेश , मित्रों और रिश्तेदारों से विवाद।
चोरी का आरोप , विरुद्ध जांच, दंड या सजा मिलना।
ऋण, लोन, उधार बढ़ता जाए।
शनि के उपाय :(वार:- शनिवार):

गाय की सेवा करना । सूर्यास्त के बाद हनुमानजी की  पूजा  सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, इस तेल का दीपक एवं नीले रंग के फूल से करनी चाहिए। 
शनि यंत्र की स्थापना व पूजन करनी और सरसों के तेल का दीप जलाना चाहिए ।
शमी वृक्ष की जड़ को  काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें।
बंदरों और  कुत्तों को बूंदी के लड्डू खिलाना  चाहिए ।  काले घोड़े की नाल या नाव में लगी कील से बना छल्ला धारण करना चाहिए।

शाम के समय बड़ (बरगद) और पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और दूध एवं धूप आदि अर्पित करें।
मांस, मदिरा का सेवन न करें।
लाल चंदन की माला को अभिमंत्रित कर  पहनना चाहिए।
मंत्र का  जाप करना चाहिए:
वैदिक मंत्र- ऊं शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
लघु मंत्र- ऊं ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
भैरवजी की उपासना करें और काले तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए 
काले धागे में बिच्छू घास की जड़ को  धारण करना चाहिए।
शनि ग्रह कि शांति :ग़रीब और वृद्ध को ,काला कपड़ा, साबुत उड़द, लोहा, यथा संभव दक्षिणा, तेल, काला पुष्प, काले तिल, चमड़ा, काला वस्त्र,  काला तिल, चमड़े का जूता, नमक, सरसों तेल, काले कंबल का दान करना चाहिए। 
लोहे के बर्तन में दही चावल और नमक मिलाकर भिखारियों और कौओं को देना चाहिए. रोटी पर नमक और सरसों तेल लगाकर कौआ को देना चाहिए.
हनुमान चालीसा का पाठ, महामृत्युंजय मंत्र का जाप एवं शनिस्तोत्रम का पाठ करना चाहिए। 
गरीब, वृद्ध एवं कर्मचारियो के प्रति अच्छा व्यवहार रखना , मोर पंख धारण करना। 
शनिवार के दिन पीपल वृक्ष की जड़ पर तिल्ली के तेल का दीपक जलाएँ और लोहे, चमड़े, लकड़ी की वस्तुएँ एवं किसी भी प्रकार का तेल नहीं खरीदना चाहिए।
बाल एवं दाढ़ी-मूँछ नही कटवाने चाहिए।
भिखारी को उड़द की दाल की कचोरी खिलानी चाहिए। 
दुःखी व्यक्ति के आँसू अपने हाथों से पोंछने चाहिए।
शनिवार का दिन, शनि के नक्षत्र (पुष्य, अनुराधा, उत्तरा-भाद्रपद) तथा शनि की होरा में दान करना चाहिए। 
गरीबों, वृद्धों एवं नौकरों के प्रति अपमान जनक व्यवहार नहीं करना चाहिए।
आलस्य, , ढिलाई, सुस्ती, जिम्मेदारी से बचना दान॰उड़द, तिल, सभी तेल,लौह धातु, काला छाता,नीलम रत्न, काली गाय,काले वस्त्र, काले जूते,काली कम्बल, स्वर्ण,आदि का अनुदान !"शनि मन्त्र"ॐ ऐं ह्रीँ श्रीँ शनैश्चरायनम: ।जप संख्या 23000संध्याकाल !ॐ प्रां प्रीं प्रौँ स: शनये नम:ॐ शं शनैश्चराय नम: !
चांदी धारण करें।  घर को व्यस्थित रखें। मुस्कराकर स्वागत करें।  साधू, संतों, विद्वानों के साथ बैठकर ज्ञान की चर्चा करें। बदजुबानी  पर लगाम  लगाएं। गरीबों की, असहायों की, गाय की सेवा करें। पति -पत्नी प्रेम से रहें।  
   ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए----लिंक को क्लिक  करें : 


Thursday, December 18, 2014

ज्योतिष :ग्रहों की शान्ति के उपाय : शुक्र के अशुभ होने के संकेत:शुक्र के उपाय:Astrological Remedies for Venus:


शुक्र  ग्रह के अशुभ ,खराब और बीमारी होने  के संकेत: 
प्रमेह, मूत्राशय, चर्म, सेक्स संबंधी बीमारी का होना ।
शुक्र  स्त्री, वाहन और धन सुख पैर प्रभाव डालता है।   

दक्षिण-पूर्व दिशा के दूषित होने से भी शुक्र ग्रह खराब फल देता है।
दांत खराब  होना ।
अनै‍तिक या पराई स्त्री से यौन संबंध बनाना ।
पत्नी या पति से अनावश्यक कलह होना ।
शारीरिक रूप से गंदे बने रहना, गंदे-फटे कपड़े पहनना  ।
घर की साफ-सफाई को नही रखना ।
घर का बेडरूम और किचन खराब
रखना
घर में काले, कत्थई रंगों की अधिकता ।
गृह कलह होता है और धन-दौलत नष्ट होने लगती ।
घर की दक्षिण-पूर्व दिशा को का वास्तु ठीक न होना ।
गाल, ठुड्डी और नसों की बीमारी ।

वायु प्रकोप, संतान उत्पन्न करने में अक्षमता, दुर्बल शरीर, अतिसार, अजीर्ण ।  
मनं में चंचलता रहती है, एकाग्रता नहीं हो पाती |
खान पान में अरुचि, भोग विलास में रूचि और धन का नाश होता है |
चर्म रोग हो जाता है।
स्वप्न दोष की श‍िकायत रहती है।

वीर्य की कमी का होना ।  
यौन रोग होना । कामेच्छा की कमी हो जाती है।
अंगूठे में दर्द का बना  रहना ।
शरीर में त्वचा संबंधी रोगो  का उत्पन्न होना ।
अंतड़ियों के रोग।
गुर्दे का दर्द।
पांव में तकलीफ ।

शुक्र ग्रह के  उपाय: 
माँ लक्ष्मी की सेवा आराधना करे |
श्री सूक्त का पाठ करे |
खोये के मिस्ठान व मिश्री का भोग  |
ब्रह्मण ब्रह्मणि की सेवा करे | 

