Wednesday, October 22, 2014

ज्योतिष :कुंडली से जाने :कैरियर कम्प्यूटर : आई. टी. :नौकरी,कामयाबी प्राप्ति का समय: सूत्र :Astrology:Career in Computer

 ज्योतिषीय विश्लेषण के लिए हमारे शास्त्रों मे कई  सूत्र दिए हैं।
कुछ प्रमुख सूत्र इस प्रकार से  हैं।  कुंडली से हम  जान सकते है की हमारा कम्प्यूटर  मे कैरियर होगा या नहीं ?नीचे  बताई गये पॉइंट्स को कुंडली मे देख  कर विश्लेशण करना होता है। 
कैरियर के निर्धारण : पंचमेश की बहुत महत्वपूर्ण है।
बुद्धि, प्रसिद्धि, जीवन का स्तर, सफलता।
कम्पयुटर के कारक
भाव : दशम भाव (कर्म का भाव) ,
सप्तम भाव :(दशम से दशम) ,
षष्ठ भाव :(दशम से नवम यानि कर्म का भाग्य भाव) .
ग्रह :दशमेश ग्रह  दशम भाव पर प्रभाव डालने वाले ग्रह ,
बलवान ग्रह (षड्बली) .
कारकों : कम्पयुटर के कारक ग्रह - शुक्र, मंगल, राहूकेतु , शनि .
बुध :बुद्धि व गणना का कारक ग्रह .
गुरु :ज्ञानकारक ग्रह .
कैरियर के लिए 2, 6, 10 भाव का आपस में संबंध
कैरियर निर्धारण : जन्म कुंडली, चंद्र कुंडली, सूर्य कुंडली में जो अधिक बली हो ।
शुक्र ग्रह :कम्प्यूटर का कारक.
मंगल :बिजली .

बुध :को शिल्प, तर्क, गणना .
शनि : तकनीकी काम व यन्त्रों .
युति  :सूर्य मंगल  इंजिनियर .
शिक्षाभाव: दूसरे, चौथे ,पांचवे , नवम भाव:
दशमी भाव :आजीविका और कैरियर  ,
लग्न कुंडली के दशमस्थ ग्रह या दशमेश तथा दशमांश कुंडली (डी-10) के दशमस्थ ग्रह या दशमेश  
षष्ठ भाव :सेवा तथा नौकरी
द्वितीय भाव :धन
पंचम घर / पंचमेश से दशम व दशमेश का संबध
मंगल ,शनि  राहु/ केतु ,इंजिनियरों की कुण्डली में होता है.
दशाएं : ,दशमेश /दशम भाव में बैठे ग्रहों .
शिक्षा के कारक :गुरु, बुध, मंगल,
शुक्र व शनि दोनो यन्त्रों से जुडे ग्रह अगर ,शिक्षा भाव, दूसरे, चौथे ,पांचवे , नवम,  भाव: से संबध बनाये तो जातक आई.टी क्षेत्र में  सफलता प्राप्त करता है.
किसी भी जन्म कुंडली में दशम भाव ही कर्म का भाव कहलाता है।
नवम भाव भाग्य भाव है।
नवमांश व दशमांश
कुंडली से जाने नौकरी प्राप्ति का समय  नियम:
प्रथम, दूसरा भाव, छठे भाव,दशम भाव एवं एकादश भाव का संबंध  या इसके स्वामी से होगा तो  नौकरी के योग बनते  है ।
डी १० चार्ट मे भी दिखना है।
लग्न के स्वामी की दशा और अंतर्दशा में
नवमेश की दशा या अंतर्दशा में
षष्ठेश की दशा या, अंतर्दशा में
प्रथम,दूसरा , षष्ठम, नवम और दशम भावों में स्थित ग्रहों की दशा या अंतर्दशा में
दशमेश की दशा या अंतर्दशा में
द्वितीयेश और एकादशेश की दशा या अंतर्दशा में
नौकरी मिलने के समय जिस ग्रह की दशा और अंतर्दशा चल रही है उसका संबंध किसी तरह दशम भाव या दशमेश से ।
द्वितीयेश और एकादशेश की दशा या अंतर्दशा में भी नौकरी मिल सकती है।
राहु और केतु की दशा, या अंतर्दशा में :   गोचर: गुरु गोचर में दशम या दशमेश से नौकरी मिलने के समय केंद्र या त्रिकोण में ।गोचर : शनि और गुरु एक-दूसरे से केंद्र, या त्रिकोण में हों, तो नौकरी मिल सकती है,
कामयाबी योग :
कुंडली का पहला, दूसरा, चौथा, सातवा, नौवा, दसवा, ग्यारहवा घर तथा इन घरों के स्वामी  अपनी दशा और अंतर्दशा में  जातक को कामयाबी प्रदान करते है।  

बाधक  ग्रहो को  जानकर उनका उपाय करे।
दान ,मंत्रो का जाप,रत्न ,आदि के द्यारा।
नौकरी मिलने के लिए उपाय --
- तांबे के लोटे से सुबह-सुबह सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए ।  
- हनुमान जी के दर्शन करें।
-पक्षियों को जो ,बाजरा   खिलाना चाहिए।    हो सके तो   सात प्रकार के अनाजों को एकसाथ मिलाकर पक्षियों को खिलाएं। गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, चावल, दालें आदि हो सकती हैं। सुबह-सुबह यह उपाय करें, जल्दी ही नौकरी से जुड़ी समस्या पूरी हो जाएंगी।
-गाय को आटा और गुड़ खिला देवे ।
-इसलिए बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते रहना चाहिए।
- हनुमान जी तस्वीर रखें और उनकी पूजा करें। हर मंगलवार को जाकर बजरंग बाण का पाठ करें।
-हनुमान चालीसा का पाठ करें।  -
-सुबह स्नान करते समय पानी में थोड़ी पिसी हल्दी मिलाकर स्नान करते हैं।
- इंटरव्यू देने के लिए निकलने से पहले एक चम्मच दही और चीनी मुंह में  रख लें।
- गणेश जी का कोई ऐसा चित्र या मूर्ति घर में रखें या लगाएं, जिसमें उनकी सूंड़ दाईं ओर मुड़ी हो। गणेश जी की आराधना करें।
- शनिवार को शनि देव की पूजा करके आगे लिखे मंत्र का 108 बार जप करें।
ॐ शं शनैश्चराय नम:सूर्य के उपाय
-आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करे 3 बार सूर्य के सामने
- ॐ घृणी सूर्याय नमः  का कम से कम 108 बार जप कर ले
- गायत्री का जप कर ले
- घर की पूर्व दिशा से रौशनी  आयेगी तो अच्छा रहेगा ।
-घर में तुलसी का पौधा जरूर लगा दे.
-पिता की सेवा।
-शराब और मांसाहार न खिलाये
-शिवजी ,पीपल के उपाय।
 नोट -ज्योतिषि को अपनी कुंडली दिखाइए।


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