Sunday, September 14, 2014

ज्योतिष :कुंडली से जाने:नौकरी के योग :किसे नौकरी मिलगी :नौकरी मे बाधाओं और उपाय :Astrology :Job yog: Who will get Jobs: obstacles and upay :

ज्योतिषीय विश्लेषण के लिए हमारे शास्त्रों मे कई  सूत्र दिए हैं।
कुछ प्रमुख सूत्र इस प्रकार से  हैं।
कुंडली से जाने:नौकरी के योग :   किसे  नौकरी मिलगी :नौकरी मे बाधाओं और  उपाय :
रोजगार: 10 वीं हाउस, 2 हाउस और सूर्य
दशम भाव:कारक ---
पेशे, प्रसिद्धि, बिजली, स्थिति, अधिकार, सम्मान, सफलता, स्थिति, घुटनों, चरित्र, कर्म, जीवन, पिता, वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापार में स्वयं और वरिष्ठ अधिकारियों, सफलता के बीच संबंध, पदोन्नति, सरकार से मान्यता राज्य, व्यापार, नौकरी, प्रशासनिक स्तर, मान-सम्मान, सफलता, सार्वजनिक जीवन, घुटने, संसद, विदेश व्यापार, आयात-निर्यात, विद्रोह
 दूसरा हाउस:कारक ---
धन, परिवार, भाषण, दाहिनी आंख, नाखून, जीभ, नाक, दांत, महत्वाकांक्षा, भोजन, कल्पना, धोखाधड़ी आभूषण,  कुटुंब, वाणी विचार, धन की बचत, सौभाग्य, लाभ-हानि, आभूषण, दृष्टि, दाहिनी आँख, स्मरण शक्ति, नाक, ठुड्डी, दाँत,  कला, सुख, गला, कान,
सूर्य :आत्मा, स्वास्थ्य, पिता, शक्ति, रॉयल्टी, सत्ता, शोहरत, नाम, साहस, विरासत, चिकित्सा,  प्रतिष्ठा, ताकत, , ज्ञान इच्छाशक्ति, ऊर्जा,सौभाग्य ,

 कुंडली से जाने नौकरी प्राप्ति का समय  नियम: प्रथम, दूसरा भाव, छठे भाव,दशम भाव एवं एकादश भाव का संबंध  या इसके स्वामी से होगा तो  नौकरी के योग बनते  है ।
डी 9 ,डी १० चार्ट मे भी दिखना है। 
लग्न के स्वामी की दशा और अंतर्दशा में 
नवमेश की दशा या अंतर्दशा में 
षष्ठेश की दशा या, अंतर्दशा में
प्रथम,दूसरा , षष्ठम, नवम और दशम भावों में स्थित ग्रहों की दशा या अंतर्दशा में 

दशमेश की दशा या अंतर्दशा में
द्वितीयेश और एकादशेश की दशा या अंतर्दशा में  
नौकरी मिलने के समय जिस ग्रह की दशा और अंतर्दशा चल रही है उसका संबंध किसी तरह दशम भाव या दशमेश से ।
द्वितीयेश और एकादशेश की दशा या अंतर्दशा में भी नौकरी मिल सकती है।

छठा भाव :छठा भाव नौकरी का एवं सेवा का है।
छठे भाव का कारक भाव शनि है।
 दशम भाव या दशमेश का संबंध छठे भाव से हो तो जातक नौकरी  करता है।