कन्या भोजन कराये | 
ज्वार दान करें। 
गरीब बच्चो व विद्यार्थिओं में अध्यन सामग्री |
नि:सहाय, निराश्रय के पालन-पोषण का जिम्मा ले ।
अन्न का दान करे |
ॐ सुं शुक्राय नमः का १०८ बार नित्य जाप  |

दान ,शुक्रवार का दिन, शुक्र के नक्षत्र (भरणी, पूर्वा-फाल्गुनी, पुर्वाषाढ़ा) तथा शुक्र की होरा में अधिक शुभ होते हैं। 
शुक्र ग्रह के देवता की आराधना और उनके जाप, दान उनकी होरा, उनके नक्षत्र में  करना  |
श्वेत रत्न, चाँदी, चावल, दूध, सफेद कपड़ा, घी, सफेद फूल, धूप, अगरबत्ती, इत्र, सफेद चंदन दान रंगीन वस्त्र, रेशमी कपड़े,  सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, चंदन, कपूर का दानें।
सफेद वस्त्र का प्रयोग करें।
चांदी, चावल, दूध, दही, श्वेत चंदन, सफेद वस्त्र तथा सुगंधित पदार्थ किसी पुजारी की पत्नी को दान ।
 
त्रिफला, दालचीनी, कमल गट्टे, मिश्री, मूली या सफेद शलजम का उपयोग आहार में करना । 
सफेद फूल, चंदन या कपूर की सुगंध शुभ । 
चंदन के तेल में कपूर डालकर उपयोग करना  ।
काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए। 
किसी कन्या के विवाह में कन्यादान अवसर करना चाहिए।
किसी काने व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान ।  

शुक्रवार के दिन व्रत रखें. मिठाईयां एवं खीर कौओं और गरीबों को दें. ब्राह्मणों एवं गरीबों को घी भात खिलाएं.छोटी इलायची का सेवन ।
घर में तुलसी का पौधा लगाएं।
श्वेत चंदन का तिलक ।
पानी में चंदन मिलाकर स्नान ।
शुक्रवार के दिन गाय/गौशाला में हरा चारा ।
सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल ।

शुक्रवार का व्रत रखना चाहिए। 
खटाई नही  खाना चाहिए
स्त्री का सम्मान
करना चाहिए, पत्नी को खुश रखना चाहिए। 
पराई स्त्री से संबंध नही रखना चाहिए
गृह कलह छोड़कर परिवार के सदस्यों के साथ प्यार
से रहना चाहिए
घर को वास्तु अनुसार ठीक
करना चाहिए
सफेद वस्त्र दान
करना चाहिए
भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को देना
चाहिए
स्वयं को और घर को साफ-सुथरा
रखना चाहिए 
हमेशा साफ कपड़े पहना चाहिए  । 
नित्य नहाना चाहिए। 
शरीर को गंदा नही  रखना चाहिए
सुगंधित इत्र या सेंट का उपयोग
करना चाहिए
सुहागिनों के समय-समय पर सुहाग की वस्तुएं देना 
चाहिए
मां लक्ष्मी की उपासनाकरें , खीर का दान करें।
सरपोंखा की जड़ को चमकीले धागे में बांधकर धारण करना । गूलर की समिधा को शुक्र शांति के यज्ञ में इस्‍तेमाल करना । 
शुभ शुक्र के फल :
गृहस्थ जीवन का सुख मिलना । 

शरीर पुष्ट और सुंदर होता । 
स्त्री सुख का  मिलना । आत्मविश्वास बढ़ना । 
भूमि, धन, मकान और वाहन का सुख होना ।
ऐशो-आराम में मिलना । 

फिल्म, काव्य, स्त्री और साहित्य में रुचि रखना ।
 शुक्र महादशा:  ॐ शुं शुक्राय नम: का जप। 
मां लक्ष्मी की पूजा। श्रीसूक्त का पाठ करना ।  
शुक्र की वस्तुओं का दान व हीरा या ओपल धारण करना ।
किसी  विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही ये उपाय करें।
ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए----लिंक को क्लिक  करें
        Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra

Wednesday, December 17, 2014

ज्योतिष :ग्रहों की शान्ति के उपाय : बृहस्पति, गुरु के अशुभ होने के संकेत:बृहस्पति के उपाय:Astrological Remedies for Jupiter, Guru:

बृहस्पति ग्रह के अशुभ ,खराब और बीमारी होने  के संकेत:
विवाह में विलंब होना । 
सोना खोना।
चोटी के बाल उड़न।  
शिक्षा में बाधा होती है ।   
अपयश का शिकार होना ।
मान-सम्मान की हानि। 
रोजगार से संबंधित परेशानी। 
विवाह में देरी.. पेट में पीड़ा। 
व्यर्थ की लंबी यात्राएं।
विवाह में विलंब होना । 
सोना खोना। 
चोटी के बाल उड़न।  
शिक्षा में बाधा होती है ।   
अपयश का शिकार होना ।

पिता, दादा, नाना को कष्ट देना।  
साधु संतों को कष्ट देना ।  
घर में हवा आने वाले रास्ते खराब हैं ।
दक्षिण का द्वार का  खराब होना ।
ईशान कोण का दूषित होना ।
 दाढ़ी का बढ़ना ।
सिर पर चोटी के स्थान से बाल उड़ जाते हैं ।
 पिता से विवाद   होना ।
 अकारण झूठ बोलना ।
शराब पीने और मांस खाने  से ।

अविद्या, संतान चिंता, दुर्भाग्य, अपमान, अशुभफल तथा धन की तंगी देता है।  
 गुरु की बीमारी :
श्वास रोग, वायु विकार, फेफड़ों में दर्द ।
अस्थमा, दमा, श्वास के रोग, गर्दन, नाक या सिर में दर्द का होना ।
पेचिश, रीढ़ की हड्डी में दर्द, कब्ज, रक्त विकार, कानदर्द, पेट फूलना, जिगर में खराबी का  होना । 

