Monday, February 17, 2020

ज्योतिष सूत्र सूर्य और शनि युति सूर्य पिता है और शनि पुत्र है सूर्य प्रकाश है तो प्रकाश है और शनि पुत्र है सूर्य प्रकाश है तो प्रकाश पुत्र है सूर्य प्रकाश है तो शनि अंधकार है पिता-पुत्र होने कारण दोनों में भी परस्पर शत्रुता  रहती हैं।  सूर्य-शनि युति यह समसप्तक प्रतियुति जीवन को  संघर्षमय बनाते हैं। आपकी कुंडली में सूर्य कारक है या शनि कारक कारक है उसके अनुसार प्रभाव में अंतर आ सकता है परंतु जीवन संघर्ष में जरूर रहता है और जिस बाहों में से संबंध रहते हैं उस भाव भाव रहते हैं उस भाव भाव पर अपना प्रभाव जरूर देते हैं अगर यह प्रभाव कुंडली के चौथे और दसवें भाव भाव से बन रहा है तो उस भाव से संबंधित परेशानियां अवश्य आपको प्राप्त होगी यह योग जीवन में विलंब लाता है।  मेहनत करवाता,  देर से सफलता  प्राप्त होती है। पिता-पुत्र में  अनबन और मतभेद  बना रहता है  दशा-अंतर्दशा  यह फल देखने को मिलता है है है देखने को मिलता है है है।
ऐसी स्थिति में होने पर मतभेद को  टाले साथ साथ में परिश्रम करें और सूर्य और शनि की आराधना करना चाहिए जिससे यह प्रभाव कमजोर हो सके।contact 9893234239 ,8319942286,

1 comment:

Blogger said...

According to Stanford Medical, It's indeed the one and ONLY reason women in this country live 10 years more and weigh 42 lbs lighter than we do.

(Just so you know, it has NOTHING to do with genetics or some hard exercise and absolutely EVERYTHING around "HOW" they are eating.)

BTW, What I said is "HOW", not "WHAT"...

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