राहु और केतु की दशा, या अंतर्दशा में :
जीवन की कोई भी शुभ या अशुभ घटना राहु और केतु की दशा या अंतर्दशा में हो सकती है। 
 गोचर: गुरु गोचर में दशम या दशमेश से नौकरी मिलने के समय केंद्र या त्रिकोण में ।गोचर : शनि और गुरु एक-दूसरे से केंद्र, या त्रिकोण में हों, तो नौकरी मिल सकती है,
गोचर  : नौकरी मिलने के समय शनि या गुरु का या दोनों का दशम भाव और दशमेश दोनों से या किसी एक से संबंध होता है।सरकारी नौकरी:यह जान लें कि दशम भाव बली हो तो नौकरी  .
 नौकरी के कारक ग्रहों का संबंध सूर्य व चन्द्र से हो तो जातक सरकारी नौकरी पाता है।
सूर्य. चंद्रमा व बृहस्पति
सरकारी नौकरी मै उच्च पदाधिकारी बनाता है।
द्वितीय, षष्ठ एवं दशम्‌ भाव को अर्थ-त्रिकोण सूर्य की प्रधानता होने पर  सरकारी
नौकरी करता है
 केंद्र में गुरु स्थित होने पर
सरकारी नौकरी मे  उच्च पदाधिकारी का पद प्राप्त होता है।
नौकरी  के अन्य योग :
शनि कुण्डली में बली हो  तो व्यक्ति नौकरी करता है.
मंगल
कुण्डली में बली हो तो पुलिस, खुफिया विभाग अथवा सेना में उच्च पद होने की संभावना होती है।
गुरु
कुण्डली में बली हो तो  जातक को अच्छा वकील, जज, धार्मिक प्रवक्ता , ख्याति प्राप्त ज्योतिर्विद बनाता है।
बुध
कुण्डली में बली हो तो  व्यापारी, लेखक, एकाउन्टेंट, लेखन एवं प्रकाशन, में  ।
शुक्र
कुण्डली में बली हो तो  फिल्मी कलाकार,  गायक, सौंदर्य संबंधी ।
राहु से आयात व्यापार एवं केतु से निर्यात व्यापार ।  

 कामयाबी योग :

कुंडली का पहला, दूसरा, चौथा, सातवा, नौवा, दसवा, ग्यारहवा घर तथा इन घरों के स्वामी  अपनी दशा और अंतर्दशा में  जातक को कामयाबी प्रदान करते है। 
फलादेश कैसे करते  है ----
 - जो ग्रह अपनी उच्च, अपनी या अपने मित्र ग्रह की राशि में हो - शुभ फलदायक होगा।
- इसके विपरीत नीच राशि में या अपने शत्रु की राशि में ग्रह अशुभफल दायक होगा।
- जो ग्रह अपनी राशि पर दृष्टि डालता है, वह शुभ फल देता है।
-त्रिकोण के स्वा‍मी सदा शुभ फल देते हैं।
- क्रूर भावों (3, 6, 11) के स्वामी सदा अशुभ फल देते हैं।
- दुष्ट स्थानों (6, 8, 12) में ग्रह अशुभ फल देते हैं।
- शुभ ग्रह केन्द्र (1, 4, 7, 10) में शुभफल देते हैं, पाप ग्रह केन्द्र में अशुभ फल देते हैं।
-बुध, राहु और केतु जिस ग्रह के साथ होते हैं, वैसा ही फल देते हैं।
- सूर्य के निकट ग्रह अस्त हो जाते हैं और अशुभ फल देते हैं। 


सूर्य और कॅरियर:  दसवां भाव सूर्य काघर माना गया है। दसवें घर से  प्रोफेशन, कॅरियर, कार्यस्थल, कार्य सफलता, प्रगति देखी जाती है। दसवें भाव में कोई अनिष्टकारी घर बैठा हो, सूर्य नीच एवं किसी ग्रह से पीड़ित हो,  सूर्य को ग्रहण लगा हो तो व्यक्ति के कॅरियर में समस्याएं आती हैं। 
नौकरी मिलने में बाधा आ रही हो और पदोन्नति में समस्याएं आ रही हो ,उन्हें सूर्य साधना से अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है।
 सूर्य के उपाय 
आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करे 3 बार सूर्य के सामने
 ॐ घृणी सूर्याय नमः  का कम से कम 108 बार जप कर ले
 गायत्री का जप कर ले
 घर की पूर्व दिशा से रौशनी  आयेगी तो अच्छा रहेगा ।
घर में तुलसी का पौधा जरूर लगा दे
पिता की सेवा
शराब और मांसाहार न खिलाये
शिवजी ,पीपल के उपाय।

 कॅरियर में सफलता के लिए आदित्य हृदय स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करें।
लाल वस्त्र, लाल चन्दन, तांबे का बर्तन, केसर, गुड़, गेहूं का दान रविवार को करना शुभ फल प्रदान करता है।
 रविवार काव्रत रखें, इस दिन नमक का प्रयोग न करें।
  घर से बहार निकलने से पहले थोड़ा सा गुड़ खाएं।
 माता पिता के पांव छुकर आशीर्वाद लें।

 नोट :अपनी  कुंडली अच्छे ज्योतिष को  दिखाइए ।

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