अविद्या, संतान चिंता, दुर्भाग्य, अपमान, अशुभफल तथा धन की तंगी देता है।
गुरु ग्रह के  उपाय:
केले की जड़ को पीले कपड़े में बांधकर पीले धागे में गुरुवार को धारण करना चाहिए । 
यज्ञ में पीपल को समिधा के रूप में काम में लिया जाता है। 
‘’ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’’  पाठ करने से लाभ होता है।: 
ऊँ बृं बृहस्पते नमः मंत्र का जप करना । 
हल्दी की गांठ गले में पहनना  । 
गाय को बेसन के लड्डू खिलाना । 
ब्राह्मणों की सेवा करना ।  
अनुशासन, ईमानदार एवं कर्त्तव्यनिष्ठ होना ।  
ब्रह्माजी की पूजा करना । 
केले के वृक्ष की पूजा करना , पीपल की करना । 
पीली वस्तुओं (बूंदी के लडडू, पीले वस्त्र, हल्दी, चने की दाल, पीले फल) का दान करना ।  
पुखराज सोने की अंगूठी में धारण करना। 
केले की जड़ या हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में गले में धारण करे ।   

पीला वस्त्र धारण करना चाहिए।
बेसन की सब्जी, मिठाई, चना दाल, पपीता, आम, केला का सेवन करना चाहिए।
मंदिर के पुजारी या शिक्षक को पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तक या पीले खाद्य पदार्थ दान करना चाहिए।
गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ में बृहस्पति  मंत्र जपते हुए जल अर्पण करना चाहिए।
केसर या हल्दी का तिलक लगाना चाहिए।
घर में पीले पुष्प गमलों में लगाना चाहिए।
विष्णु की पूजा आराधना करना चाहिए।
शिक्षक, ब्राह्मण, साधु, विद्वान, पति, संतान का दिल नही  दु:खाना चाहिए।
बृहस्पतिवार के दिन फलाहार वृक्ष लगाएं और फलों का दान करें।
11.हल्दी की गांठ या केला-जड़ को पीले कपड़े में बांह पर बांधें।
 बेसन की सब्जी, मिठाई, चना दाल, पपीता, आम, केला का सेवन  करना चाहिए।

मकान का द्वार, खिड़की और रोशनदान सही दिशा में रखना चाहिए। 
नाक, कान और दांत हमेशा साफ-सुथरे रखना चाहिए ।
पीपल का वृक्ष लगाना चाहिए।

सच बोलने का कोशिश करें।
पीपल में जल चढ़ाना चाहिए। 
आचरण को शुद्ध रखना चाहिए। 
पिता, दादा और गुरु का आदर करना चाहिए। 
गुरु बनाना चाहिए। 
घर में धूप-दीप देना चाहिए।
केसर या चंदन का तिलक लगाएं चाहिए । 
सात्विक भोजन करना चाहिए। 
काले, कत्थई, लाल, मेहरून, हरे और भूरे रंग का उपयोग  करने से बचें। पीले, गुलाबी, नीले और सफेद रंग का इस्तेमाल   अधिक करें।
हर गुरुवार चने की दाल का दान करना चाहिए ।


गुरु शुभ होने पर:  धार्मिक भावनाओं को नियंत्रित करता है।  
धर्म संबंधी कार्यों में विशेष लाभ प्राप्त होता है। 
भाग्य का ठीक रहता  है।

चीनी, केला, पीला वस्त्र, केशर, नमक, मिठाईयां, हल्दी, पीला फूल और भोजन दान करना।  
केला और पीले रंग की मिठाईयां गरीबों, पंक्षियों विशेषकर कौओं को देना चाहिए ।
परस्त्री / परपुरुष से संबंध नहीं रखने चाहिए।
गुरु के नक्षत्र (पुनर्वसु, विशाखा, पूर्व-भाद्रपद) तथा गुरु की होरा दान करना शुभ होता है।

गुरूवार को भीगी चना दाल, गुड़, केला गाय को खिलाना ।
केले के पेड़ की पूजा करना । गुरू गायत्री मंत्र या "?
गुं गुरूवे नम:" का जप करना ।
बेसन का लड्डू विष्णु-लक्ष्मी मंदिर में चढ़ाएं।
गुरूवार को पीले वस्त्र में चने की दाल, कच्ची हल्दी की गांठ, गुड़, दक्षिणा सहित मंदिर में चढ़ाएं।

पीले फूल, केसर या केवड़े का दूध प्रयोग करना।    
मन्दिर में या किसी धर्म स्थल पर निःशुल्क सेवा करनी चाहिए।
मन्दिर  के सम्मुख से निकलने पर अपना सिर श्रद्धा से झुकाना चाहिए।

नोट : उपरोक्त में से कुछ उपाय कुंडली की पूरी जांच किए बगैर नहीं करना चाहिए। 
गुरु महादशा: मंत्र ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम: का जप करन 
भगवान विष्णु की पूजा करना 
पीले वस्त्र धारण करना ,  चने की दाल, हल्दी, पीले पुष्प, पीला नैवेद्य, गुड़ दान करना । 
साथ ही सुनैला या पुखराज तर्जनी उंगली में धारण करना ।
किसी  विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही ये उपाय करें।
ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए----लिंक को क्लिक  करें
        Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra

Monday, December 15, 2014

ज्योतिष :ग्रहों की शान्ति के उपाय : चन्द्र के अशुभ होने के संकेत:चन्द्र के उपाय: Remedies for Moon :

चन्द्र के अशुभ ,खराब और बीमारी होने  के संकेत:
दूध देने वाला जानवर का मर जाना ।
माता का बीमार हो जाना।   

जलस्रोतों का सूख जाना।  
क्षमता क्षीण होना ।
राहु, केतु या शनि के साथ या  दृष्टि चन्द्र पर होना ।
मानसिक रोगों का होना ।
दिल, बायां भाग ।
मिर्गी ।
पागलपन।
बेहोशी।
फेफड़े संबंधी रोग।
मासिक धर्म गड़बड़ होना ।
स्मरण शक्ति कमजोर होना ।
मानसिक तनाव ,मन में घबराहट।
शंका ,अनिश्चित भय।
सर्दी-जुकाम रहता है।
आत्महत्या के विचार आना ।

