Thursday, September 4, 2014

प्रश्न कुण्डली से जाने आपका भविष्य - जिन जातको का जन्‍म समय मालूम नहीं हैं :who do not know the time of birth :Horary Astrology :Astrology Simplified Videos:

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 By Astrologer Housi Lal Chourey :प्रश्न कुण्डली  से जाने आपका भविष्य - जिन जातको का जन्‍म समय मालूम नहीं हैं :who do not know the time of birth :Horary Astrology :
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प्रश्न कुण्डली  से जाने आपका भविष्य - जिन जातको का जन्‍म समय मालूम नहीं हैं ?
 प्रश्न कुण्डली के कारण जन्म समय की जानकारी होना ज़रूरी नहीं है
 प्रश्न कुण्डली से अभी आपके मन मे कोनसा प्रश्न चल रहा है  उसका जवाब  मिल  जाता  हैं। आप जो चाहतो  हो वह  इच्छा पूरी होगी या नहीं ? इस प्रकार से  समस्या का समाधान मिल जाता है।  जिस समय किसी व्यक्ति के मन में कोई प्रश्न     होता है, उसी समय प्रश्न कुंडली बनाई बनाई    जाती  है।
प्रश्न कुण्डली में कार्य भाव और कार्येश की प्रमुख   होता  है .
 प्रश्न कर्ता की समस्या की जानकारी चन्द्रमा से  देख  सकते है ,   प्रश्न कुण्डली में लग्न भाव में चद्रमा   हो  तो निवास ,
 दूसरे भाव से धन,
 तीसरे भाव से दूर रहने की ,
 चौथे भाव में मकान ,
 पांचवे भाव से संतान,
 छठे भाव से ऋण,
 सांतवें भाव से विवाह या पाटनरशिप ,
 आंठवें भाव से पैतृक संम्पति , या अचानक  लाभ,
 नवम भाव से  लम्बी दूरी जाना ,
दशम भाव से  कैरियर ,
एकादश भाव में लाभ ,
द्वादश bhav  विदेश यात्रा।
प्रश्न कुण्डली कारण  ग़लती होने की संभावना नहीं रहती है, क्योंकि इसमें प्रश्न किये जाने का समय ठीक होता है जिसके कारण गलती नहीं होती है।
प्रश्‍न कुण्‍डली के  लाभ
जन्‍म समय जरूरत नहीं।    
सवाल के जवाब ठीक प्राप्त होते हैं  ।
जिस जातक को जन्‍म समय नहीं मालूम  है उनको अपनी समस्या का समाधान  मिलता है।
प्रश्न कुण्डली
 जातक  प्रश्न पूछता है तो उस समय में ग्रहों की स्थिति   को जानकर प्रश्न कुंडली बनती  है.
प्रश्न कुण्डली मे :
पहला भाव से
जातक का  स्वास्थ्य,आदि का पता चलता है.
दूसरा भाव से
कुटुम्ब  , धन,  चल संपत्ति,
तीसरा भाव से
छोटे भाई बहन, संचार, लेखन,  छोटी यात्रा, साहस.
चौथा भाव से
माँ, घर,  भवनों,  वाहनों, परिवार की खुशी।
पांचवां भाव से
बच्चे, प्रेम ,  शिक्षा,  सट्टा, शेयर, मनोरंजन,
छठा भाव से
 रोग, ऋण,दुश्मन,  मुकदमेबाजी,  प्रतियोगिता,
सातवां भाव से
जीवन साथी इत्यादि
आठवां भाव से
दीर्घायु, बीमार , दुर्घटनाओं, बीमा, पति या पत्नी का पैसा,
नवाँ भाव से
पिता, लंबी यात्रा, धार्मिकता,  विदेशी यात्रा, उच्च शिक्षा,
दसवां भाव से कैरियर, व्यवसाय,   नौकरी ,सामाजिक स्थिति, प्रसिद्धि, पिता,
ग्यारहवां भाव से लाभ ,बडे़ भाई बहन, दोस्तोंइत्यादि
बारहवां भाव से
व्यय, अस्पताल, जेल, , विदेश यात्रा इत्यादि ,
 ग्रहों के मूल कारक ये है..
 सूर्य ग्रह को   पिता कारक  है।
  चंद्रमा ग्रह मां , मन का कारक है.
  मंगल ग्रह   भाइयों, भूमी और साहस का कारक  है  .
  बुध ग्रह   वाणी ,बुद्धि का कारक है  .
  बृहस्पति गृह    ज्ञान, संतान. का  कारक है .
  शुक्र गृह    वाहनों, भौतिक सुख का कारक है। 
   शनि गृह   मृत्यु, रोग, दु: ख, सेवकों  का कारक हैं .

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