Sunday, January 18, 2015

ज्योतिष: ग्रह और रोग :Astrology: Planets and disease:

ग्रह  और रोग
प्रत्येक ग्रह हमारे शरीर पर प्रभाव डालते है। जिससे की हमे बीमारियों का सामना करना पड़ता है।नीचे  हम बता रहे है कि कौनसा  ग्रह  कौनसा रोग.
दे सकता  है। 
सूर्य और रोग:
विवेक  : विवेक खोना ।
दिमाग : दिमाग और शरीर का दायां भाग सूर्य से प्रभावित होकर रोग देता है।
अकड़न :सूर्य के कारण खराब होने पर शरीर में अकड़न आ सकती है।
थूक का आना :मुंह में थूक आते रहता है।
दिल का रोग :दिल के रोग का होना।   

धड़कन :धड़कन का कम-ज्यादा होते रहना ।
दांतों  : दांतों में तकलीफ का होना।
बेहोशी और सिरदर्द  :का रोग होना ।
चंद्र ग्रह और रोग :
दिल और बायां भाग  : दिल और बायां भाग मे चंद्र ग्रह का प्रभाव होने से रोग देता है।
रोग : सर्दी-जुकाम ,मिर्गी ,पागलपन, बेहोशी ,मासिक धर्म ,फेफड़े संबंधी रोगो का होना।

मासिक धर्म :मासिक धर्म ठीक से न होना।
स्मरण शक्ति कमजोर होना, मानसिक तनाव और मन में घबराहट होना, शंका और अनिश्चित भय का होना ।
आत्महत्या : मन में आत्महत्या करने के विचार  आते रहते हैं।
मंगल और रोग :


रोग :नेत्र रोग,उच्च रक्तचाप ,वात रोग, गठिया रोग ,फोड़े-फुंसी ,जख्मी या चोट। ।
बुखार : बार-बार बुखार का आना ।
रोग :शरीर में कंपन ,गुर्दे में पथरी,शारीरिक ताकत मे कमी ,।
शरीर के जोड़  :शरीर के जोड़ मे समस्या का होना ।
रक्त : मंगल से रक्त संबंधी बीमारी हो सकती है  । 

बच्चे पैदा होने मे समस्या हो सकती ।
बुध ग्रह और रोग :
तुतलाहट : तुतलाहट का होना।
सूंघने  : सूंघने की शक्ति क्षीण होना ।
दांतों :  दांतों का खराब होना।
मित्र : मित्र से संबंध ख़राब होना ।
बहन, बुआ और मौसी  : बहन, बुआ और मौसी पर मुसीबत आना।
नौकरी या व्यापार : नौकरी या व्यापार में हानि होना।
बदनामी  :बदनामी होती है।
गुरु ग्रह और रोग : 
रोग :  पेचिश, रीढ़ की हड्डी में दर्द, कब्ज, रक्त विकार, कानदर्द, पेट फूलना, जिगर में खराबी ,अस्थमा, दमा, श्वास आदि के रोग, गर्दन, नाक या सिर में दर्द , वायु विकार, फेफड़ों में दर्द ।
शुक्र ग्रह और रोग : 
रोग :  गाल, ठुड्डी और नसों पर प्रभाव ,अंतड़ियों के रोग ,गुर्दे का दर्द , पांव में तकलीफ ।
वीर्य : वीर्य की कमी होना,  यौन रोग का होना , कामेच्छा का समाप्त होना ।
अंगूठे : अंगूठे में दर्द का रहना ।
त्वचा :  त्वचा संबंधी रोग का होना ।
शनि ग्रह और रोग :  :
रोग :  दृष्टि, बाल, भवें और कनपटी पर रहता है।
 आंखें कमजोर होना। भवों के बाल झड़ना ।
कनपटी की नसों में दर्द का होना ।
सिर के बाल का झड़ना ।
फेफड़े की  तकलीफ होती है।
हड्डियां का कमजोर होना। जोड़ों का दर्द होना ।
रक्त की कमी होना ।
पेट का फूलना।
सिर की नसों में तनाव।
चिंता और घबराहट का होना ।
राहु के रोग  :

रोग :गैस प्रॉब्लम, बाल झड़ना , उदर रोग,बवासीर, पागलपन।
मानसिक तनाव  : मानसिक तनाव का रहना ।
नाखून :नाखून का  टूटते रहना ।
मस्तिष्क : मस्तिष्क में पीड़ा और दर्द का बने रहना  ।
पागलखाने, दवाखाने या जेलखाने जा  सकता है।
राहु अचानक से कोई बड़ी बीमारी पैदा हो सकती  है। 

केतु का रोग  :
पेशाब :पेशाब का रोग ,कान, रीढ़ ,घुटने, लिंग, जोड़ की समस्या ।
संतान : संतान उत्पति में कठिनाई ।
बाल  : सिर के बाल झड़ते हैं।
नसों :शरीर की नसों में कमजोरी का होना ।
चर्म रोग :  चर्म रोग होता है।
कान :सुनने की क्षमता कमजोर होना ।
ज्योतिष,वास्तु ,एक्यूप्रेशर पॉइंट्स ,हेल्थ , इन सबकी डेली टिप्स के लिए-:लिंक को क्लिक  करें 
           Shree Siddhi Vinayak Jyotish avm Vaastu Paramarsh kendra.

1 comment:

hindiastro said...

thank you for nice and helpful

information.people can get some more

important and helpful information through the

http://hindiastrologytips.com