चंद्र ग्रह के उपाय:
प्रतिदिन माता का आशीर्वाद लेना।
शिव की भक्ति। सोमवार का व्रत।
दान :सोमवार को सफेद वस्तु जैसे दही, चीनी, चावल, सफेद वस्त्र,1 जोड़ा जनेऊ, दक्षिणा के साथ दान करना। 

शंख, वंशपात्र, सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, ,बैल, दही ।
मोती धारण करे ।
'ॐ सोम सोमाय नमः' का 108 बार जाप करना ।

बुजुर्गो का आशीर्वाद लें ,माता की सेवा करे,  घर के बुजुगों ,साधु और ब्राह्मणों का  आशीर्वाद लेना । 
रात में सिराहने के नीचे पानी रखकर सुबह उसे पौधों में डालना ।  
उत्तरी पश्चिमी कोना चंद्रमा का होता है, यहां पौधे लगाए जाएं ।
जल से होने वाले पेट संबंधित रोग का होना .  
मातृप्रेम में कमी का होना।  
खिरनी की जड़ को सफेद कपड़े में बांधकर पूर्णमाशी को सायंकाल गले में धारण करना ।
देर रात्रि तक नहीं जागना चाहिए।  
चन्द्रमा की रोशनी  मैं सोना चाहिए।
घर में दूषित जल का संग्रह नहीं होना चाहिए।
वर्षा का पानी काँच की बोतल में भरकर रखे।
पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करना चाहिए।
सफेद सुगंधित पुष्प वाले पौधे घर में लगावे। 

खिरनी की जड़ को सफेद डोरे में बांधकर पहनने से लाभ होता है।  
हवन में पलाश की लकड़ी का समिधा की तरह उपयोग करना चाहिए।
’ऊं श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:’’ का पाठ करे ।

माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट नही देना चाहिए।
ऊँ सों सोमाय नमः मंत्र का जप करें। 
ऊँ नमः शिवाय का जप करें।  
चांदी का कड़ा या छल्ला पहनना चाहिए।   
चंदन का तिलक लगाना चाहिए। 
शिवलिंग पर दूध चढ़ाना चाहिए ।
पलंग के नीचे चांदी के बर्तन में जल रखें या चांदी के आभूषण धारण करना चाहिए । गन्ना, सफेद गुड़, शक्कर, दूध या दूध से बने पदार्थ या सफेद रंग की मिठाई का सेवन करना चाहिए । 
चमेली तथा रातरानी का परफ्यूम या इत्र का उपयोग करता चाहिए ।
शुभ चन्द्र होने  के संकेत: 
धनवान और दयालु । 
सुख और शांति । 
भूमि और भवन। 
 नोट : उपरोक्त में से कुछ उपाय कुंडली की पूरी जांच किए बगैर नहीं करना चाहिए। किसी  विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही ये उपाय करें।
ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए----लिंक को क्लिक  करें
        Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra

ज्योतिष :ग्रहों की शान्ति के उपाय : सूर्य के अशुभ होने संकेत:सूर्य के उपाय: Remedies of Sun :सूर्य

सूर्य के अशुभ होने  संकेत:
घर की पूर्व दिशा ठीक न होना  ।
पिता का सम्मान नही होता  है ।
सुबह देर से उठना।

न्याय का उल्लंघन होना ।
सूर्य ग्रह की  बीमारी :
बोलते समय थूक उछलता है।
शरीर के कुछ अंग आंशिक या पूर्ण रूप से खराब होने लगते हैं। 
सूर्य अशुभ और खराब होने पर :
व्यक्ति अपना विवेक खो देता है।
दिमाग और शरीर का दायां भाग सूर्य से प्रभावमे  होता है।
सूर्य के अशुभ होने पर शरीर में अकड़न आती है।
मुंह में थूक बनाता है।
दिल का रोग हो जाते है ,धड़कन का कम-ज्यादा होना।
मुंह और दांतों में तकलीफ होती है।
बेहोशी के रोग होते  है
सिरदर्द होता  है।
गुरु, देवता और पिता के साथ मे कमीं कर  देता  हैं।
राज्य की ओर से दंड मिल सकता है
नौकरी जा सकती है।
सोना खो सकता है। चोरी हो सकती है।
लाल गाय  खो जाती है या मर जाती है।
पिता को कष्ट।

सूर्य शुभ है तो : कांतिमय चेहरे होता  है।  
आंखों ठीक होतीं है।  
राजनीतिज्ञ होता है।  
सरकारी नौकरी मे  बड़ा अधिकारी होता  है ।  
न्यायप्रिय होता है। 
सूर्य नवम और दशम भाव में उत्तम होते हैं।सूर्य के उपाय  :
घर की पूर्व दिशा वास्तुशास्त्र अनुसार ठीक करें।
भगवान विष्णु की आराधना करे ।
बंदर, गाय  को भोजन कराएं।
सूर्य को अर्घ्य देना।

ताम्र पत्र में शुद्ध जल ,लाल पुष्प ,लाल चन्दन या कुषा डालकर सूर्य को "ॐ घ्रिणी सूर्याय नमः" से अर्घ्य दें . 
लाल चन्दन या केशर का तिलक लगायें.
रविवार का व्रत रखना चाहिए ।
मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलना चाहिए ।
पिता का सम्मान करना चाहिए । 

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ।
गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए ।
तांबा, गेहूं एवं गुड़ का दान करना चाहिए ।
कार्य पर जाने के समय  मीठा खाकर कर जावे ।

ॐ घृणी सूर्याय नमः  जाप करें।
गाय का दान करना चाहिए.।
गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए .
गाय की सेवा करनी चाहिए ।
सुबह उठकर सूर्य देवता को अध्र्य देना चाहिए .
गुड़, सोना, तांबा और गेहूं
सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान .
रविवार के दिन व्रत करना चाहिए. 

किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने 
पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए।
प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करना  चाहिए
सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।
रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।

किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
 हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
 लाल चन्दन को घिसकर स्नान के जल में डालना चाहिए।
सूर्य रत्न माणिक रविवार के दिन शुक्ल पक्ष में ,दायें हाथ की अनामिका में धारण करें.
जड़ी बूट बेलपत्र की जड़,रविवार कोलाल धागे में दायें बाजू में बाँधें.
 दान : गेहूं, लाल वस्त्र,लाल फल (अनार),लाल मिठाई (गुड़),सोना,गाय,तांबा, किसी ब्राह्मण को रविवार के दिन दान करें.
मंत्र ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः". सूर्य गायत्र ,ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात".
स्तोत्र,सूर्याष्टकम या आदित्यहृदय स्तोत्रं. 

पुराण,हरिवंश पुराण का पाठ. व्रत, 
कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व थोडा मीठा मुहँ में डाल कर पानी पी लें. 

सूर्य की आराधना  रविवार को कैसे करें:
रविवार के दिन सुबह तांबे के लोटे से सूर्य देव को गायत्री मंत्र बोलते हुए जल चढ़ाना ।  लोटे से नीचे गिरते पानी से सूर्य के दर्शन करना ।  आदित्य ह्रदयस्त्रोत का पाठ करना । गायत्री मंत्र की एक माला जाप करना । -
ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए----लिंक को क्लिक  करें
               Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra

Sunday, December 14, 2014

ज्योतिष :ग्रहों की शान्ति के उपाय : बुध के अशुभ होने संकेत:बुध के उपाय: Remedies of Mercury

 बुध के अशुभ होने  संकेत:
व्यक्ति की विवेक शक्ति मे कमी  जाती है ,वह अच्छे-बुरे का निर्णय करने में असमर्थ होता है ।
सूँघने की शक्ति
कमी  जाती है
त्वचा के संक्रमण रोग होते हैं ।  धन का अपव्यय होता है । शिक्षा में
कमी आती है ।
बुद्धि और बोली को प्रभावित करता है।
बुध का अशुभ फल ,खराब प्रभाव : अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआ को कष्ट देने, साली एवं मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता है। इसी के साथ हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ फल देता है।
शरीर में फोड़े-फुंसियों का होना, समय पर मित्रों का साथ छूटना, कार्यों में लगातार विघ्न आना, पित्त से संबंधित रोग जैसी समस्याएं हों तो ऐसे जातक का बुध कमजोर होना है। 
बुध ग्रह से पीड़ित होने पर मस्तिष्क विकार, वाणी दोष, स्मृति ह्रास ।  अपामार्ग की जड़ धारण करना । "ॐ बुं बुधाय: नम:" मंत्र का नियमित  जप करना ।
घर में जमे कचरे को हटाएं गंध का पता न लगे। 
सामने के दांत गिरने लगे यह  बुध का खराब प्रभाव हो रहा है। फिटकरी से दांत साफ करे ।

बुध के उपाय:  बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में बुध से संबंधित उपाय
बुधवार का उपवास करें|  
उबले हुए मूंग गरीब व्यक्ति को खिलाएं| 
गणेशजी की अभ्यर्थना दूर्वा से करें| 
हरे वस्त्र, मूंग की दाल का दान बुधवार। 
अपने वजन के बराबर हरी घांस गायों को खिलाएं| 
बहिन व बेटियों का  सम्मान करें|
बुध के उपाय :
बिजनेस बढ़ाने : 
बुध खराब होने से व्यापारियों का दिया या लिया धन मिलता नही  है।
गायों को  पालक खिलाने से रूका हुआ धन फिर से  प्राप्त होनी  लगता है।
छत पर जमा कचरा ऋण को बढ़ाता है।
इसे हटाने से ऋण कम होता है। 

व्यापार ठीक चलता है।
 ऊँ बुं बुधाय नम: मंत्र का जप करें. 
बुधवार के दिन गणेश जी को बूंदी के लड्डू चढ़ायें. 
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें. कांसे का कड़ा पहनें. 
ऊँ गं गणपतये नम: का जप करें.
हर बुधवार गाय को हरी घास खिलाएं।
किन्नरों को हरे वस्त्र और हरी चूड़ीयां  का  दान । 
मन्दिर में कांसे का बर्र्तन का  दान। 
गणेश मन्दिर में कांसे का दीपक लगाए और का  दान। 
10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को भोजन कराए। 
मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
कच्ची मिट्टी की सौ गोलियां बनाकर एक गोली प्रतिदिन धर्म स्थल में पहुंचानी चाहिएं।
खांड से भरा मिट्टी का बर्तन भूमि में दबाना चाहिए। 


कान में स्वर्ण धारण करें।  
काला,सफेद कुत्ता पाले । 
शुध्द चांदी का छल्ला भी धारण करे  ।
गायत्री पाठ करें । 
हरे तोते पाले । 
अनिष्ट फल से छुटकारा  : 
चींटी, चिड़ियों, गिलहरियां, कबूतर, तोता, कौआ और अन्य पक्षियों के झुंड और गाय, कुत्तों को नियमित दाना-पानी देने से आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। 
अत: पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने से ग्रहों के । 
मूंग की दाल से बुध ग्रह से होने वाली परेशानियों से निजात पाई जा सकती है।
 बुधवार बुध ग्रह कि शांति हेतु हरे पन्ना, मूँग, घी, हरा कपड़ा, चाँदी, फूल, काँसे का बर्तन, कपूर का दान करने से शुभ फल कि प्राप्ति होती हैं
बुध की प्रभाव दुर्बलता
पथरी, बवासीर, ज्वर, गुर्दा, स्नायुरोग, दंत, विकार बुध की दुर्बलता से होता है। 
ऐसे में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें व पंता रत्न धारण करें।
बुध से प्रभावित जातक को नशे, सट्टे व जुए की लत लगती है।  
बेटी व बहन पर सदैव दुख मंडराता रहता है।
बुध  महादशा या अंतर्दशा : बुध अशुभ हो,
तो प्रतिदिन बुध के मंत्र ॐ बुं बुधाय नम: का जप,
मां दुर्गा का पूजन, 
दुर्गा सप्तशती या दुर्गा सप्तश्लोक के मंत्रों का पाठ,
प्रतिदिन गाय को हरी घास तथा पालक खिलाने, 
गौ सेवा करने तथा बुध की वस्तुओं का दान करने से लाभ होगा।
साथ ही कनिष्ठा उंगली में पन्ना या ओनेक्स धारण करने से लाभ होगा।
बुध की महादशा से पीड़ित हैं तो उपचार: 
गाय को प्रतिदिन हरी घास अथवा पालक खिलाएं.  
सीप की पूजा करें.  
मूंग की दाल, हरे रंग की चूड़ी बुधवार के दिन दान करें.  
दुर्गा मां की पूजा करनी चाहिए। 
दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए.  मध्यमा उंगली में पन्ना सोने अथवा चांदी में धारण करना चाहिए.
विधारा की जड़ शुभ के चौघडिए में धारण करनी चाहिए।
बुध की शांति के लिए  हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान . 
हरे रंग की चूड़ी और वस्त्र का दान किन्नरो को देना,
ज्योतिषशास्त्र में बुधवार के दिन दोपहर का समय उपयुक्त माना गया है.
बुध की दशा में सुधार हेतु बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए. 
गाय को हरी घास और हरी पत्तियां खिलानी चाहिए. 
ब्राह्मणों को दूध में पकाकर खीर भोजन करना चाहिए. 
विष्णु सहस्रनाम का जाप भी कल्याणकारी कहा गया है. 
नियमित तुलसी में जल देने . अनाथों एवं गरीब छात्रों की सहायता।  
मौसी, बहन, चाची बेटी के प्रति अच्छा व्यवहार। .
अपने घर में तुलसी का पौधा  लगाना। 

तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए।
बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियाँ हिजड़े को दान करनी चाहिए।
हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए।
बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूँग के लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें।
घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए।
अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियाँ एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए।

फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।

मंत्र जाप : " ॐ ब्राम ब्रीम ब्रौम सः बुधाय नमः 
"टोटका : छेद वाला सिक्का पानी में बहायें एवं स्टील का छल्ला छोटी उंगली में पहने ।
बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
ग्रहों के अधीन पौधे :बुध के अधिकार में नर्म फसल, भिंडी, मूंग दाल और बैंगन आते हैं।
नाक छिदवायें. बकरी दान करें. छेद  वाला तांबे का सिक्का पानी में डालें. बकरी या तोता पालें. बहिन,बेटी,मौसी,बुआ या साली की सहायता करें.
बुध  हमारी बुद्धि का प्रतीक होने से हमे बुद्धिमत्ता प्रदान करता हैं  चतुर्थ व दशम भाव का कारक ,अनुकूलता के लिए इलायची,हरी मूंग की दाल,बथुआ,लौकी,हरा पेठा,मेथी,मटर,मोठ,अमरूद,हरी सब्जिया खाना चाहिए |
नोट : उपरोक्त में से कुछ उपाय कुंडली की पूरी जांच किए बगैर नहीं करना चाहिए। किसी  विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही ये उपाय करें।

ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए----लिंक को क्लिक  करें
        Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra

आप भी मुझे फोन कर सकते हैं  :   0731 2591308/ 09893234239 / 08861209966 /jio 08319942286 (08:00 AM- 10:00 PM के बीच) .
You can make payment using the method of your choice i.e. Pay with Paytm Wallet,mobile number 9893234239,
    or
Debit/Credit Card or Internet Banking.

Friday, December 12, 2014

ज्योतिष :मंगल का अशुभ प्रभाव कैसे हो दूर? :Astrology:Remedies :mangal bad effects?


मंगल के अमंगल प्रभाव कैसे हो दूर?

मंगल ग्रह :सेनापति,रक्त,जीवन और शरीर को प्रभावित
मंगल अशुभ प्रभाव  : रक्त संबंधी किसी बीमारी ।  
विवाह में देरी करता है।
व्यक्ति कुरुप, झूठा, झगड़ालु, व्यभिचारी, कपटी, गरीब जैसी अनेक बुराइयों। 
मंगल  ज्योतिषीय उपाय : 
  • हनुमानजी की पूजा अर्चना करना चाहिए ।
  • गुरु एवं शुक्र ,का उपाय और सूर्य एवं चंद्रमा की वस्तुओं का दान करना चाहिए
  • दूध तथा दूध से बनें खाद्य पदार्थ दान करना चाहिए
  • शनिदेव की विशेष आराधना  करें।
  • हनुमानजी को सिंदूर-तेल चढ़ाना चाहिए  ।
  • कन्याओं को दूध और  चांदी का दान चाहिए 
  • अमावस्या को धर्म स्थान में खीर व मीठा भोजन दान चाहिए  ।  झूठ ना बोलें औरचीज मुफ्त में ना ले
  • भाई और मित्रों की सहायता करें तथा भाई और साले  से कृपा प्राप्त  करें और ध्यान रखें।
  • रेवडिय़ां और बताशे नदी में प्रवाहित करना चाहिए  ।
  • बिजली का व्यवसाय  न करें।
  • मीठा अवश्य खाएं।
  • चांदी की अंगूठी , सबसे छोटी उंगली में पहने ।
  • सफेद रंग का उपयोग करें।  सफेद रंग का रुमाल साथ रखें।
  • सोना, चांदी, तांबा तीनों मिलाकर अंगूठी पहनना चाहिए     ।
  • विधवा स्त्रियों को  दान करें।
  • माता की सेवा  करना चाहिए। साधु-संतों तथा बंदरों को खाना खिलाना चाहिए
  • रात को सोते समय सिर के पास पानी का बर्तन भरकर रखें और सुबह पेड़-पौधों में वह पानी डालना  चाहिए
    धार्मिक कार्य करे ।
ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए----लिंक को क्लिक  करें
                       Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra


Thursday, December 11, 2014

ज्योतिष : कुंडली से जाने :संतान बाधा दूर करने के सरल उपाय:Astrology: Progeny barrier Upay :


संतान बाधा दूर करने के सरल  उपाय:
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं गुरुवे नमः का जाप करें |
तर्जनी में गुरु रत्न पुखराज स्वर्ण में धारण  करें।
संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करे :
ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम गतः |

जाप ,हवन. तर्पण ,ब्राह्मणों को भोजन |
गायें की सेवा करे  |
गरीब बालक, बालिकाओं को, पढ़ाएं, लिखाएं, वस्त्र, कापी, पुस्तक, दान करे 
आम, बील, आंवले, नीम, पीपल के पौधे लगाना चाहिए ।गोपाल सहस्रनाम- हरिवंश पुराण   का पाठ करना चाहिए
क्रूर ग्रह का उपाय करें।
दूध   अंजीर, सफेद प्याज का मुरब्बा  सेवन करें।
भगवान शिव का पूजन करें।
बड़े का अनादर ना करे।
धार्मिक आचरण रखना चाहिए
गरीबों को  खाना खिलाएं, दान , करें।
अनाथालय में  दान दें।
कुता  को प्यार करे।
संतान दोष अथवा पितृ दोष का  उपाय करना चाहिए 
घर का वास्तुदोष का  उपाय करे। 

हरिवंश पुराण का पाठ या संतान गोपाल मंत्र का जाप कराये .बाधक   ग्रहो के उपाय करे। सोने  का उपयोग न करे।
ताबै का उपयोग  करे।ताबै के बर्तन का पानी पीये।
मास मदिरा का सेवन ना करे। 
अनुलोम विलोन ,कपालभाति करना चाहिए   । 
खासी सरदी का  उपाय  करे। 
जब पंचम भाव में का स्वामी सप्तम में तथा सप्तमेश सभी क्रूर ग्रह से युक्त हो तो वह स्त्री मां नहीं बन पाती।
 क्रूर ग्रह , बाधाकारक ग्रहों  का जाप ,दान ,हवन ,करने से संतान  की प्राप्ति हो सकती  है
सूर्य :
पितृ पीड़ा
पितृ शान्ति के लिए  पिंड दान |
हरिवंश पुराण का श्रवण करें |
रविवार को  गेंहु,गुड ,केसर ,लाल चन्दन ,लाल वस्त्र ,ताम्बा,दान करे  |
गायत्री जाप करे।
ताम्बे के पात्र में ,जल में , लाल चन्दन ,लाल पुष्प ड़ाल कर नित्य सूर्य को अर्घ्य  कराना
चाहियें  |
चन्द्र : माता का शाप  है। 

गायत्री का जाप करें |
मोती चांदी की अंगूठी में  अनामिका या कनिष्टिका अंगुली में धारण करें |
सोमवार के नमक रहित व्रत |
सोमवार को चावल ,चीनी ,आटा, श्वेत वस्त्र ,दूध दही ,नमक ,चांदी  का दान करें |
मंगल : भ्राता का शाप  . 

रामायण का पाठ करें | 
मूंगा  सोने या ताम्बे  की अंगूठी में अनामिका अंगुली में धारण करें |
मंगलवार के नमक रहित व्रत रखें
मंगलवार को गुड  ,लाल रंग का वस्त्र और फल ,ताम्बे का पात्र ,सिन्दूर , मसूर की दाल  का दान करें |
बुध : मामा का शाप  

विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें |
पन्ना सोने या चांदी की अंगूठी में बुधवार को कनिष्टिका अंगुली में  |
बुधवार  के नमक रहित व्रत।
बुधवार को कर्पूर,घी, खांड, ,हरे  रंग का वस्त्र ,कांसे का पात्र ,साबुत मूंग  का दान करें |
बृहस्पति : गुरु ,ब्राह्मण का शाप. 
पुखराज सोने  गुरुवार को  तर्जनी अंगुली में  |
गुरूवार के नमक रहित व्रत। .
गुरूवार को घी, हल्दी, चने की दाल , पीत रंग का वस्त्र का दान करें | 

गुरु का सत्कार करें |
शुक्र :  स्त्री को कष्ट देना है।
गौ दान  
करें | 
ब्राह्मण दंपत्ति दान  करें |
हीरा
या (जरकन )प्लैटिनम या चांदी की अंगूठी शुक्रवार को मध्यमा अंगुली में धारण करें |
शुक्रवार  के नमक रहित व्रत। 
शुक्रवार को  आटा ,चावल दूध ,दही, मिश्री ,श्वेत चन्दन ,इत्र, श्वेत रंग का वस्त्र ,चांदी का दान करना 
चाहियें |
शनि : प्रेत बाधा है
रुद्राभिषेक करें | 

नीलम या   लाजवर्त मध्यमा अंगुली में धारण करें |
कील  का छल्ला पहने |
शनिवार के नमक रहित व्रत रखें |
शनिवार को काले उडद ,तिल ,तेल ,लोहा,काले जूते ,काला कम्बल , काले  रंग का वस्त्र का दान करें |
श्री हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करना करे। 

 ज्योतिष : कुंडली से जाने :संतान प्राप्ति का समय :निःसंतान योग :संतान बाधा दूर करने के सरल उपाय: Astrology:Time of receipt children by Horoscope: obstacle to overcome by simple upay:
 -लिंक को क्लिक  करें
ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए----लिंक को क्लिक  करें
                       Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra

Wednesday, December 10, 2014

ज्योतिष: कुंडली से जाने: रोग विचार( सूत्र -फॉर्मूला ) :किस ग्रह से कौन-सी बीमारी?उपाय:Astrology: Disease : Which disease which planet?

 ज्योतिषीय विश्लेषण के लिए हमारे शास्त्रों मे कई  सूत्र दिए हैं।
 कुछ प्रमुख सूत्र इस प्रकार से  हैं। ज्योतिष में रोग विचार  में  विचारणीय  सूत्र( फॉर्मूला )।
ज्योतिष में रोग विचार :
 षष्ठ स्थान 
 ग्रहों,
 राशियों, 
कारकग्रह ,  .
छः भावों का विश्लेषण:प्रथम भाव या लग्न, षष्ठ, अष्टम एवं द्वादश भावों ,मारक भाव द्वितीय एवं सप्तम का रोग ,स्वास्थ्य से  संबंध है
 प्रथम भाव :  के द्वारा शारीरिक कष्ट,  स्वास्थ्य का विचार।
षष्ठ भाव: स्वास्थ्य , रोग के लिए । षष्ठ भाव का कारक मंगल,  बुध । अष्टम भाव: आयु एवं मृत्यु ।  मृत्यु के कारक रोग । अष्टम स्थान का कारक शनि  मंगल ।
द्वादश भाव:  रोग शारीरिक शक्ति की हानि।  रोगों का उपचार स्थल ।
तृतीय भाव से आयु का विचार होता है।  
सप्तम एवं द्वितीय ‘मारक भाव’ :आयु के व्ययसूचक हैं। 
कौन से   अंग पीड़ित होगे उसके  अनुसार : षष्ठ, अष्टम एवं द्वादश भाव के स्वामी जिस भाव में होते है उससे संबद्ध अंग में पीड़ा हो सकती है। 
जिस भाव का स्वामी छठे, आठवें या 12वें में स्थित हो उनसे संबद्ध अंगों में भी  पीड़ा होती है। 
 रोगों के कारण :
लग्न एवं लग्नेश का अशुभ स्थिति ।
चंद्रमा का क्षीर्ण अथवा निर्बल होना ,चन्द्रलग्न में पाप ग्रहों का  होना।
लग्न, चन्द्रमा एवं सूर्य तीनों पर ही पाप अथवा अशुभ ग्रहों का प्रभाव ।
शनि, मंगल आदि पाप ग्रहों का गुरु, शुक्र आदि शुभ ग्रहों की अपेक्षा अधिक बलवान होना।
ग्रहों और  बीमारी :-1. बृहस्पति : लीवर, किडनी, तिल्ली , कर्ण सम्बन्धी रोग, मधुमेह, पीलिया, याददाश्त में कमी, जीभ एवं पिण्डलियों से सम्बन्धित रोग, मज्जा दोष, यकृत पीलिया, स्थूलता, दंत रोग, मस्तिष्क विकार ,पेट की गैस और फेफड़े की ।
2. सूर्य : सूर्यः पित्त, वर्ण, जलन, उदर,  न्यूरोलॉजी , नेत्र रोग, ह्रदय रोग, अस्थियों रोग, कुष्ठ रोग, सिर के रोग, ज्वर, मूर्च्छा, रक्तस्त्राव, मिर्गी ,धड़कन का अनियंत्रित होना, रक्त चाप।
3. चंद्र :ह्रदय एवं फेफड़े , बायें नेत्र , अनिद्रा, अस्थमा, डायरिया, रक्ताल्पता, रक्तविकार,  उल्टी ,किडनी , मधुमेह, ड्रॉप्सी, अपेन्डिक्स, कफ रोग,मूत्रविकार, मुख , नासिका , पीलिया, मानसिक , दिल और आँख की ।
4. शुक्र :दृष्टि , जननेन्द्रिय , मूत्र,  गुप्त रोग, मिर्गी, अपच, गले के रोग, नपुंसकता, अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियों ,  पीलिया रोग ,त्वचा, दाद, खुजली ।
5. मंगल : गर्मी , विषजनित रोग, व्रण, कुष्ठ, खुजली, रक्त सम्बन्धी , गर्दन एवं कण्ठ से रोग, रक्तचाप, मूत्र सम्बन्धी रोग, ट्यूमर, कैंसर, पाइल्स, अल्सर, दस्त, दुर्घटना में रक्तस्त्राव, कटना, फोड़े-फुन्सी, ज्वर, अग्निदाह, चोट ,,रक्त और पेट संबंधी बीमारी, नासूर, जिगर, पित्त आमाशय,  फोड़े ।
6. बुध : छाती  रोग, नसों , नाक  , ज्वर, विषमय, खुजली, अस्थिभंग, टायफाइड, पागलपन, लकवा, मिर्गी, अल्सर, अजीर्ण, मुख के रोग, चर्मरोग, हिस्टीरिया, चक्कर आना, निमोनिया, विषम ज्वर, पीलिया, वाणी दोष, कण्ठ रोग, स्नायु रोग, ,चेचक, नाड़ियों की कमजोरी, जीभ और दाँत का रोग।
7. शनि : शारीरिक कमजोरी, दर्द, पेट दर्द, घुटनों या पैरों में होने वाला दर्द, दांतों ,त्वचा सम्बन्धित रोग, अस्थिभ्रंश, मांसपेशियों से सम्बन्धित रोग, लकवा, बहरापन, खांसी, दमा, अपच, स्नायुविकार ,नेत्र रोग और खाँसी ।
8. राहु :मस्तिष्क सम्बन्धी विकार, यकृत सम्बन्धी विकार, निर्बलता, चेचक, पेट में कीड़े, ऊंचाई से गिरना, पागलपन, तेज दर्द, विषजनित परेशानियां,  पशुओं या जानवरों से शारीरिक कष्ट, कुष्ठ रोग, कैंसर । बुखार, दिमागी की खराबियाँ, अचानक चोट, दुर्घटना ।
9. केतु : वातजनित बीमारियां, रक्तदोष, चर्म रोग,  सुस्ती, अकर्मण्यता, शरीर में चोट, घाव, एलर्जी, आकस्मिक रोग ,परेशानी, कुत्ते का काटना ,रीढ़, जोड़ों का दर्द, शुगर, कान, स्वप्न दोष, हार्निया, गुप्तांग संबंधी । 

कब रोग ठीक होगा : रोगकारक ग्रह की दशा अन्तर्दशा की समाप्ति के बाद  रोग ठीक होगा ।  लग्नेश , योगकारक ग्रह की दशा अन्तर्दशा प्रत्यन्तर्दशा प्रारम्भ हो जाए, तो रोग से छुटकारा प्राप्त हो सकता  हैं। शनि :रोग से जातक को लम्बे समय तक पीड़ित रहता है।  राहु :किसी रोग का कारक  होता है, तो बहुत समय तक उस रोग की पता नही हो पाता है। ऐसे में रोग अधिक अवधि तक चलता है।
रोग का निवारण के लिए मन्त्र का जाप करे  :
 त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनानमृत्योमुरक्षीय मामृतात्।।
प्रतिदिन इस मन्त्र को भोजन करते समय, ओषधि लेते
समय तीन बार इस मन्त्र का जप
करने से शरीर स्वस्थ रहता हे  और रोगों को नष्ट करता हे।
मंत्रों और हनुमान चालीसा के पाठ।
गायत्री मंत्र का पाठ। 
उपाय: ग्रहों के द्वारा उत्पन्न रोग के समय अपने सम्बंधित चिकित्सक की सलाह पर दवा का सेवन करना चाहिए। अपने ज्योतिषी की सलाह पर सम्बंधित भावः जिस से बीमारी उत्पन्न है के स्वामी की तथा कारक ग्रह से सम्बंधित उपाय करना चाहिए।
   ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए----लिंक को क्लिक  करें : 
Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra